शिक्षकों के बच्चों के व्यावसायिक कोर्स का खर्च उठाएगी सरकार 

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शिक्षकों के बच्चों के व्यावसायिक कोर्स का खर्च उठाएगी सरकार जिले के शिक्षकों से 14 जुलाई तक मांगे गए आवेदन। 

ओपी सिंह परिहार, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

इलाहाबाद। सरकारी स्कूलों में तैनात शिक्षकों के बच्चों को व्यावसायिक शिक्षा के लिए सरकार की ओर से आर्थिक मदद दी जाएगी। इसके लिए जिले के शिक्षकों से 14 जुलाई तक आवेदन मांगे गए हैं। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद के निदेशक और राष्ट्रीय अध्यापक कल्याण प्रतिष्ठान के प्रदेशीय कार्यकारणी समिति के सचिव अमरनाथ वर्मा ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर आवेदन आमंत्रित किए हैं।

योजना की खास बात यह है कि किसी भी अध्यापक के केवल एक बच्चे के लिए यह सुविधा उपलब्ध होगी, दूसरे बच्चे के लिए किया गया आवेदन मान्य नहीं होगा।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले प्रतिष्ठान ने 18 मई को जारी पत्र में आदेश दिया है कि व्यावसायिक कोर्स के लिए मिलने वाली धनराशि आईएमपीएस मोड से ही वितरित की जाएगी, जिसमें शिक्षक शुल्क, प्रयोगशाला शुल्क और पुस्तकालय शुल्क की अदायगी की जाएगी।

संजय कुशवाहा, बेसिक शिक्षा अधिकारी, इलाहाबाद ने कहा कि व्यवसायिक कोर्स कर रहे शिक्षकों के बच्चों के कुछ खर्च करने के लिए शासनादेश जारी हुआ है, जिसके लिए आवेदन मंगाए जा रहे हैं, 14 जुलाई अंतिम तिथि निर्धारित की गई है।

इन कोर्सों के लिए मिलेगी मदद

योजना के तमाम नियमों के साथ-साथ व्यावसायिक कोर्स की सूची भी जारी की गई, जिसके लिए सरकार की ओर से मदद मुहैया करायी जाएगी। जिसमें चार वर्षीय (8 सेमेस्टर) डिग्री कोर्स, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, सिविल, इलेक्ट्रॉनिक्स, टेलीकम्युनिकेशन, ऑटो मोबाइल, कम्प्यूटर साइंस, केमिकल इंजीनियरिंग, अर्टिटेक्चर, टेक्सटाइल, रबर टेक्नॉलजी, माइनिंग, केमिकल टेक्नॉलजी, मेटालर्जिकल इंजीनियरिंग, प्रिंटिंग, नेवल अर्टिटेक्चर, पेट्रोलियम इंजीनियरिंग, फार्मेसी, इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल, एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग को शामिल किया गया है।

इसके अलावा डिप्लोमा कोर्स करने वालों के लिए यह बाध्यता है कि कोर्स की अवधि तीन साल से कम नहीं होनी चाहिए। बी फार्मा डिप्लोमा कोर्स दो साल से कम नहीं होना चाहिए। मेडिकल कोर्स में एलोपैथिक, होम्योपैथिक एवं आयुर्वेदिक के अलावा पशु चिकित्सकीय कोर्स को भी व्यावसायिक कोर्स की सूची में रखा गया है। मैनेजमेंट कोर्स ग्रेजुएशन के बाद दो साल से कम का नहीं होना चाहिए।

छात्रवृति्त का लाभ लेने वाले होंगे वंचित

शिक्षकों के बच्चों को व्यावसायिक कोर्स के लिए मिलने वाली धनराशि केवल शिक्षा सत्र 2014-15 के लिए ही है। साथ ही इसकी अधिकतम राशि 15,000 रुपए निर्धारित की गई है। नियम में यह भी कहा गया है कि पहले से छात्रवृति का लाभ ले रहे लाभार्थियों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। साथ हो कोर्स में फेल हो चुके छात्र भी इस योजना के लाभ से वंचित होंगे।

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