By Dr SB Misra
Macaulay knew that he only had to produce clerks from colonial India, people who could write in English and Hindi. Today’s education department can’t achieve even that. Where teachers themselves lack in skills such as good handwriting and diction, it is unlikely for them to inculcate these in their students
Macaulay knew that he only had to produce clerks from colonial India, people who could write in English and Hindi. Today’s education department can’t achieve even that. Where teachers themselves lack in skills such as good handwriting and diction, it is unlikely for them to inculcate these in their students
By Dr SB Misra
पराधीन भारत में मैकाले को पता था कि उसें क्लर्क पैदा करने हैं यानी सही अंग्रेजी और हिन्दी लिखने वाले बाबू बनाने हैं। आज शिक्षा विभाग को पता नहीं कि क्लर्क भी तैयार हो पाएंगे अथवा नहीं। अच्छी लिखावट और शुद्ध लेख तो अध्यापकों का ही नहीं है तो बच्चों का कैसे होगा।
पराधीन भारत में मैकाले को पता था कि उसें क्लर्क पैदा करने हैं यानी सही अंग्रेजी और हिन्दी लिखने वाले बाबू बनाने हैं। आज शिक्षा विभाग को पता नहीं कि क्लर्क भी तैयार हो पाएंगे अथवा नहीं। अच्छी लिखावट और शुद्ध लेख तो अध्यापकों का ही नहीं है तो बच्चों का कैसे होगा।
By डॉ. शिव बालक मिश्र
By गाँव कनेक्शन
नीति आयोग द्वारा जारी 'स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स 2019' के अनुसार सरकारी स्कूलों में प्राथमिक स्तर पर दाखिले में चिंताजनक गिरावट दर्ज की गई है।
नीति आयोग द्वारा जारी 'स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स 2019' के अनुसार सरकारी स्कूलों में प्राथमिक स्तर पर दाखिले में चिंताजनक गिरावट दर्ज की गई है।
By Daya Sagar
प्राइमरी स्कूलों में स्वेटर वितरण का जायजा लेने के लिए गांव कनेक्शन की टीम ने राज्य के अलग-अलग ग्रामीण हिस्सों के सरकारी स्कूलों का दौरा किया। इस पड़ताल में बहुत कम ही स्कूल ऐसे मिले, जहां पर स्वेटर वितरण समय से पूरा हो चुका है।
प्राइमरी स्कूलों में स्वेटर वितरण का जायजा लेने के लिए गांव कनेक्शन की टीम ने राज्य के अलग-अलग ग्रामीण हिस्सों के सरकारी स्कूलों का दौरा किया। इस पड़ताल में बहुत कम ही स्कूल ऐसे मिले, जहां पर स्वेटर वितरण समय से पूरा हो चुका है।
By Daya Sagar
असर की 'अर्ली रिपोर्ट 2019' के अनुसार 4 से 8 वर्ष के 90 फीसदी बच्चों का नामांकन स्कूलों में हुआ है लेकिन इसमें लैंगिक विषमता साफ देखी जा सकती है।
असर की 'अर्ली रिपोर्ट 2019' के अनुसार 4 से 8 वर्ष के 90 फीसदी बच्चों का नामांकन स्कूलों में हुआ है लेकिन इसमें लैंगिक विषमता साफ देखी जा सकती है।
By गाँव कनेक्शन
The report pointed out that the children who have poor access to quality education are most likely to be residing in remote and rural belts globally and need an increased financial aid dedicated to public education. Details here.
The report pointed out that the children who have poor access to quality education are most likely to be residing in remote and rural belts globally and need an increased financial aid dedicated to public education. Details here.
By Dr SB Misra
वर्तमान में सत्तासीन लोगों से बड़ी उम्मीद थी कि उन्हें शिशु मन्दिर और विद्या भारती की संस्थाएं चलाने का लम्बा अनुभव है, जब 1952 में गोरखपुर में पहला शिशु मन्दिर खुला था। आज उनकी हजारों शिक्षण संस्थाएं चल रही हैं, लेकिन सरकारी शिक्षा को उसका क्या लाभ मिला।
वर्तमान में सत्तासीन लोगों से बड़ी उम्मीद थी कि उन्हें शिशु मन्दिर और विद्या भारती की संस्थाएं चलाने का लम्बा अनुभव है, जब 1952 में गोरखपुर में पहला शिशु मन्दिर खुला था। आज उनकी हजारों शिक्षण संस्थाएं चल रही हैं, लेकिन सरकारी शिक्षा को उसका क्या लाभ मिला।
By Daya Sagar
कोविड महामारी के कारण शिक्षा जगत पर बेहद प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। वहीं नई शिक्षा नीति लागू होने के कारण भी कई तरह के नए बदलाव हुए हैं और आगे भी होने हैं। ऐसे में शिक्षा जगत को बजट से काफी उम्मीदें थीं।
कोविड महामारी के कारण शिक्षा जगत पर बेहद प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। वहीं नई शिक्षा नीति लागू होने के कारण भी कई तरह के नए बदलाव हुए हैं और आगे भी होने हैं। ऐसे में शिक्षा जगत को बजट से काफी उम्मीदें थीं।
By Daya Sagar
उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा समस्या : जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है, वहीं शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यार्थियों और शिक्षकों के अनुपात में भारी अंतर इस समस्या को और जटिल बना देता है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 1 लाख 43 हजार 926 प्राथमिक शिक्षकों की कमी है।
उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा समस्या : जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है, वहीं शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यार्थियों और शिक्षकों के अनुपात में भारी अंतर इस समस्या को और जटिल बना देता है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 1 लाख 43 हजार 926 प्राथमिक शिक्षकों की कमी है।