0

बघेलखंड में ये देसी राखियां भी बांधी जाती हैं
बघेलखंड में ये देसी राखियां भी बांधी जाती हैं

By Sachin Tulsa tripathi

सरकारी स्कूल ने केमिस्ट्री के तत्वों को याद रखने के लिए निकाली नई तरकीब, बच्चों का किया रासायनिक नामकरण
सरकारी स्कूल ने केमिस्ट्री के तत्वों को याद रखने के लिए निकाली नई तरकीब, बच्चों का किया रासायनिक नामकरण

By Sachin Tulsa tripathi

मध्यप्रदेश के सतना की सरकारी स्कूल व्यंकट वन ने रासायनिक तत्वों के नाम से बच्चों की हाजिरी शुरू की है, स्कूल की प्रिंसिपल का दावा है कि इससे बच्चों को तत्वों के नाम याद रखने में आसानी होगी।

मध्यप्रदेश के सतना की सरकारी स्कूल व्यंकट वन ने रासायनिक तत्वों के नाम से बच्चों की हाजिरी शुरू की है, स्कूल की प्रिंसिपल का दावा है कि इससे बच्चों को तत्वों के नाम याद रखने में आसानी होगी।

छींद या जंगली खजूर: फल और गूदा देता है लोगों को पोषण तो जड़ें भरती हैं धरती की झोली
छींद या जंगली खजूर: फल और गूदा देता है लोगों को पोषण तो जड़ें भरती हैं धरती की झोली

By Dr.Vikas Sharma

छींद का पेड़ कितना उपयोगी होता है, ये छिंदवाड़ा के आदिवासियों से बेहतर कौन बता सकता है। इसके फल पोषण से भरपूर होते हैं तो पत्तियां, झाड़ू से लेकर झोपड़ी तक बनाने में काम आती हैं। इसकी जड़े जमीन में भूजल की मात्रा बढ़ाती है। आदिवासी तो शादियों में इसकी पत्तियों का मुकुट तक पहनते हैं।

छींद का पेड़ कितना उपयोगी होता है, ये छिंदवाड़ा के आदिवासियों से बेहतर कौन बता सकता है। इसके फल पोषण से भरपूर होते हैं तो पत्तियां, झाड़ू से लेकर झोपड़ी तक बनाने में काम आती हैं। इसकी जड़े जमीन में भूजल की मात्रा बढ़ाती है। आदिवासी तो शादियों में इसकी पत्तियों का मुकुट तक पहनते हैं।

मध्य प्रदेश में कूड़े में क्यों फेंक दिए गए कई कुंतल अमरूद, हैरान करने वाली है वजह, देखिए वीडियो
मध्य प्रदेश में कूड़े में क्यों फेंक दिए गए कई कुंतल अमरूद, हैरान करने वाली है वजह, देखिए वीडियो

By गाँव कनेक्शन

पन्ना टाइगर रिजर्व के अकोला बफर में पर्यटकों के चहेते दो सुपरस्टार टाइगर ब्रदर्स की कहानी
पन्ना टाइगर रिजर्व के अकोला बफर में पर्यटकों के चहेते दो सुपरस्टार टाइगर ब्रदर्स की कहानी

By Arun Singh

रहस्य, रोमांच और जुदाई की घटनाओं से भरे पूरे बीस माह तक पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहे दो सुपरस्टार बाघ शावकों की कहानी बेहद रोचक है। स्थानीय ग्रामीणों ने इन दोनों भाइयों का नाम हीरा और पन्ना रखा था, जो पर्यटकों के बीच भी खासा लोकप्रिय रहा है।

रहस्य, रोमांच और जुदाई की घटनाओं से भरे पूरे बीस माह तक पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहे दो सुपरस्टार बाघ शावकों की कहानी बेहद रोचक है। स्थानीय ग्रामीणों ने इन दोनों भाइयों का नाम हीरा और पन्ना रखा था, जो पर्यटकों के बीच भी खासा लोकप्रिय रहा है।

पन्ना टाइगर रिजर्व में फिशिंग कैट का मिला फोटोग्राफिक प्रमाण, प्राकृतिक आवास की हुई पुष्टि
पन्ना टाइगर रिजर्व में फिशिंग कैट का मिला फोटोग्राफिक प्रमाण, प्राकृतिक आवास की हुई पुष्टि

By Arun Singh

बड़ी बिल्ली यानी बाघों के लिए प्रसिद्ध मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिज़र्व में फिशिंग कैट ( मछली खाने वाली बिल्ली ) भी पाई जाती है। तेजी से विलुप्त हो रही इस दुर्लभ बिल्ली का प्राकृतिक आवास यहाँ पर है, जिसकी फोटो पन्ना टाइगर रिज़र्व द्वारा लगाए गए कैमरा ट्रैप में कैद हुई है।

बड़ी बिल्ली यानी बाघों के लिए प्रसिद्ध मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिज़र्व में फिशिंग कैट ( मछली खाने वाली बिल्ली ) भी पाई जाती है। तेजी से विलुप्त हो रही इस दुर्लभ बिल्ली का प्राकृतिक आवास यहाँ पर है, जिसकी फोटो पन्ना टाइगर रिज़र्व द्वारा लगाए गए कैमरा ट्रैप में कैद हुई है।

बढ़ती महंगाई, दूध की कम कीमत: पशुपालकों के लिए लागत निकालना भी हो रहा मुश्किल
बढ़ती महंगाई, दूध की कम कीमत: पशुपालकों के लिए लागत निकालना भी हो रहा मुश्किल

By Ashok Parmar

पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से पशु आहार जैसे दूसरे जरूरी चीजों के दाम भी बढ़े हैं, जिसका असर दूध व्यवसाय पर भी पड़ा है। अब तो पशुपालकों के लिए लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है।

पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से पशु आहार जैसे दूसरे जरूरी चीजों के दाम भी बढ़े हैं, जिसका असर दूध व्यवसाय पर भी पड़ा है। अब तो पशुपालकों के लिए लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है।

मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में तेजी से बढ़ रहा बाघों का कुनबा
मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में तेजी से बढ़ रहा बाघों का कुनबा

By Arun Singh

पन्ना टाइगर रिजर्व में मौजूदा समय 29 बाघिन हैं, जिनमें 12 बाघिन शावकों को जन्म दे रही हैं। वर्ष 2020 में यहां शावकों सहित बाघों की संख्या 64 थी जो 2021 के अंत तक बढ़कर 78 होने की उम्मीद है।

पन्ना टाइगर रिजर्व में मौजूदा समय 29 बाघिन हैं, जिनमें 12 बाघिन शावकों को जन्म दे रही हैं। वर्ष 2020 में यहां शावकों सहित बाघों की संख्या 64 थी जो 2021 के अंत तक बढ़कर 78 होने की उम्मीद है।

कभी पेन में स्याही भराने को नहीं थे पैसे, सरकारी शिक्षक बन रिटायर हुए तो गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए दान कर दिए 40 लाख रुपए
कभी पेन में स्याही भराने को नहीं थे पैसे, सरकारी शिक्षक बन रिटायर हुए तो गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए दान कर दिए 40 लाख रुपए

By Arun Singh

भीषण गरीबी और संघर्षों के बीच पले बढ़े सरकारी स्कूल के शिक्षक जब रिटायर हुए तो उन्होंने जीपीएफ और ग्रेच्युटी के करीब 40 लाख रुपए उसी गांव के बच्चों की पढ़ाई और भलाई के लिए दान कर दिए। मध्य प्रदेश के पन्ना जिले का यह शिक्षक इन दिनों चर्चा में है। संघर्षों से परिपूर्ण इनके जीवन यात्रा की क्या है अनकही कहानी, जानें।

भीषण गरीबी और संघर्षों के बीच पले बढ़े सरकारी स्कूल के शिक्षक जब रिटायर हुए तो उन्होंने जीपीएफ और ग्रेच्युटी के करीब 40 लाख रुपए उसी गांव के बच्चों की पढ़ाई और भलाई के लिए दान कर दिए। मध्य प्रदेश के पन्ना जिले का यह शिक्षक इन दिनों चर्चा में है। संघर्षों से परिपूर्ण इनके जीवन यात्रा की क्या है अनकही कहानी, जानें।

छत्तीसगढ़ में बढ़ते खनन के चलते मध्य प्रदेश की तरफ रुख कर रहे हाथियों के झुंड
छत्तीसगढ़ में बढ़ते खनन के चलते मध्य प्रदेश की तरफ रुख कर रहे हाथियों के झुंड

By Anil Tiwari

पर्यावरणविदों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में तेजी से बढ़ रही खनन गतिविधियों के कारण हाथियों के प्राकृतिक आवास खत्म होते जा रहे हैं। इन जंगली हाथियों ने वहां से पलायन कर अब मध्य प्रदेश के जंगलों में स्थित गांवों की और रुख किया है। जिस वजह से इंसान और हाथी के बीच संघर्ष की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।

पर्यावरणविदों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में तेजी से बढ़ रही खनन गतिविधियों के कारण हाथियों के प्राकृतिक आवास खत्म होते जा रहे हैं। इन जंगली हाथियों ने वहां से पलायन कर अब मध्य प्रदेश के जंगलों में स्थित गांवों की और रुख किया है। जिस वजह से इंसान और हाथी के बीच संघर्ष की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.