अब बिजली की कमी से नहीं रुकेगा ​मछली उत्पादन

Khadim Abbas RizviKhadim Abbas Rizvi   16 Jun 2017 12:07 AM GMT

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अब बिजली की कमी से नहीं रुकेगा ​मछली उत्पादनहैचरी में अब बिजली की कमी के चलते मछली का उत्पादन कार्य नहीं रुकेगा।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

जौनपुर। वाराणसी मंडल की एक मात्र हैचरी में अब बिजली की कमी के चलते मछली का उत्पादन कार्य नहीं रुकेगा। जौनपुर के खेतासराय स्थित गूजरताल में बनी हैचरी में मत्स्य बीज के लिए जरूरी स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने को बिजली सोलर सिस्टम से दी जाएगी। अब बिजली रहे या न रहे मत्स्य बीज के लिए स्वच्छ पानी की कमी नहीं हो पाएगी।

एक बार सबमर्सिबल के बोरिंग का काम पूरा हो जाएगा। इसके बाद सोलर सिस्टम लगाने के लिए टीम गूजर ताल हैचरी सर्वे करने के लिए पहुंचेगी और कार्य शुरू हो जाएगा।खेतासराय के गूजरताल में वाराणसी मंडल की एक मात्र हैचरी है। जहां जौनपुर चंदौली गाज़ीपुर और वाराणसी से मत्स्य बीज लेने के लिए मत्स्य पालक आते हैं।

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बता दें कि पिछले कई वर्ष गूजरताल हैचरी में मछली उत्पादन बंद चल रहा था। इसकी सबसे बड़ी वजह में से एक मत्स्य बीज को स्वच्छ पानी न उपलब्ध कराना भी था। दरअसल, मत्स्य बीज के लिए स्वच्छ पानी मिलना बहुत ही जरूरी होता है। जिसके लिए बिजली की भी जरूरत होती है।

अधिकारियों के मुताबिक मछली उत्पादन इसलिए भी बंद हो गया था कि गूजर ताल हैचरी में सबमर्सिबल के लिए जो कनेक्शन लगा था बिजली बिल जमा न होने के कारण उसे बिजली विभाग ने काट दिया था। ऐसे में सबमर्सिबल चल नहीं पाया और बाद में बोरिंग खराब हो गई। जबकि मछली उत्पादन भी बंद हो गया। जबकि मत्स्य पालकों को बाहर से महंगे दाम पर मत्स्य बीज खरीदने को मजबूर होना पड़ा।

हालांकि इस बार सरकार ने 32 लाख मत्स्य बीज गूजरताल हैचरी को उपलब्ध कराने की बात कही है। जबकि मत्स्य बीज को स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने के लिए नए सिरे सबमर्सिबल की बोरिंग का कार्य किया जा रहा है। रही बात सबमर्सिबल को बिजली देने की तो बिजली सोलर सिस्टम से दी जाएगी। ताकि बिजली का कोई चक्कर ही न रहे। इन दिनों सबमर्सिबल की बोरिंग का कार्य तेजी के साथ चल रहा है। एक—दो दिन में अधिकारी बोरिंग का कार्य पूरा होने की बात कह रहे हैं। इसके बाद सोलर सिस्टम लगाने के लिए टीम सर्वे करने के लिए गूजर ताल हैचरी पहुचेगी।

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सोंधी ब्लॉक के खेतासराय निवासी छटटू सोनकर (45 वर्ष) का कहना है,“ मत्स्य पालकों को यहां से बीज मिलने लगेगा। उनके लिए इससे अच्छी बात क्या हो सकती है। प्राइवेट हैचरी से महंगे दाम पर मत्स्य बीज नहीं खरीदना पड़ेगा। ”शहर के हनुमानघाट निवासी कुंदर निषाद (25 वर्ष) का कहना है,“ मत्स्य न मिलने से धंधा चौपट हो गया था। इस बार मत्स्य बीज देने की बात अधिकारी कह रहे हैं। ”

वाराणसी मंडल के सीनियर इंस्पेक्टर मत्स्य विभाग के बीएन सिंह ने बताया कि गूजरताल हैचरी में सोलर सिस्टम लगाने के लिए शासन ने हरी झंडी दे दी है। इसका कार्य शुरू करने के लिए टीम जल्द ही सर्वे के लिए पहुंचेगी। जबकि सबमर्सिबल की बोरिंग का कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है।

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