खुद सहायता को तरस रहा बरेली में पुलिस का ये सहायता केंद्र

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खुद सहायता को तरस रहा बरेली में पुलिस का ये सहायता केंद्रपुलिस सहायता केंद्र

नवनीत शुक्ला, स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

बरेली। प्रदेश सरकार और पुलिस विभाग कम्युनिटी पुलिसिंग पर जोर देते रहते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। बरेली जिले के पीलीभीत बाईपास रोड पर सुरेश शर्मा नगर चौराहे से सटे ही एक पुलिस सहायता केंद्र पिछले चार वर्षों से खुद सहायता की राह देख रहा है।

भीड़ और व्यस्तता से पूर्ण यह चौराहा जिले के एक मेडिकल कॉलेज को भी मुख्य सड़क से जोड़ता है, जहां चैरिटेबल अस्पताल में दवाएं जांच और परामर्श सस्ता होने के कारण हज़ारों गाँव वाले यहां प्रतिदिन आते हैं। ग्रामीणों से ऑटो वाले मनमाना किराया वसूल करते हैं और बाहर से आने वालो को कई बार बीच रास्ते में ही उतार कर महानगर, फनसिटी, एयर फोर्स की तरफ बढ़ जाते हैं और लोग परेशान हो कर या तो दूसरा वाहन पकड़ते हैं या पैदल ही जातें हैं।

चौराहे पर बिरयानी का ठेला लगाने वाले अनुराग बताते हैं, "यहां मैंने इस पुलिस सहायता केंद्र में किसी पुलिस को ड्यूटी करते नहीं देखा।"

रोहिलखण्ड युनिवर्सिटी के छात्रों की पसंदीदा जगह होने के नाते यहां शाम को सैकड़ो छात्रों की भीड़ रहती हैं। पुलिसिंग न होने के कारन बगीचे में नशा करने वालों वालो की भीड़ इकट्ठी होती है जो छात्रों को शाम के समय अकेला पा कर सामान, मोबाइल पर्स और पैसे इत्यादि छीन लेते हैं।

बीटेक फाइनल दयर के छात्र शुभम (24 वर्ष) कहते हैं, "अपने जीवन के चार वर्षों में मैंने कई बार यहां क्षेत्रीय बच्चों से हॉस्टल वाले छात्रों कि कहा सुनी होते देखा है, जिसे आपसी बीच बचाव से ही शांत कराया गया। पुलिस कि कोई भूमिका नहीं दिखी। हां अब शाम को डायल 100 की एक गाडी खड़ी मिलती है।"

    

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