खुले में शौच को मजबूर ग्रामीण 

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खुले में शौच को मजबूर ग्रामीण गाँव के लोगों को न तो कॉलोनी मिली और न ही शौचालय की अनुदान राशि प्राप्त हुई।

रोहित श्रीवास्तव, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

बहराइच। जिला मुख्यालय से महज दो किलोमीटर दूर स्थित सेखदहीर गाँव विकास की राह देख रहा है। यहां ग्रामीण कच्चे रास्ते से गुजरने को तो मजबूर हैँ ही, खुले में शौच जाना इसकी विवशता है। हालांकि ग्रामीण शौचालय बनवाना चाहते हैं, लेकिन उन्हें सरकारी सहायता नहीं मिल पा रही है।

बहराइज के जिलाधिकारी अजय द्वीप सिंह ने कहा कि “यह मामला अब मेरे संज्ञान में आया है। जल्द ही ग्रामीणों की इस समस्या का निस्तारण किया जाएगा।”

दुर्गादीन (60वर्ष) ने बताया, ‘‘संसाधनों से जूझ रहे गाँव की कई बार प्रधान ने फोटो खिंचवाई, बावजूद इसके न तो गाँव में कॉलोनी मिली और न ही शौचालय की अनुदान राशि प्राप्त हुई। मजबूरी में खुले में शौच जाना पड़ता है।”

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इसी गाँव की धनिया देवी (58 वर्ष) ने बताया, ‘‘कई बार प्रधान के साथ दो-तीन आदमी आए और फोटो लिए, लेकिन अभी तक शौचालय की अनुदान राशि का वितरण नहीं हुआ। पूरा गांव खुले में शौच जाने के लिए मजबूर है।”

वहीं ग्रामीण कय्यूम (60वर्ष) ने बताया, ‘‘मेरे यहां भी शौचालय नहीं है। हम लोगों ने प्रधान से कई बार कहा, पर प्रधान हमारी सुनवाई करने को तैयार नहीं हैं।”

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