हस्तिनापुर सेंचुरी में बनेगा गैंडों का आशियाना

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हस्तिनापुर सेंचुरी में बनेगा गैंडों का आशियानाप्रतीकात्मक फोटो 

रवि कुमार/स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

हस्तिनापुर (मेरठ)। जल्द ही हस्तिनापुर सेंचुरी में भारतीय गैंडे विचरण करते नजर आएंगे। भारी भरकम शरीर वाले जानवर को मेहमान बनाकर सेंचुरी में लाने की तैयारी है। वन विभाग इस सेंचुरी का महत्व बढ़ाने के लिए गैंडे से जुडे एक बड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है।

सेंचुरी में भारतीय गैंडा यानी एक सींग वाले गैंडे को पुर्नस्थापित करने की योजना है। गैंडे के लिए आशियाना की तलाश कर ली गई है। विभागीय जानकारी के अनुसार, करीब 7400 हेक्टेयर ऐरिया गैंडों को समर्पित करने की योजना बनाई गई है। विशेषज्ञों ने क्लीनचिट दे दी है। गैंडे असम से लाने का प्लान है। मुख्य वन रक्षक मेरठ जोन मुकेश कुमार बताते हैं, “गैंडों की कम होती संख्या के कारण भारत सरकार ने इंडियन राइनो विजन 2020 की शुरुआत 2005 में की थी। वर्ष 2020 तक गैंडों की संख्या 3300 पहुंचनी है। इसके लिए सरकार ने असम सरकार से मिलकर एक टास्क फोर्स का गठन किया है। टास्क फोर्स का काम गैंडों को नए क्षेत्रों में पुर्नस्थापित करना है।”

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कोर कमेटी ने किया था निरीक्षण

सेंचुरी का प्रबंधन प्लान बनाने के लिए कोर कमेटी क्षेत्र का निरीक्षण कर चुकी है। कमेटी ने बिजनौर बैराज से लेकर शुक्रताल तक करीब 7400 से हेक्टेयर का एरिया गैंडों को स्थापित करने के लिए उपयुक्त पाया गया। दोनों ओर गंगा का किनारा है, इस बारे में मुख्य वन संरक्षक को प्रस्ताव भेजा गया है। असम वन विभाग, दुधवा नेशनल पार्क, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ या इंटरनेशनल राइनो फाउंडेशन के सहयोग से तकनीकी सर्वे कराने की मांग की है। मुख्य वन संरक्षक मेरठ जोन के मुताबिक एक्सपर्ट ने उक्त क्षेत्र का दौरा किया तो उन्होंने क्लीनचिट दे दी है। अब सर्वे और मैपिंग का काम होना है।

अभी देशभर में 1700 गैंडे

विभागीय जानकारी के अनुसार, देश में एक सींग वाले 1700 गैंडे हैं। 85 फीसदी असम राज्य में हैं। सरकार ने गैंडे को थ्रेनेड प्रजाति में चिन्हित किया है। दुधवा नेशनल पार्क में गैंडों को पुर्नस्थापित किया जा चुका है।

गैंडों को पुर्नस्थापित करने के लिए सर्वे किया जा चुका है। असम व अन्य जगहों पर संपर्क किया जा रहा है। जल्द ही योजना को अमली जामा पहना दिया जाएगा।
मुकेश कुमार, मुख्य वन संरक्षक, मेरठ

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