स्कूल के बच्चों ने बनाया मनी बैंक, चेकबुक से निकलता है पैसा

Rajeev ShuklaRajeev Shukla   26 April 2017 3:02 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
स्कूल के बच्चों ने बनाया मनी बैंक, चेकबुक से निकलता है पैसापैसे जमा करते बच्चे।

राजीव शुक्ला - संजीव शर्मा

स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

कानपुर। कानपुर नगर के ब्लाक कल्याणपुर के गाँव कटरी शंकरपुर सराय के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में पढ़ने वाले सभी छात्र और छात्राएं स्कूल में एक मनी बचत बैंक चलाते हैं। इस स्कूल में यहाँ पढ़ने वाले बच्चों का एक अपना मनी बैंक है। इस बैंक में वह अपनी पॉकेट मनी का रुपया जमा करते हैं और जब किसी छात्र को जरुरत पड़ती है तो वह चेकबुक के जरिए निकाल लेता है।

स्कूल की प्रिंसिपल शशि मिश्रा बताती हैं, “ इस स्कूल की शुरुआत लगभग आठ साल पहले हुई थी। पहले साल में केवल 15 ही विद्यार्थी थे। फिर हम लोगों ने घर-घर जाकर बच्चों के माता पिता से को उन्हें स्कूल भेजने के लिए राजी किया। वर्ष 2009 में स्कूल में मनी बैंक की शुरुआत की। छात्रों को पैसे का महत्व बताया और पैसा जमा करने के लिए स्कूल में एक बैंक खोलने की योजना की जानकारी बच्चों को दी । मनी बैंक को लेकर छात्रों में बहुत उत्सुकता थी। छात्र घर से मिलने वाले 1-2 या 5 रुपए को खर्च करने के बजाय मनी बैंक में जमा करने लगे हैं। बच्चों या उनके गरीब माता-पिता को जब भी पैसे की जरूरत पड़ती है तो छात्र चेक के जरिए पैसे निकाल कर अपने माता पिता को दे देते हैं। पैसे आने के बाद वो लोग बिना ब्याज के ली गई रकम वापस कर देते हैं। ”

शनिवार को खुलता है स्कूल का बैंक

शनिवार के दिन अपनी हर सप्ताह मिलने वाली पाकेट मनी जमा करनी होती है। यह बैंक केवल शनिवार को ही खुलता है। इस दिन का बच्चों को काफी बेसब्री से इंतजार रहता है। बच्चे लाइन में लगकर रुपए जमा करते हैं।

स्कूल के आस-पास करीब चार गांव मिलाकर 12 से 14 हजार की आबादी है, जिसमें ज्यादातर गरीब परिवार हैं। बैंक की मैनेजर सपना बताती हैं,“ बैंक हफ्ते में एक दिन शनिवार को खुलता है, जिसमें सभी छात्र-छात्राएं हफ्ते भर के पॉकेट मनी जमा करते हैं। कम से कम 10 रुपए जमा करना होता है। छात्रों को बैंक का सदस्य बनाकर उनकी पासबुक बना दी जाती है। इसमें छात्र का नाम, पिता का नाम, पता, मोबाइल नंबर लिखे जाते हैं। पैसा निकालने का कोई दिन तय नहीं है। जिसको जब जरुरत हो तो वो अपनी जरुरत के हिसाब से पैसा निकाल सकता हैइसके लिए छात्र को एक सादे कागज पर अपना नाम, पता और धनराशि लिख कर देनी होती है और सबसे पहले प्रिंसिपल को अपनी जरुरत बतानी पड़ती है।”

      

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.