By Gaon Connection
भारत में मधुमक्खी पालन अब केवल शौक़ नहीं, बल्कि रोज़गार और आत्मनिर्भरता का मज़बूत साधन बन चुका है। राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन (NBHM) के तहत सरकार किसानों और महिला समूहों को वैज्ञानिक तकनीकों से जोड़ रही है, जिससे शहद उत्पादन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी और निर्यात में नई ऊंचाई मिली है।
भारत में मधुमक्खी पालन अब केवल शौक़ नहीं, बल्कि रोज़गार और आत्मनिर्भरता का मज़बूत साधन बन चुका है। राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन (NBHM) के तहत सरकार किसानों और महिला समूहों को वैज्ञानिक तकनीकों से जोड़ रही है, जिससे शहद उत्पादन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी और निर्यात में नई ऊंचाई मिली है।
By Divendra Singh
By गाँव कनेक्शन
कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह ने कहा बताया कि मधुमक्खी पालकों व सरकार के सामूहिक प्रयासों से वर्ष 2020-21 में देश में शहद का उत्पादन वर्ष 2013-14 के 76150 मीट्रिक टन से बढ़कर अब सवा लाख मीट्रिक टन हो गया है।
कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह ने कहा बताया कि मधुमक्खी पालकों व सरकार के सामूहिक प्रयासों से वर्ष 2020-21 में देश में शहद का उत्पादन वर्ष 2013-14 के 76150 मीट्रिक टन से बढ़कर अब सवा लाख मीट्रिक टन हो गया है।
By गाँव कनेक्शन
विश्व मधुमक्खी दिवस के अवसर पर जम्मू कश्मीर के पुलवामा, बांदीपुरा और जम्मू, कर्नाटक के तुमकुर, उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, पुणे में महाराष्ट्र और उत्तराखंड में शहद परीक्षण प्रयोगशालाओं और प्रसंस्करण इकाइयों का उद्घाटन किया गया।
विश्व मधुमक्खी दिवस के अवसर पर जम्मू कश्मीर के पुलवामा, बांदीपुरा और जम्मू, कर्नाटक के तुमकुर, उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, पुणे में महाराष्ट्र और उत्तराखंड में शहद परीक्षण प्रयोगशालाओं और प्रसंस्करण इकाइयों का उद्घाटन किया गया।
By Puja Bhattacharjee
नितिन सिंह ने 20 मधुमक्खी कॉलोनियों से शुरुआत की और आज उनकी कंपनी रॉयल हनी एंड बी फार्मिंग सोसाइटी द्वारा विकसित 1,200 कॉलोनियां हैं। शुद्ध जैविक शहद के अलावा, वह शहद एनर्जी ड्रिंक, लिप बाम, साबुन और मोमबत्तियों का भी व्यवसाय करते हैं और मधुमक्खियों को किसान का सबसे अच्छा दोस्त मानते हैं।
नितिन सिंह ने 20 मधुमक्खी कॉलोनियों से शुरुआत की और आज उनकी कंपनी रॉयल हनी एंड बी फार्मिंग सोसाइटी द्वारा विकसित 1,200 कॉलोनियां हैं। शुद्ध जैविक शहद के अलावा, वह शहद एनर्जी ड्रिंक, लिप बाम, साबुन और मोमबत्तियों का भी व्यवसाय करते हैं और मधुमक्खियों को किसान का सबसे अच्छा दोस्त मानते हैं।
By गाँव कनेक्शन
कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) में छोटे मधुमक्खी पालकों को शामिल करने के लिए जागरूकता अभियान चलाने के साथ ही उन्हें ट्रेनिंग देने का कार्यक्रम भी बनाया जाएंगे।
कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) में छोटे मधुमक्खी पालकों को शामिल करने के लिए जागरूकता अभियान चलाने के साथ ही उन्हें ट्रेनिंग देने का कार्यक्रम भी बनाया जाएंगे।
By Arvind Shukla
कषि एवं ग्रामीण विकास केंद्र, उद्यान विभाग और खादी बोर्ड के सेमिनार में मधुमक्खी पालकों ने गिनाईं समस्याएं, रखी मांगें.. खादी बोर्ड के आउटलेट और मंडियों में मिल सकती है किसानों को दुकानें
कषि एवं ग्रामीण विकास केंद्र, उद्यान विभाग और खादी बोर्ड के सेमिनार में मधुमक्खी पालकों ने गिनाईं समस्याएं, रखी मांगें.. खादी बोर्ड के आउटलेट और मंडियों में मिल सकती है किसानों को दुकानें
By दिति बाजपेई
Educated youth with postgraduate degrees in Kashmir are finding horticulture, bee-keeping and spice cultivation profitable ventures that not only earns them a livelihood but also generates employment to others.
Educated youth with postgraduate degrees in Kashmir are finding horticulture, bee-keeping and spice cultivation profitable ventures that not only earns them a livelihood but also generates employment to others.
By Divendra Singh
सरसों की खेती के लिए मशहूर चंबल का मुरैना जिला मधुमक्खी पालन का गढ़ बना रहा है, कृषि विज्ञान केंद्र की मदद से यहां के किसानों ने खेती के साथ मधुमक्खी पालन भी शुरू कर दिया है।
सरसों की खेती के लिए मशहूर चंबल का मुरैना जिला मधुमक्खी पालन का गढ़ बना रहा है, कृषि विज्ञान केंद्र की मदद से यहां के किसानों ने खेती के साथ मधुमक्खी पालन भी शुरू कर दिया है।
By Nidhi Jamwal
दक्षिण बिहार में आदिवासी महिलाओं की जिंदगी में बदलाव आ गया है, वो अब अपने बच्चों को पढ़ा रही हैं, क्योंकि उनके शहद का व्यवसाय अच्छे से चल रहा है। पिछले साल, महामारी के बीच, उन्होंने बांका मधु किसान उत्पादक संगठन का गठन किया और मुंबई तक सात टन शहद की आपूर्ति की।
दक्षिण बिहार में आदिवासी महिलाओं की जिंदगी में बदलाव आ गया है, वो अब अपने बच्चों को पढ़ा रही हैं, क्योंकि उनके शहद का व्यवसाय अच्छे से चल रहा है। पिछले साल, महामारी के बीच, उन्होंने बांका मधु किसान उत्पादक संगठन का गठन किया और मुंबई तक सात टन शहद की आपूर्ति की।