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आप भी बना सकते हैं मिट्टी से अपना घर या दफ्तर, गर्मियों में नहीं पड़ेगी एसी की ज़रूरत
आप भी बना सकते हैं मिट्टी से अपना घर या दफ्तर, गर्मियों में नहीं पड़ेगी एसी की ज़रूरत

By Bedika Awasthi

शहर के बड़े से अपार्टमेंट में मिट्टी की दीवारें, ये सुनकर शायद आपको यकीन न हो; लेकिन एक युवा आर्किटेक्ट आजकल लोगों के घरों में मिट्टी की दीवार बनाने में मदद कर रहा है। इसकी ख़ास बात ये है कि ये गर्मी में ठंडा और ठंड में गर्म रहता है।

शहर के बड़े से अपार्टमेंट में मिट्टी की दीवारें, ये सुनकर शायद आपको यकीन न हो; लेकिन एक युवा आर्किटेक्ट आजकल लोगों के घरों में मिट्टी की दीवार बनाने में मदद कर रहा है। इसकी ख़ास बात ये है कि ये गर्मी में ठंडा और ठंड में गर्म रहता है।

गुजरात के युवा ने बनाया आटे से चम्मच, जिन्हें आप खा भी सकते हैं
गुजरात के युवा ने बनाया आटे से चम्मच, जिन्हें आप खा भी सकते हैं

By Ankit Chauhan

किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद करेगा इको फ्रेंडली खादी प्राकृतिक पेंट
किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद करेगा इको फ्रेंडली खादी प्राकृतिक पेंट

By गाँव कनेक्शन

इस नवाचार से अधिक से अधिक लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए केवीआईसी ने इस परियोजना को प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत शामिल किया है।

इस नवाचार से अधिक से अधिक लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए केवीआईसी ने इस परियोजना को प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत शामिल किया है।

मध्य प्रदेश: छात्रों ने स्कूल की लैब में फिटकरी से बनाई गणेश प्रतिमा, कहा- अशुद्ध नहीं होगा पानी
मध्य प्रदेश: छात्रों ने स्कूल की लैब में फिटकरी से बनाई गणेश प्रतिमा, कहा- अशुद्ध नहीं होगा पानी

By Sachin Tulsa tripathi

अब तक आपने मिट्टी और पीओपी (प्लास्टर ऑफ पेरिस) से बनी भगवान गणेश और मां दुर्गा की प्रतिमाएं देखी होंगी लेकिन सतना के सरकारी स्कूल के छात्रों ने विद्यालय की प्रयोगशाला में फिटकरी से गणेश प्रतिमा बनाई है। जिसकी चर्चा भी हो रही है।

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कचरे से कलाकारी: प्लास्टिक कचरे से इको-फ्रेंडली उत्पाद बनाकर आत्मनिर्भर बन रहीं महिलाएं
कचरे से कलाकारी: प्लास्टिक कचरे से इको-फ्रेंडली उत्पाद बनाकर आत्मनिर्भर बन रहीं महिलाएं

By Satish Malviya

महाशक्ति सेवा केंद्र, भोपाल में एक महिला-नेतृत्व वाली गैर-लाभकारी संस्था, प्लास्टिक कचरे से लैपटॉप बैग, टोकरी, पर्दे और कालीन बना रही हैं। ये महिलाएं पर्यावरण संरक्षण तो कर ही रहीं हैं, साथ ही उनकी आमदनी का एक जरिया भी मिला है।

महाशक्ति सेवा केंद्र, भोपाल में एक महिला-नेतृत्व वाली गैर-लाभकारी संस्था, प्लास्टिक कचरे से लैपटॉप बैग, टोकरी, पर्दे और कालीन बना रही हैं। ये महिलाएं पर्यावरण संरक्षण तो कर ही रहीं हैं, साथ ही उनकी आमदनी का एक जरिया भी मिला है।

Jharkhand's Sakhi Didis make eco-friendly rakhis, earn profit
Jharkhand's Sakhi Didis make eco-friendly rakhis, earn profit

By Vishnu Rajgadia

Raksha Bandhan festival carries a special flavour this year for the rural women of self-help groups across eight districts of Jharkhand as the more than 25,000 rakhis they have made are selling out fast.

Raksha Bandhan festival carries a special flavour this year for the rural women of self-help groups across eight districts of Jharkhand as the more than 25,000 rakhis they have made are selling out fast.

MeraPad sanitary napkins offer eco friendly and hygienic alternative to rural women
MeraPad sanitary napkins offer eco friendly and hygienic alternative to rural women

By Pradyuman Singh Shekhawat

A number of rural women in Rajasthan are switching over to eco-friendly woven-bamboo sanitary napkins being made by the Jaipur-based non-profit PraveenLata Sansthan. Each washable pad can last up to five years. The NGO has trained women to stitch and sell these pads.

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केले के तने भी आप को कर सकते हैं मालामाल, देखिए कैसे-कैसे बनते हैं प्रोडक्ट
केले के तने भी आप को कर सकते हैं मालामाल, देखिए कैसे-कैसे बनते हैं प्रोडक्ट

By गाँव कनेक्शन

Women at work: Self reliance from eco-friendly use of plastic waste
Women at work: Self reliance from eco-friendly use of plastic waste

By Satish Malviya

Mahashakti Seva Kendra, a women-led non-profit in Bhopal, recycles multilayer plastic waste, such as wafer and biscuit wrappers, into laptop bags, baskets, curtains and carpets. These women are contributing towards both environmental protection and their family income.

Mahashakti Seva Kendra, a women-led non-profit in Bhopal, recycles multilayer plastic waste, such as wafer and biscuit wrappers, into laptop bags, baskets, curtains and carpets. These women are contributing towards both environmental protection and their family income.

Eco-Friendly Rakhi: जलकुंभी से रक्षाबंधन पर पर्यावरण बचाने की नई पहल
Eco-Friendly Rakhi: जलकुंभी से रक्षाबंधन पर पर्यावरण बचाने की नई पहल

By Gaon Connection

सीतापुर की महिलाओं ने जलकुंभी से पर्यावरण-अनुकूल राखियां बनाकर आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश की है। यह पहल न केवल भाई-बहन के प्रेम के त्योहार रक्षाबंधन को एक नया आयाम देती है, बल्कि प्रकृति संरक्षण और ग्रामीण महिला सशक्तिकरण का भी प्रतीक है।

सीतापुर की महिलाओं ने जलकुंभी से पर्यावरण-अनुकूल राखियां बनाकर आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश की है। यह पहल न केवल भाई-बहन के प्रेम के त्योहार रक्षाबंधन को एक नया आयाम देती है, बल्कि प्रकृति संरक्षण और ग्रामीण महिला सशक्तिकरण का भी प्रतीक है।

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