अब मुख्यधारा से जुड़ेंगे बाल श्रमिक

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अब मुख्यधारा से जुड़ेंगे बाल श्रमिकयूनीसेफ व आइईडी के संयुक्त प्रयास से बालश्रमिकों को मुख्यधारा में लाया जाएगा।

हरिनरायण शुल्का, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

गोंडा। जिले में 85 गाँव ऐसे चिन्हित किए गए हैं जहां पर यूनीसेफ व आइईडी के संयुक्त प्रयास से बालश्रमिकों को मुख्यधारा में लाया जाएगा और ये बच्चे बालश्रम से मुक्त होंगे। इसके लिए जून से सितंबर तक कार्यक्रम चलाया जाएगा। इस कार्यक्रम में डीएम ने बीडीओ, एबीएसए, सचिव, प्रधान, अध्यापक को शामिल किया है। यह श्रम विभाग की अनूठी पहल है, जिससे ऐसे बच्चों के मां-बाप की माली हालत में सुधार के लिए प्रयास किया जाएगा।

देवीपाटन मंडल में क्लीयर प्रोजेक्ट की स्वीकृति शासन से मिल गई है, जिसके तहत गोंडा में 85 गाँव शामिल किए गए हैं। गाँव में गठित विद्यालय प्रबंध समिति के माध्मय से ऐसे घरों में पहुंचा जाएगा जिन घरों से बच्चे शिक्षा से वंचित हैं और पढ़ने की उम्र में काम कर रहे हैं। नि:शुल्क व अनिवार्य शिक्षा का लाभ ये बच्चे नहीं पा रहे हैं।

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यहां पर बीडीओ, एबीएसए गाँव में पहुंचकर इन बच्चों के अभिभावक के हालात देखेंगे। टीआरपी टेकिनकल रिसोर्स पर्सन अर्शी खान ने बताया, “यह कार्यक्रम बहुत महत्वपूण है, जिसको जमीनी बनाने के लिए डीएम की समिति सहयोग करेगी। 85 गाँव में सात हजार सात सौ नौ बच्चों को कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा।

डीपीआरओ से मिलकर गाँव स्तर के अधिकारियों से संपर्क किया जा रहा है।” उपायुक्त श्रम देवीपाटन मंडल शमीम अख्तर ने बताया, “क्लीयर परियोजना मंडल के चारों जिलों में स्वीकृत हुआ है। इसके तहत कार्रवाई शुरू कर दी गई है। गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच में तकनीकि रिसोर्स पर्सन की तैनाती कर दी गई है।”

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