By Diti Bajpai
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By Divendra Singh
देश में घोड़ों की संख्या में कमी एक बड़ी समस्या है, वैज्ञानिक इस समस्या से निपटने के लिए नए-नए प्रयोग कर रहे हैं। मारवाड़ी नस्ल की घोड़ी में पहलीभ्रूण स्थानांतरण तकनीक से राज प्रथमा का जन्म हुआ है।
देश में घोड़ों की संख्या में कमी एक बड़ी समस्या है, वैज्ञानिक इस समस्या से निपटने के लिए नए-नए प्रयोग कर रहे हैं। मारवाड़ी नस्ल की घोड़ी में पहलीभ्रूण स्थानांतरण तकनीक से राज प्रथमा का जन्म हुआ है।
By Divendra Singh
हरियाणा के झज्जर में 2 घोड़ों में हुई इस बीमारी की पुष्टि। पशुपालन विभाग ने जिले के 143 घोड़ों के सैंपल को राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र, हिसार भेजे थे। इसका नहीं कोई इलाज, पशु को मारना आखिरी विकल्प।
हरियाणा के झज्जर में 2 घोड़ों में हुई इस बीमारी की पुष्टि। पशुपालन विभाग ने जिले के 143 घोड़ों के सैंपल को राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र, हिसार भेजे थे। इसका नहीं कोई इलाज, पशु को मारना आखिरी विकल्प।
By गाँव कनेक्शन
कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए ब्रुक इंडिया ने दस राज्यों में समूह से जुड़ी महिलाओं को वीडियो कॉल की मदद से मास्क बनाने का प्रशिक्षण दिया। अब ये महिलाएं ईंट-भट्ठे पर काम करने वाले लोगों के साथ ही दूसरे लोगों को मुफ्त में मास्क बांट रहीं हैं।
कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए ब्रुक इंडिया ने दस राज्यों में समूह से जुड़ी महिलाओं को वीडियो कॉल की मदद से मास्क बनाने का प्रशिक्षण दिया। अब ये महिलाएं ईंट-भट्ठे पर काम करने वाले लोगों के साथ ही दूसरे लोगों को मुफ्त में मास्क बांट रहीं हैं।
By Diti Bajpai
By Diti Bajpai
ग्लैंडर्स जीवाणु जनित रोग है। इस बीमारी के बैक्टीरिया सेल में प्रवेश कर जाते हैं। इलाज से भी यह पूरी तरह नहीं मरते हैं। यह बीमारी ज्यादातर घोड़े, गधों और खच्चरों में होती है। इस बीमारी से पीड़ित पशु को मारना ही पड़ता है।
ग्लैंडर्स जीवाणु जनित रोग है। इस बीमारी के बैक्टीरिया सेल में प्रवेश कर जाते हैं। इलाज से भी यह पूरी तरह नहीं मरते हैं। यह बीमारी ज्यादातर घोड़े, गधों और खच्चरों में होती है। इस बीमारी से पीड़ित पशु को मारना ही पड़ता है।
By Diti Bajpai
By Diti Bajpai
After World War II, many nations had learned to control the disease, which doesn’t only kill the afflicted animal, but also humans coming in their contact. To avoid infection, the infected animal is shot immediately
After World War II, many nations had learned to control the disease, which doesn’t only kill the afflicted animal, but also humans coming in their contact. To avoid infection, the infected animal is shot immediately
By गाँव कनेक्शन
लेह-लद्दाख में पाए जाने जांस्कारी नस्ल की टट्टुओं की संख्या तेजी से घट रही है; ऐसे में वैज्ञानिकों के प्रयोग से बढ़िया नस्ल के घोड़े और टट्टू पैदा किए जा सकते हैं।
लेह-लद्दाख में पाए जाने जांस्कारी नस्ल की टट्टुओं की संख्या तेजी से घट रही है; ऐसे में वैज्ञानिकों के प्रयोग से बढ़िया नस्ल के घोड़े और टट्टू पैदा किए जा सकते हैं।