मेरठ में फफूंदी खत्म करने के लिए कृषि विभाग चलाएगा विशेष अभियान

Sundar ChandelSundar Chandel   8 July 2017 10:25 PM GMT

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मेरठ  में फफूंदी खत्म करने के लिए कृषि विभाग चलाएगा विशेष अभियानमेरठ में फसल की दुश्मन फफूंदी को मिटाएगा कृषि विभाग

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

मेरठ। खेतों में खड़ी फसल पर कहर बरपाने वाली फफूंदी को नष्ट करने के लिए विभागीय अधिकारियों ने कमर कस ली है। विभागीय अधिकारी बताते हैं कि इसके लिए किसानों का भी सहयोग लिया जाएगा। बरसात के मौसम में फफूंदी जनित रोगों से आगामी बुआई के समय ही निपटने की योजना बनाई जा रही है। इसके लिए जरूरी रसायनों और कीटनाशकों पर विभाग किसानों को 50 फिसदी तक अनुदान भी देगा।

किसान बड़ी मेहनत से फसल तैयार करता है, लेकिन खेतों में तैयार हो रही फसलों पर फफूंदी जनित रोगों का हमला होने से खेती बर्बाद हो जाती है। तैयार फसल पर इन रोगों निपट पाना भी मुश्किल होता है। कंडुआ, करनाल बंट और झुलसा जैसे फफूंदी जनित रोगों से निपटने के लिए रसायनों का सहारा लिया जाता है। इसके बाद भी फफूंदी 40 प्रतिशत फसल को नुकसान पहुंचा ही देती है।

मेरठ ब्लाक के गाँव कमालपुर निवासी किसान अशोक कुमार (45वर्ष) का कहना है, “इस बार फफूंदी की वजह से कई किसानों की सब्जी बर्बाद हो गई।” वहीं गाँव रछौती निवासी दीपक कुमार (33वर्ष) बताते हैं,“ अभी तो धान की फसल शुरू ही हुई है। कई खेतों पर फफूंदी ने अपना कब्जा जमा लिया है। ”

पोलियो की तर्ज पर चलेगा अभियान

फसलों को फफूंदी जनित रोगों से मुक्ति दिलाने के लिए कृषि विभाग ने कमर कस ली है। जिला कृषि अधिकारी रविन्द्र बताते हैं,“ फफूंदी जनित रोगों से निपटने केलिए बीज शोधन सबसे अच्छा तरीका है। गेहूं में करनाल बंट और कंडुआ नामक रोग से बड़ी फसल बर्बाद होती है। इस बार आगामी फसल बुआई से पहले ही इसकेखिलाफ अभियान छेड़ने की तैयारी है। खरीफ में लगाई जाने वाली सभी फसलों के बीज में कैमिकल मिलाया जाएगा। ताकि फफूंदी न पनप सके। किसानों को आर्थिक मदद देने के लिए विभाग की ओर से 50 फिसदी अनुदान भी दियाजाएगा।”

     

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