जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते एक बार फिर शर्मशार हुआ जिला उन्नाव
Shrivats Awasthi 28 May 2017 2:33 PM GMT

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
उन्नाव। लाख कोशिशों के बाद भी अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल तस्वीर सुधरने का नाम नहीं ले रही है। शुक्रवार को इलाज के लिए अस्पताल पहुंची एक महिला ने डॉक्टर के पास पहुंचने से पहले दम तोड़ दिया।
सीने में दर्द व सांस लेने में परेशानी की शिकायत पर महिला पति के साथ इलाज कराने अस्पताल पहुंची थी। पत्नी को इमरजेंसी कक्ष तक पहुंचाने के लिए पति आधे घंटे तक स्ट्रेचर के लिए दौड़ता रहा, लेकिन उसे स्ट्रेचर नहीं मिल सका। स्ट्रेचर न मिलने पर पति कंधे पर पत्नी को लादकर डॉक्टर के पास पहुंचा, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
अचलगंज थानाक्षेत्र के कोरारी में रहने वाले राजेश की पत्नी ममता (35 वर्ष) को गुरुवार शाम कमर में तेज दर्द हुआ था। पति राजेश उसे लेकर जिला अस्पताल आया। यहां उसने हड्डी रोग विशेषज्ञ को दिखाया। इस दौरान डॉक्टर के कहने पर उसने प्राइवेट पैथॉलाजी में पत्नी का एक्स-रे कराया और दवा लेकर घर चला गया। देर शाम अचानक दर्द बढ़ने पर वह फिर पत्नी को लेकर शहर आया। जहां शहर के आवास-विकास स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में पत्नी को लेकर गया, लेकिन डॉक्टर के न मौजूद होने पर वह दोबारा जिला अस्पताल पहुंचा।
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इस बीच राजेश ने चिकित्सकों से पत्नी को इमरजेंसी गेट पर ही देखने की मिन्नतें कीं, लेकिन इमरजेंसी वार्ड में अधिक भीड़ होने से डॉक्टरों ने देखने से इंकार कर दिया। इस बीच लगभग एक घंटे तक ममता इमरजेंसी गेट पर ही पड़ी तड़पती रही। स्ट्रेचर न मिलने पर राजेश पत्नी को कंधे पर लादकर इमरजेंसी वार्ड तक पहुंचा, लेकिन तब तक उसकी सांसे थम चुकी थीं।
डॉक्टरों द्वारा ममता को मृत घोषित किए जाने के बाद राजेश अस्पताल की व्यवस्था को कोसता हुआ पत्नी के शव को लेकर घर चला गया। वहीं इस मामले में सीएमएस डॉ. एसपी चौधरी ने बताया, “यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं था। अगर परिजन शिकायत करते हैं तो मामले की जांच की जाएगी।
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जिला अस्पताल इमरजेंसी कक्ष में डॉक्टरों ने एक इंजेक्शन लगाने के साथ ही उसे कुछ दवाएं दे दी थीं, जिसके बाद वह पत्नी को लेकर घर चला गया। शुक्रवार अचानक पत्नी के सीने में तेज दर्द शुरू हो गया और सांस लेने में भी उसे तकलीफ होने लगी। जिस पर वह बाइक से पत्नी ममता को लेकर अस्पताल आने लगा। पीडी नगर में ममता बेहोश हो गई।
इस पर बाइक वहीं खड़ी कर दी और उसे रिक्शे से लेकर अस्पताल के इमरजेंसी गेट पर पहुंचा। जहां बेहोशी की हालत में पत्नी को इमरजेंसी कक्ष में ले जाने के लिए युवक आधे घंटे तक दौड़ता रहा, लेकिन उसे स्ट्रेचर नहीं मिल सका।
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