जियो टैगिंग 2 से मनरेगा पर होगी सख्त निगरानी 

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जियो टैगिंग 2 से मनरेगा पर होगी सख्त निगरानी फोटो- गाँव कनेक्शन 

नवनीत अवस्थी

स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

उन्नाव। मनरेगा में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए अगले माह से उसकी मॉनीटरिंग और सख्त होने जा रही है। केंद्र सरकार की ओर से योजना में एक नवंबर से जियो टैगिंग 2 व्यवस्था लागू की जा रही है। इस नई व्यवस्था के लागू हो जाने के बाद पुराने काम को नया दिखाकर पैसा निकालने पर अंकुश लग जाएगा। साथ ही अन्य कमियों को भी दूर किया जा सकेगा।

रोजगार के लिए ग्रामीणों का शहरी इलाकों को पलायन रोकने और गाँवों का विकास करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में रहने वाले एक परिवार को एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम सौ दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जाता है। जानकारों की मानें तो ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने वाली मनरेगा ग्राम प्रधानों व ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों की मनमानी का शिकार हो गई और भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी होती चली गईं।

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केंद्र सरकार के पास मनरेगा में पुराने काम को नया दिखाकर पैसा निकालने की लगातार शिकायतें पहुंचीं तो इस पर अंकुश लगाने के लिए नई व्यवस्था तैयार की गई। अगले माह एक नवंबर से केंद्र सरकार जीओ टैगिंग 2 व्यवस्था लागू करने जा रही है। विभागीय सूत्रों की मानें तो नई व्यवस्था लागू हो जाने के बाद पुराने काम को नया दिखाकर उसके पैसे का बंदरबांट नहीं हो पाएगा।

नई व्यवस्था में इस तरह से होगा काम

जीओ टैगिंग 2 व्यवस्था लागू हो जाने के बाद ग्राम पंचायतों में जो भी काम चिन्हित होंगे। उसकी वित्तीय स्वीकृति के बाद डीपीआर फ्रीज करके भुवन ऐप (सेटेलाइट से जुड़ा) पर लोड किया जाएगा। भुवन ऐप चूंकि हर सचिव के मोबाइल पर लोड है इसलिए वह सेक्रेटरी के मोबाइल पर दिखने लगेगा। सेक्रेटरी उस प्रस्तावित काम की शुरुआत के पहले की दो फोटो खींचकर टैग करेगा। इसके बाद काम को मंजूरी दी जाएगी। काम आधा पूरा होने पर फिर दो फोटो और आखिर में काम समाप्ति के बाद भी सचिव को दो फोटो भेजनी होगी।

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सूत्रों की मानें तो नई व्यवस्था के लागू होने के बाद मस्टररोल जारी होने की प्रक्रिया बदल जाएगी। अभी तक की व्यवस्था में काम प्रस्तावित होते ही उसका मस्टररोल जारी हो जाता है। जीओ टैगिंग 2 व्यवस्था लागू होते ही पूरी प्रक्रिया के बाद मस्टररोल जारी होंगे।

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