By गाँव कनेक्शन
शहद उत्पादक निमित सिंह गोरखपुर के रहने वाले हैं, जिन्होंने बी.टेक करने के बावजूद इंजीनियरिंग के क्षेत्र में करियर न बना कर शहद उत्पादन को प्राथमिकता दी। आज वह कामयाबी के साथ अपना उद्यम चला रहे हैं और कई लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं।
शहद उत्पादक निमित सिंह गोरखपुर के रहने वाले हैं, जिन्होंने बी.टेक करने के बावजूद इंजीनियरिंग के क्षेत्र में करियर न बना कर शहद उत्पादन को प्राथमिकता दी। आज वह कामयाबी के साथ अपना उद्यम चला रहे हैं और कई लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं।
By Gaon Connection
पिछले कुछ सालों में मधुमक्खी पालन के व्यवसाय की तरफ लोगों का रुझान बढ़ा है। कई ऐसे परिवार हैं जो साल में इससे अच्छी कमाई कर लेते हैं। राजस्थान के पिंटू मीना ने 28 बॉक्स से इसकी शुरुआत की थी आज 400 बॉक्स में मधुमक्खी पालन कर रहे हैं।
पिछले कुछ सालों में मधुमक्खी पालन के व्यवसाय की तरफ लोगों का रुझान बढ़ा है। कई ऐसे परिवार हैं जो साल में इससे अच्छी कमाई कर लेते हैं। राजस्थान के पिंटू मीना ने 28 बॉक्स से इसकी शुरुआत की थी आज 400 बॉक्स में मधुमक्खी पालन कर रहे हैं।
By Bedika Awasthi
पिछले कुछ सालों में मधुमक्खी पालन के व्यवसाय की तरफ लोगों का रुझान बढ़ा है। कई ऐसे परिवार हैं जो साल में इससे अच्छी कमाई कर लेते हैं। राजस्थान के पिंटू मीना ने 28 बॉक्स से इसकी शुरुआत की थी आज 400 बॉक्स में मधुमक्खी पालन कर रहे हैं।
पिछले कुछ सालों में मधुमक्खी पालन के व्यवसाय की तरफ लोगों का रुझान बढ़ा है। कई ऐसे परिवार हैं जो साल में इससे अच्छी कमाई कर लेते हैं। राजस्थान के पिंटू मीना ने 28 बॉक्स से इसकी शुरुआत की थी आज 400 बॉक्स में मधुमक्खी पालन कर रहे हैं।
By Arvind Shukla
कषि एवं ग्रामीण विकास केंद्र, उद्यान विभाग और खादी बोर्ड के सेमिनार में मधुमक्खी पालकों ने गिनाईं समस्याएं, रखी मांगें.. खादी बोर्ड के आउटलेट और मंडियों में मिल सकती है किसानों को दुकानें
कषि एवं ग्रामीण विकास केंद्र, उद्यान विभाग और खादी बोर्ड के सेमिनार में मधुमक्खी पालकों ने गिनाईं समस्याएं, रखी मांगें.. खादी बोर्ड के आउटलेट और मंडियों में मिल सकती है किसानों को दुकानें
By Diti Bajpai
By Mohit Saini
By Divendra Singh
By Divendra Singh
By Nidhi Jamwal
दक्षिण बिहार में आदिवासी महिलाओं की जिंदगी में बदलाव आ गया है, वो अब अपने बच्चों को पढ़ा रही हैं, क्योंकि उनके शहद का व्यवसाय अच्छे से चल रहा है। पिछले साल, महामारी के बीच, उन्होंने बांका मधु किसान उत्पादक संगठन का गठन किया और मुंबई तक सात टन शहद की आपूर्ति की।
दक्षिण बिहार में आदिवासी महिलाओं की जिंदगी में बदलाव आ गया है, वो अब अपने बच्चों को पढ़ा रही हैं, क्योंकि उनके शहद का व्यवसाय अच्छे से चल रहा है। पिछले साल, महामारी के बीच, उन्होंने बांका मधु किसान उत्पादक संगठन का गठन किया और मुंबई तक सात टन शहद की आपूर्ति की।
By Prabhat Misra
Thanks to the strong will of a bureaucrat and the villagers to provide green cover to a barren plot of land, around an acre of in Uttar Pradesh’s Firozabad district has been modified into a ‘micro-forest’.
Thanks to the strong will of a bureaucrat and the villagers to provide green cover to a barren plot of land, around an acre of in Uttar Pradesh’s Firozabad district has been modified into a ‘micro-forest’.