Bringing the girls back to school
Bringing the girls back to school

By Manoj Choudhary

Girls of Bijauli village in Dholpur, Rajasthan had to drop out of school after class 8 as there was no high school nearby. Upgrading of the local school has brought girls back to school, with more than half the school students now girls.

Girls of Bijauli village in Dholpur, Rajasthan had to drop out of school after class 8 as there was no high school nearby. Upgrading of the local school has brought girls back to school, with more than half the school students now girls.

When peers turn teachers to promote girls’ education
When peers turn teachers to promote girls’ education

By Manoj Choudhary

A Jamshedpur-based non-profit YUVA (Youth Unity for Voluntary Action) has roped in college students to hold free tutorial classes in five villages of East Singhbhum district in Jharkhand to ensure that girls from tribal communities have an opportunity to pursue their education.

A Jamshedpur-based non-profit YUVA (Youth Unity for Voluntary Action) has roped in college students to hold free tutorial classes in five villages of East Singhbhum district in Jharkhand to ensure that girls from tribal communities have an opportunity to pursue their education.

बजट 2021-22: बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने वाली योजनाओं के बजट में कटौती
बजट 2021-22: बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने वाली योजनाओं के बजट में कटौती

By Daya Sagar

ऐसे समय में जब कोरोना लॉकडाउन और स्कूल बंदी के कारण लड़कियों की शिक्षा सबसे अधिक प्रभावित हुई है, शिक्षा अधिकार कार्यकर्ताओं ने बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने वाली योजनाओं के बजट कम होने पर सवाल उठाए हैं।

ऐसे समय में जब कोरोना लॉकडाउन और स्कूल बंदी के कारण लड़कियों की शिक्षा सबसे अधिक प्रभावित हुई है, शिक्षा अधिकार कार्यकर्ताओं ने बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने वाली योजनाओं के बजट कम होने पर सवाल उठाए हैं।

शिक्षा अधिकार कार्यकर्ताओं की मांग, बजट में बालिका शिक्षा के लिए बढ़ोत्तरी की जाए
शिक्षा अधिकार कार्यकर्ताओं की मांग, बजट में बालिका शिक्षा के लिए बढ़ोत्तरी की जाए

By Daya Sagar

हाल ही में हुए एक सर्वे के अनुसार कोरोना के बाद लगभग 37% छात्र और छात्राएं इस बात को लेकर निश्चिंत नहीं हैं कि वे अब कभी स्कूल लौट सकेंगे। इसमें भी अधिकतर ग्रामीण और आर्थिक तौर पर कमजोर परिवारों की लड़कियाँ शामिल हैं।

हाल ही में हुए एक सर्वे के अनुसार कोरोना के बाद लगभग 37% छात्र और छात्राएं इस बात को लेकर निश्चिंत नहीं हैं कि वे अब कभी स्कूल लौट सकेंगे। इसमें भी अधिकतर ग्रामीण और आर्थिक तौर पर कमजोर परिवारों की लड़कियाँ शामिल हैं।

जहाँ कभी दूर-दूर तक एक भी स्कूल नहीं था, वहाँ गूँजती हैं 700 बच्चों की आवाज़
जहाँ कभी दूर-दूर तक एक भी स्कूल नहीं था, वहाँ गूँजती हैं 700 बच्चों की आवाज़

By Ambika Tripathi

धीरेन्द्र शर्मा बिहार के गया में बोधि ट्री एजुकेशनल फाउंडेशन चलाते हैं; महात्मा गाँधी के आदर्शों पर चलने वाले इस संस्थान में विदेशों से टीचर बच्चों को पढ़ाने आते हैं।

धीरेन्द्र शर्मा बिहार के गया में बोधि ट्री एजुकेशनल फाउंडेशन चलाते हैं; महात्मा गाँधी के आदर्शों पर चलने वाले इस संस्थान में विदेशों से टीचर बच्चों को पढ़ाने आते हैं।

आँखें खो चुकी बच्चियों को रोशनी देते हैं ये नेत्रहीन टीचर
आँखें खो चुकी बच्चियों को रोशनी देते हैं ये नेत्रहीन टीचर

By Ambika Tripathi

कर्नाटक के कलबुर्गी में एक रिटायर प्रोफ़ेसर भले देख पाने में सक्षम न हो, आँखें खो चुकी कई बच्चियों की सारी ज़िम्मेदारी वे खुद उठाते हैं जिससे वे अपने पैरों पर खड़ी हो सकें।

कर्नाटक के कलबुर्गी में एक रिटायर प्रोफ़ेसर भले देख पाने में सक्षम न हो, आँखें खो चुकी कई बच्चियों की सारी ज़िम्मेदारी वे खुद उठाते हैं जिससे वे अपने पैरों पर खड़ी हो सकें।

A teacher has trained over 30,000 girls in self-defence
A teacher has trained over 30,000 girls in self-defence

By Rajesh Khandelwal

A government school teacher in Alwar, Rajasthan, took it upon herself to teach self-defence to young girls so that they may never walk in fear. Asha Suman has so far taught self defence to more than 30,000 girls including 300 visually impaired and speech and hearing impaired ones, and women constables.

A government school teacher in Alwar, Rajasthan, took it upon herself to teach self-defence to young girls so that they may never walk in fear. Asha Suman has so far taught self defence to more than 30,000 girls including 300 visually impaired and speech and hearing impaired ones, and women constables.

हम पढ़ना चाहते थे, लेकिन...
हम पढ़ना चाहते थे, लेकिन...

By Shivani Gupta

पूरे भारत में 22 सितम्बर को डॉटर्स डे मनाया गया। इस बीच गाँव कनेक्शन की टीम ने झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की लड़कियों से बात की। उनसे उनके सपने के बारे में पूछा, बड़ी बात यह है कि लड़कियों का शिक्षा हासिल करने का सपना आज भी किसी चुनौती से कम नहीं है...

पूरे भारत में 22 सितम्बर को डॉटर्स डे मनाया गया। इस बीच गाँव कनेक्शन की टीम ने झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की लड़कियों से बात की। उनसे उनके सपने के बारे में पूछा, बड़ी बात यह है कि लड़कियों का शिक्षा हासिल करने का सपना आज भी किसी चुनौती से कम नहीं है...

महिलाओं की सामाजिक आजादी के लिए एक स्वतंत्रता सेनानी ने गांव में खोला था कन्या गुरुकुल
महिलाओं की सामाजिक आजादी के लिए एक स्वतंत्रता सेनानी ने गांव में खोला था कन्या गुरुकुल

By Ramji Mishra

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के एक छोटे से गाँव रुद्रपुर में एक स्वतंत्रता सेनानी द्वारा स्थापित किये गए कन्या गुरुकुल में आज भी कई बालिकाएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। स्वतंत्रता सेनानी सत्यदेव शास्त्री ने वर्ष 1983 में महिलाओं की सामाजिक आजादी के लिए इस कन्या गुरुकुल की स्थापना की थी।

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के एक छोटे से गाँव रुद्रपुर में एक स्वतंत्रता सेनानी द्वारा स्थापित किये गए कन्या गुरुकुल में आज भी कई बालिकाएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। स्वतंत्रता सेनानी सत्यदेव शास्त्री ने वर्ष 1983 में महिलाओं की सामाजिक आजादी के लिए इस कन्या गुरुकुल की स्थापना की थी।

प्राइमरी टीचर की पहल से सरकारी स्कूल की छात्राएं भी करती हैं पीरियड व मेंस्ट्रुअल हाइजीन के बारे में खुलकर बात
प्राइमरी टीचर की पहल से सरकारी स्कूल की छात्राएं भी करती हैं पीरियड व मेंस्ट्रुअल हाइजीन के बारे में खुलकर बात

By Aishwarya Tripathi

ग्रामीण इलाकों में ‘पीरियड’ और मेन्स्ट्रुअल हाइजीन एक ऐसा विषय है जिसके बारे में बात करना अच्छा नहीं माना जाता है। लेकिन गोरखपुर जिले के एक प्राइमरी स्कूल में पढ़ाने वाली टीचर श्रृंगिका राव अपने दम पर छात्राओं को इस बारे में शिक्षित करने का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने लड़कियों के साथ-साथ उनकी माँओं को भी शामिल करने के लिए मासिक धर्म स्वास्थ्य जागरूकता अभियान चलाया हुआ है।

ग्रामीण इलाकों में ‘पीरियड’ और मेन्स्ट्रुअल हाइजीन एक ऐसा विषय है जिसके बारे में बात करना अच्छा नहीं माना जाता है। लेकिन गोरखपुर जिले के एक प्राइमरी स्कूल में पढ़ाने वाली टीचर श्रृंगिका राव अपने दम पर छात्राओं को इस बारे में शिक्षित करने का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने लड़कियों के साथ-साथ उनकी माँओं को भी शामिल करने के लिए मासिक धर्म स्वास्थ्य जागरूकता अभियान चलाया हुआ है।

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