सीएम योगी के आदेश का नहीं चला जादू, बुंदेलखंड की सड़कें जस की तस
गाँव कनेक्शन | Jun 09, 2017, 16:54 IST
सुखवेन्द्र सिंह परिहार, स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट
महरौनी (ललितपुर)। सीएम योगी ने प्रदेश की 1.20 लाख किलोमीटर की बदहाल सडकों गड्डा मुक्त करने का निर्देश दिया था। निर्देश की तिथि 15 जून आने वाली हैं, इसके बाद भी बुन्देलखण्ड की सड़कें गड्डा मुक्त नहीं हो पाईं। ललितपुर जनपद से महरौनी तहसील की पूर्व दिशा में बनी महरौनी से सौजना सड़क दूरी 18 किमी व महरौनी से नाराहट 28 किमी सहित ग्रामीण क्षेत्रों की 15 सड़कें अभी बदहाल हैं।
महरौनी-सौजना सड़क मार्ग। प्रधानमंत्री सड़क योजना अंर्तगत करबी साल पहले इस सड़कों को निर्माण हुआ था। ये दोनों सड़कें दो वर्ष भी नहीं चल पाई और गड्ढों में तब्दील हो गई। ककरूवां गाँव के बिन्दपाल सिंह (55वर्ष) बताते हैं, " यह सड़क फोर लाईन को जोड़ती है। महरौनी से नाराहट सड़क की एक भी बार मरम्मत नहीं हुई । सड़क पर पैदल चलना किसी चुनौती से कम नहीं है।”
मुहम्मद रिजवान साविर, अधिशाषी अभियंता ,आरईएस
वहीं, अजान गाँव के रतनसिंह यादव (27 वर्ष) बताते हैं, "सड़क पर आए दिन हादसे होते रहते हैं। योगी सरकार की घोषणा थी कि सड़कें गड्डे मुक्त होगी,15 जून तक ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है।” यही हाल महरौनी से सौजना तक बनी सड़क का है, 18 किमी की दूरी तय करने में ग्रामीण को मसक्कत करनी पड़ती है।
क्योलारी गाँव के हरि सिंह लोधी (54वर्ष) बताते हैं, "सड़क की कोई सुध नहीं लेता। सड़क पर घटना होना आम बात है।” टैक्सी ड्राईवर बलखण्डी (38वर्ष) बताते हैं, "एक साल पहले नई गाड़ी खरीदी थी, अब गाड़ी कंडम होने लगी है। ये सड़कें कब गड्ढा मुक्त होंगी कुछ कहा नहीं जा सकता।” ये हालात तब हैं जबकि ग्राम्य विकास राज्य मंत्री महेन्द्र सिंह ने तीन दिन पहले ही आदेश किया है कि इन सड़कों की विशेष मरम्मत की जाए।
महरौनी (ललितपुर)। सीएम योगी ने प्रदेश की 1.20 लाख किलोमीटर की बदहाल सडकों गड्डा मुक्त करने का निर्देश दिया था। निर्देश की तिथि 15 जून आने वाली हैं, इसके बाद भी बुन्देलखण्ड की सड़कें गड्डा मुक्त नहीं हो पाईं। ललितपुर जनपद से महरौनी तहसील की पूर्व दिशा में बनी महरौनी से सौजना सड़क दूरी 18 किमी व महरौनी से नाराहट 28 किमी सहित ग्रामीण क्षेत्रों की 15 सड़कें अभी बदहाल हैं।
महरौनी-सौजना सड़क मार्ग। प्रधानमंत्री सड़क योजना अंर्तगत करबी साल पहले इस सड़कों को निर्माण हुआ था। ये दोनों सड़कें दो वर्ष भी नहीं चल पाई और गड्ढों में तब्दील हो गई। ककरूवां गाँव के बिन्दपाल सिंह (55वर्ष) बताते हैं, " यह सड़क फोर लाईन को जोड़ती है। महरौनी से नाराहट सड़क की एक भी बार मरम्मत नहीं हुई । सड़क पर पैदल चलना किसी चुनौती से कम नहीं है।”
वर्तमान बजट में ये सडकें गड्डा मुक्त नहीं हो सकती, क्योंकि 50 हजार प्रति किमी का ही बजट हैं। 99इतने कम बजट में सड़कें गड्डा मुक्त नहीं हो सकती। इसके लिए उप्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण से परफारमेन्स डिटेक्टिव 4,00 करोड़ रुपया का मिला है। उससे ये सड़कें बनायी जाएंगी।
वहीं, अजान गाँव के रतनसिंह यादव (27 वर्ष) बताते हैं, "सड़क पर आए दिन हादसे होते रहते हैं। योगी सरकार की घोषणा थी कि सड़कें गड्डे मुक्त होगी,15 जून तक ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है।” यही हाल महरौनी से सौजना तक बनी सड़क का है, 18 किमी की दूरी तय करने में ग्रामीण को मसक्कत करनी पड़ती है।