By गाँव कनेक्शन
पर्यावरण मंत्रालय ने पर्यावरण प्रभाव आकलन का एक मसौदा जारी किया है और लोगों से इसके लिए सलाह मांगी है। वहीं पर्यावरण से जुड़े लोगों, विशेषज्ञों ने एक चिट्ठी लिखकर इस मसौदे की कमियों को गिनाते हुए इसे वापस लेने का अनुरोध केंद्र सरकार से किया है।
पर्यावरण मंत्रालय ने पर्यावरण प्रभाव आकलन का एक मसौदा जारी किया है और लोगों से इसके लिए सलाह मांगी है। वहीं पर्यावरण से जुड़े लोगों, विशेषज्ञों ने एक चिट्ठी लिखकर इस मसौदे की कमियों को गिनाते हुए इसे वापस लेने का अनुरोध केंद्र सरकार से किया है।
By गाँव कनेक्शन
देश के प्रख्यात पर्यावरण कर्मी प्रेम परिवर्तन उर्फ पीपल बाबा ने गिरते जलस्तर और पानी के टैंकरो की अनुपलब्धता के बीच जंगलों के बीच पेड़ पौधों को पानी पिलाने के लिए जलसंरक्षण की अनूठी तकनीकी अपनाई है।
देश के प्रख्यात पर्यावरण कर्मी प्रेम परिवर्तन उर्फ पीपल बाबा ने गिरते जलस्तर और पानी के टैंकरो की अनुपलब्धता के बीच जंगलों के बीच पेड़ पौधों को पानी पिलाने के लिए जलसंरक्षण की अनूठी तकनीकी अपनाई है।
By गाँव कनेक्शन
पीपल बाबा लॉकडाउन के दौरान भी 19 हजार से अधिक पेड़ लगा चुके हैं। वह देश के 18 राज्यों के 202 जिलों में 2 करोड़ से अधिक पेड़ लगा चुके पर्यावरणकर्मी प्रेम परिवर्तन उर्फ पीपला बाबा ने देश में 40 फीसदी क्षेत्र पर पेड़ लगाने की मुहिम चलाई है, जिसे वह हरियाली क्रांति का नाम देते हैं।
पीपल बाबा लॉकडाउन के दौरान भी 19 हजार से अधिक पेड़ लगा चुके हैं। वह देश के 18 राज्यों के 202 जिलों में 2 करोड़ से अधिक पेड़ लगा चुके पर्यावरणकर्मी प्रेम परिवर्तन उर्फ पीपला बाबा ने देश में 40 फीसदी क्षेत्र पर पेड़ लगाने की मुहिम चलाई है, जिसे वह हरियाली क्रांति का नाम देते हैं।
By Rohin Kumar
नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) और सिटिजनशिप एमेंडमेंट एक्ट (सीएए), 2019 के बाद अब विवादित पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना (ईआईए), 2020 के खिलाफ़ पूर्वोत्तर राज्यों खासकर असम में आंदोलन आकार लेता दिख रहा है।
नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) और सिटिजनशिप एमेंडमेंट एक्ट (सीएए), 2019 के बाद अब विवादित पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना (ईआईए), 2020 के खिलाफ़ पूर्वोत्तर राज्यों खासकर असम में आंदोलन आकार लेता दिख रहा है।
By Diti Bajpai
भारत में अब प्रति व्यक्ति सिर्फ 28 पेड़ बचे हैं और इनकी संख्या साल दर साल कम होती जा रही है। अगर हर एक बच्चा पेड़ को ऐसे ही अपना ले तो दुनिया बदल सकती है।
भारत में अब प्रति व्यक्ति सिर्फ 28 पेड़ बचे हैं और इनकी संख्या साल दर साल कम होती जा रही है। अगर हर एक बच्चा पेड़ को ऐसे ही अपना ले तो दुनिया बदल सकती है।
By गाँव कनेक्शन
लखनऊ पहुंचे डॉ. सुभाष पालेकर ने कहा, रासायनिक उर्वरक के अत्यधिक प्रयोग से तैयार की गई फसल और उसके उत्पाद से अनेकों रोगों से मानव जाति के साथ पूरा पर्यावरण प्रभावित हो रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए प्राकृतिक कृषि ही एक मात्र विकल्प है।
लखनऊ पहुंचे डॉ. सुभाष पालेकर ने कहा, रासायनिक उर्वरक के अत्यधिक प्रयोग से तैयार की गई फसल और उसके उत्पाद से अनेकों रोगों से मानव जाति के साथ पूरा पर्यावरण प्रभावित हो रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए प्राकृतिक कृषि ही एक मात्र विकल्प है।
By Tameshwar Sinha
By Shivani Gupta
For development projects, like the construction of metros or bullet trains, authorities cut trees and then promise to compensate by planting saplings as many as three or four times for every tree cut. But how many of these saplings actually survive? The reality is hard to digest
For development projects, like the construction of metros or bullet trains, authorities cut trees and then promise to compensate by planting saplings as many as three or four times for every tree cut. But how many of these saplings actually survive? The reality is hard to digest
By गाँव कनेक्शन
दीवारों पर महिलाओं द्वारा किए गए पेंटिंग में आसपास का पर्यावरण बखूबी चित्रित होता है। इसमें नदी, पहाड़, रास्ते, पेड़, हिरन, बेल बूटे और गणितीय आकार भी हैं, जिसके जरिये स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया है।
दीवारों पर महिलाओं द्वारा किए गए पेंटिंग में आसपास का पर्यावरण बखूबी चित्रित होता है। इसमें नदी, पहाड़, रास्ते, पेड़, हिरन, बेल बूटे और गणितीय आकार भी हैं, जिसके जरिये स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया है।
By Ishtyak Khan