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मध्य हिमालय में संकट का सायरन: आने वाले दशकों में 100 साल वाली बाढ़ हर 5 साल में लौटेगी
मध्य हिमालय में संकट का सायरन: आने वाले दशकों में 100 साल वाली बाढ़ हर 5 साल में लौटेगी

By Gaon Connection

मध्य हिमालय में बारिश का पैटर्न बदल चुका है, कुछ घंटों में महीनों जितनी बारिश, और नदियाँ पहले से अधिक उफनती हुई। नई वैज्ञानिक स्टडी चेतावनी देती है कि आने वाले दशकों में बाढ़ सिर्फ बढ़ेगी ही नहीं, बल्कि पहाड़ों की ज़िंदगी की दिशा ही बदल देगी।

मध्य हिमालय में बारिश का पैटर्न बदल चुका है, कुछ घंटों में महीनों जितनी बारिश, और नदियाँ पहले से अधिक उफनती हुई। नई वैज्ञानिक स्टडी चेतावनी देती है कि आने वाले दशकों में बाढ़ सिर्फ बढ़ेगी ही नहीं, बल्कि पहाड़ों की ज़िंदगी की दिशा ही बदल देगी।

आज क्या होगा चेरी का भाव? रियल-टाइम AI सिस्टम से मिलेगा सटीक अनुमान
आज क्या होगा चेरी का भाव? रियल-टाइम AI सिस्टम से मिलेगा सटीक अनुमान

By Gaon Connection

भारत में चेरी जैसे ज़ल्दी खराब होने वाले और महंगे फलों की कीमतें अब अंदाज़ों पर नहीं, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर तय होंगी। वैज्ञानिकों ने डीप लर्निंग आधारित ऐसा सिस्टम विकसित किया है, जो अलग-अलग मंडियों से मिलने वाले रियल-टाइम डेटा के आधार पर रोज़ाना चेरी के दामों का बेहद सटीक पूर्वानुमान देता है।

भारत में चेरी जैसे ज़ल्दी खराब होने वाले और महंगे फलों की कीमतें अब अंदाज़ों पर नहीं, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर तय होंगी। वैज्ञानिकों ने डीप लर्निंग आधारित ऐसा सिस्टम विकसित किया है, जो अलग-अलग मंडियों से मिलने वाले रियल-टाइम डेटा के आधार पर रोज़ाना चेरी के दामों का बेहद सटीक पूर्वानुमान देता है।

मत्स्य पालन में डिजिटल क्रांति: मोबाइल ऐप्स और ड्रोन से होगी 2025 की जनगणना
मत्स्य पालन में डिजिटल क्रांति: मोबाइल ऐप्स और ड्रोन से होगी 2025 की जनगणना

By Gaon Connection

भारत की पहली डिजिटल समुद्री मत्स्य जनगणना शुरू हो गई है। ‘व्यास भारत’ और ‘व्यास सूत्र’ जैसे मोबाइल ऐप्स के ज़रिए 13 तटीय राज्यों के 12 लाख मछुआरा परिवारों की जानकारी जुटाई जाएगी। ड्रोन सर्वे और रियल-टाइम डेटा ट्रैकिंग से यह अभियान मत्स्य क्षेत्र में पारदर्शिता, सटीकता और तकनीकी प्रगति का नया अध्याय बनेगा।

भारत की पहली डिजिटल समुद्री मत्स्य जनगणना शुरू हो गई है। ‘व्यास भारत’ और ‘व्यास सूत्र’ जैसे मोबाइल ऐप्स के ज़रिए 13 तटीय राज्यों के 12 लाख मछुआरा परिवारों की जानकारी जुटाई जाएगी। ड्रोन सर्वे और रियल-टाइम डेटा ट्रैकिंग से यह अभियान मत्स्य क्षेत्र में पारदर्शिता, सटीकता और तकनीकी प्रगति का नया अध्याय बनेगा।

मुर्रा भैंस के दूध में मिला नया बैक्टीरिया: थनैला रोग पर किया जा सकता है नियंत्रण
मुर्रा भैंस के दूध में मिला नया बैक्टीरिया: थनैला रोग पर किया जा सकता है नियंत्रण

By Gaon Connection

भारत में डेयरी किसानों के लिए सबसे बड़ी चुनौती - मास्टाइटिस यानी थनैला रोग पर अब एक नई वैज्ञानिक रोशनी पड़ी है। हिसार स्थित आईसीएआर-सीआईआरबी के वैज्ञानिकों ने मुर्राह भैंसों के दूध पर किए गए जीनोमिक अध्ययन में पाया कि Acinetobacter johnsonii नामक बैक्टीरिया इस रोग से गहराई से जुड़ा हुआ है। यह खोज न केवल संक्रमण के सही कारणों को समझने में मदद करेगी, बल्कि भविष्य में एंटीबायोटिक-फ्री डेयरी उत्पादन की दिशा में भी एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।

भारत में डेयरी किसानों के लिए सबसे बड़ी चुनौती - मास्टाइटिस यानी थनैला रोग पर अब एक नई वैज्ञानिक रोशनी पड़ी है। हिसार स्थित आईसीएआर-सीआईआरबी के वैज्ञानिकों ने मुर्राह भैंसों के दूध पर किए गए जीनोमिक अध्ययन में पाया कि Acinetobacter johnsonii नामक बैक्टीरिया इस रोग से गहराई से जुड़ा हुआ है। यह खोज न केवल संक्रमण के सही कारणों को समझने में मदद करेगी, बल्कि भविष्य में एंटीबायोटिक-फ्री डेयरी उत्पादन की दिशा में भी एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।

राजनीतिक या व्यावसायिक दल?
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By गाँव कनेक्शन

टैक्स को लेकर हैं कई सवाल, जिनके जवाब जानना ज़रूरी
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By गाँव कनेक्शन

औषधीय पौधों की खेती: सुनियोजित व्यवस्था की कमी
औषधीय पौधों की खेती: सुनियोजित व्यवस्था की कमी

By डॉ दीपक आचार्य

Improving Water Security in the Villages of Bihar
Improving Water Security in the Villages of Bihar

By Bidyut Majumdar

Several blocks in India’s most flood-prone state experience groundwater scarcity. Paani Samitis can promote efficient use of water for irrigation, improve access to potable water, and promote adoption of indigenous water conservation practices.

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A Garbage Bank To Tackle Plastic Waste In Dehradun
A Garbage Bank To Tackle Plastic Waste In Dehradun

By Laraib Fatima Warsi

The Dehradun Cantonment Board has set up a polythene waste bank and is engaging people to collect and deposit plastics at notified locations for which they will be paid.

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क्या सच में मनाएं किसान दिवस?
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By Deepak Acharya

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