By Dr SB Misra
Pluralism is not characteristic of a piece of land called country. It is enshrined in the people that constitute the Indian Nation.
Pluralism is not characteristic of a piece of land called country. It is enshrined in the people that constitute the Indian Nation.
By Dr SB Misra
भारत के बंटवारे का एक ही आधार समझ में आता है और वह है कायदे आजम मोहम्मद अली जिन्ना की जिद और उनकी शर्तें जिनके सामने भारत के बड़े-बड़े नेता झुक गए और वह सब कुछ मान लिया जो जिन्ना चाहते थे। कहने में संकोच नहीं होता कि बंटवारे के समय यदि वल्लभ भाई पटेल प्रधानमंत्री होते तो रेडक्लिफ की बनाई गई लकीर भिन्न होती और भारत का भाग्य 70 साल तक अजीबो गरीब हालात में नहीं रहता।
भारत के बंटवारे का एक ही आधार समझ में आता है और वह है कायदे आजम मोहम्मद अली जिन्ना की जिद और उनकी शर्तें जिनके सामने भारत के बड़े-बड़े नेता झुक गए और वह सब कुछ मान लिया जो जिन्ना चाहते थे। कहने में संकोच नहीं होता कि बंटवारे के समय यदि वल्लभ भाई पटेल प्रधानमंत्री होते तो रेडक्लिफ की बनाई गई लकीर भिन्न होती और भारत का भाग्य 70 साल तक अजीबो गरीब हालात में नहीं रहता।
By Dr SB Misra
By Dr SB Misra
By डॉ. शिव बालक मिश्र