पर्यावरण विशेषज्ञों ने चिट्ठी लिखकर की पर्यावरण प्रभाव आकलन मसौदे को वापस लेने की अपील
पर्यावरण विशेषज्ञों ने चिट्ठी लिखकर की पर्यावरण प्रभाव आकलन मसौदे को वापस लेने की अपील

By गाँव कनेक्शन

पर्यावरण मंत्रालय ने पर्यावरण प्रभाव आकलन का एक मसौदा जारी किया है और लोगों से इसके लिए सलाह मांगी है। वहीं पर्यावरण से जुड़े लोगों, विशेषज्ञों ने एक चिट्ठी लिखकर इस मसौदे की कमियों को गिनाते हुए इसे वापस लेने का अनुरोध केंद्र सरकार से किया है।

पर्यावरण मंत्रालय ने पर्यावरण प्रभाव आकलन का एक मसौदा जारी किया है और लोगों से इसके लिए सलाह मांगी है। वहीं पर्यावरण से जुड़े लोगों, विशेषज्ञों ने एक चिट्ठी लिखकर इस मसौदे की कमियों को गिनाते हुए इसे वापस लेने का अनुरोध केंद्र सरकार से किया है।

संवाद: कृत्रिम जंगलों के निर्माण में कैसे पिलाएं पेड़ों को पानी, कैसे करें वाटर मैनेजमेंट?
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By गाँव कनेक्शन

देश के प्रख्यात पर्यावरण कर्मी प्रेम परिवर्तन उर्फ पीपल बाबा ने गिरते जलस्तर और पानी के टैंकरो की अनुपलब्धता के बीच जंगलों के बीच पेड़ पौधों को पानी पिलाने के लिए जलसंरक्षण की अनूठी तकनीकी अपनाई है।

देश के प्रख्यात पर्यावरण कर्मी प्रेम परिवर्तन उर्फ पीपल बाबा ने गिरते जलस्तर और पानी के टैंकरो की अनुपलब्धता के बीच जंगलों के बीच पेड़ पौधों को पानी पिलाने के लिए जलसंरक्षण की अनूठी तकनीकी अपनाई है।

पेड़ लगाना हो मौलिक कर्तव्य, तभी हो सकती है हरियाली क्रांति: पीपल बाबा
पेड़ लगाना हो मौलिक कर्तव्य, तभी हो सकती है हरियाली क्रांति: पीपल बाबा

By गाँव कनेक्शन

पीपल बाबा लॉकडाउन के दौरान भी 19 हजार से अधिक पेड़ लगा चुके हैं। वह देश के 18 राज्यों के 202 जिलों में 2 करोड़ से अधिक पेड़ लगा चुके पर्यावरणकर्मी प्रेम परिवर्तन उर्फ पीपला बाबा ने देश में 40 फीसदी क्षेत्र पर पेड़ लगाने की मुहिम चलाई है, जिसे वह हरियाली क्रांति का नाम देते हैं।

पीपल बाबा लॉकडाउन के दौरान भी 19 हजार से अधिक पेड़ लगा चुके हैं। वह देश के 18 राज्यों के 202 जिलों में 2 करोड़ से अधिक पेड़ लगा चुके पर्यावरणकर्मी प्रेम परिवर्तन उर्फ पीपला बाबा ने देश में 40 फीसदी क्षेत्र पर पेड़ लगाने की मुहिम चलाई है, जिसे वह हरियाली क्रांति का नाम देते हैं।

असम में पर्यावरण प्रभाव आकलन मसौदे (EIA 2020) का विरोध, बाघजान और डेहिंग पटकई से सीख लेने की अपील
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By Rohin Kumar

नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) और सिटिजनशिप एमेंडमेंट एक्ट (सीएए), 2019 के बाद अब विवादित पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना (ईआईए), 2020 के खिलाफ़ पूर्वोत्तर राज्यों खासकर असम में आंदोलन आकार लेता दिख रहा है।

नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) और सिटिजनशिप एमेंडमेंट एक्ट (सीएए), 2019 के बाद अब विवादित पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना (ईआईए), 2020 के खिलाफ़ पूर्वोत्तर राज्यों खासकर असम में आंदोलन आकार लेता दिख रहा है।

इन तीन हजार बच्चों ने की है पेड़ों से दोस्ती
इन तीन हजार बच्चों ने की है पेड़ों से दोस्ती

By Diti Bajpai

भारत में अब प्रति व्यक्ति सिर्फ 28 पेड़ बचे हैं और इनकी संख्या साल दर साल कम होती जा रही है। अगर हर एक बच्चा पेड़ को ऐसे ही अपना ले तो दुनिया बदल सकती है।

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जैविक नहीं, प्राकृतिक कृषि ही भारतीय पद्धति: डॉ. सुभाष पालेकर
जैविक नहीं, प्राकृतिक कृषि ही भारतीय पद्धति: डॉ. सुभाष पालेकर

By गाँव कनेक्शन

लखनऊ पहुंचे डॉ. सुभाष पालेकर ने कहा, रासायनिक उर्वरक के अत्यधिक प्रयोग से तैयार की गई फसल और उसके उत्पाद से अनेकों रोगों से मानव जाति के साथ पूरा पर्यावरण प्रभावित हो रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए प्राकृतिक कृषि ही एक मात्र विकल्प है।

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छत्तीसगढ़ में अनोखी शादी: दूल्हा-दुल्हन को रिश्तेदारों ने उपहार में दिए पौधे
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By Tameshwar Sinha

"What's the point of development when our kids are going to die because of pollution?"
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By Shivani Gupta

For development projects, like the construction of metros or bullet trains, authorities cut trees and then promise to compensate by planting saplings as many as three or four times for every tree cut. But how many of these saplings actually survive? The reality is hard to digest

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दस हजार महिलाओं ने मिलकर बदली मध्य प्रदेश के गांवों की तस्वीर
दस हजार महिलाओं ने मिलकर बदली मध्य प्रदेश के गांवों की तस्वीर

By गाँव कनेक्शन

दीवारों पर महिलाओं द्वारा किए गए पेंटिंग में आसपास का पर्यावरण बखूबी चित्रित होता है। इसमें नदी, पहाड़, रास्ते, पेड़, हिरन, बेल बूटे और गणितीय आकार भी हैं, जिसके जरिये स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया है।

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पौधे लगाकर दिए पर्यावरण बचाने के संदेश
पौधे लगाकर दिए पर्यावरण बचाने के संदेश

By Ishtyak Khan

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