अन्ना पशु नहीं खराब करेंगे फसल, बुंदेलखंड में खुलेगा गोकुलग्राम 

Diti BajpaiDiti Bajpai   26 Jun 2017 9:44 AM GMT

अन्ना पशु नहीं खराब करेंगे फसल, बुंदेलखंड में खुलेगा गोकुलग्राम अन्ना प्रथा को रोकने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय गोकुल मिशन कार्यक्रम की शुरुआत की है।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। कई वर्षों से चली आ रही अन्ना प्रथा को रोकने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय गोकुल मिशन कार्यक्रम की शुरुआत की है, इस कार्यक्रम के अंतर्गत बुदेलखंड के सात जिलों में एक गोकुलग्राम घोषित कर एक हज़ार पशुओं को पाला जाएगा। इसके लिए शासन ने मुख्य पशुचिकित्साधिकारी को पत्र लिखकर पशुबाड़े की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। यह गोकुलग्राम तीन सौ पचास एकड़ भूमि में खोला जाएगा।

केंद्र सरकार ने 28 जुलाई 2014 को स्वदेशी गायों के संरक्षण और नस्लों के विकास को वैज्ञानिक तरीके से प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन की शुरुआत की थी। इस मिशन के तहत गोकुलग्राम का निर्माण करना था। अब तक पूरे देश में सिर्फ 14 गोकुलग्राम की स्थापना हो पाई है, लेकिन बुन्देलखंड के किसानों की समस्याओं को देखते हुए योगी सरकार ने इस कार्यक्रम की शुरुआत की है। यह मिशन राष्ट्रीय पशु प्रजनन एवं डेयरी विकास कार्यक्रम पर केन्द्रित परियोजना है।

ये भी पढ़ें- पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए कलंक बन रही काली नदी, 1200 गाँव बीमारियों की चपेट में

कृषि मंत्रालय द्वारा जारी 19वीं पशुगणना के अनुसार, पूरे बुंदेलखंड में 23 लाख 50 हजार गोवंश हैं। जिनमें से अधिकांश छुट्टा हैं, जिन्हें स्थानीय भाषा में अन्ना कहा जाता है। इन्हीं पशुओं की बदौलत बुंदेलखंड दुनिया में सबसे कम उत्पादकता वाले क्षेत्र में शामिल है। हमीरपुर जिले के मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डॉ. विजय सिंह ने बताया, “जिले में 50 हज़ार से भी ज्यादा जानवर छुट्टा घूम रहे हैं। इससे किसानों की 70 फीसदी फसल नष्ट हो रही है। गोकुल ग्राम से किसानों को काफी राहत मिलेगी।

इस कार्यक्रम से बुन्देलखंड के सात जिलों में गोकुल ग्राम को पीपीपी (प्राइवेट पब्लिक पार्टनर्स) के तहत तैयार किया जाएगा। इस कार्यक्रम में कोई भूमि देना चाहे या कोई अन्य सहयोग करना चाहता है। तो वो अपने जिले के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी से संपर्क कर सकता है।” डॉ. सिंह ने आगे बताया, “इस पशुबाड़े को वैज्ञानिक ढंग से विकसित किया जाएगा। पशु के गोबर, गोमूत्र सभी को उपयोग में लाया जाएगा इस पशुबाड़े में जो भी पशु दुधारू होंगे। उनका दूध निकालकर उससे होने वाली आय को ईएसआई गोकुल ग्राम के काम में लगाया जाएगा।”

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.