By Sumit Yadav
Prolonged winter till February followed by a sudden rise in temperature in March bring bad tidings to mango cultivators, who have reported low yields this year. The drastic jump in mercury affected fertilisation and the mango flowers withered and dropped off the trees.
Prolonged winter till February followed by a sudden rise in temperature in March bring bad tidings to mango cultivators, who have reported low yields this year. The drastic jump in mercury affected fertilisation and the mango flowers withered and dropped off the trees.
By Laraib Fatima Warsi
There couldn’t be a more horrifying travesty for a fruit as appetising as mango to be named after someone’s fart. But that’s not all. At Bihar’s Mithila Mango Festival, the unique varieties of mangoes on display have names that can drive you to your wit’s end! Read on.
There couldn’t be a more horrifying travesty for a fruit as appetising as mango to be named after someone’s fart. But that’s not all. At Bihar’s Mithila Mango Festival, the unique varieties of mangoes on display have names that can drive you to your wit’s end! Read on.
By Gaon Connection
आम की पैदावार के बाद ज्यादातर किसान बागों पर ध्यान नहीं देते हैं, जबकि यही दो-तीन महीने आगे की पैदावार के लिए सबसे ज़रूरी होते हैं। इसलिए कुछ बातों का ध्यान रखकर किसान आगे अच्छी पैदावार ले सकते हैं।
आम की पैदावार के बाद ज्यादातर किसान बागों पर ध्यान नहीं देते हैं, जबकि यही दो-तीन महीने आगे की पैदावार के लिए सबसे ज़रूरी होते हैं। इसलिए कुछ बातों का ध्यान रखकर किसान आगे अच्छी पैदावार ले सकते हैं।
By Dr SK Singh
आम की पैदावार के बाद ज्यादातर किसान बागों पर ध्यान नहीं देते हैं, जबकि यही दो-तीन महीने आगे की पैदावार के लिए सबसे ज़रूरी होते हैं। इसलिए कुछ बातों का ध्यान रखकर किसान आगे अच्छी पैदावार ले सकते हैं।
आम की पैदावार के बाद ज्यादातर किसान बागों पर ध्यान नहीं देते हैं, जबकि यही दो-तीन महीने आगे की पैदावार के लिए सबसे ज़रूरी होते हैं। इसलिए कुछ बातों का ध्यान रखकर किसान आगे अच्छी पैदावार ले सकते हैं।
By Divendra Singh
उत्पादन की आस लगाए आम के किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस बार आम के पेड़ पर अच्छे बौर लगने से किसानों को बढ़िया उत्पादन की उम्मीद थी, लेकिन कीटों के हमले से फसल को नुकसान पहुंचा है।
उत्पादन की आस लगाए आम के किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस बार आम के पेड़ पर अच्छे बौर लगने से किसानों को बढ़िया उत्पादन की उम्मीद थी, लेकिन कीटों के हमले से फसल को नुकसान पहुंचा है।
By Dr SK Singh
इस समय किसानों के लिए जानना ज़रूरी है कि आम के फल में गुठली बनने के पहले से लेकर बाद की अवस्था में क्या करें, जिससे फल की बढ़वार अच्छी हो और कम से कम फल झड़े।
इस समय किसानों के लिए जानना ज़रूरी है कि आम के फल में गुठली बनने के पहले से लेकर बाद की अवस्था में क्या करें, जिससे फल की बढ़वार अच्छी हो और कम से कम फल झड़े।
By Dr SK Singh
आम में लगने वाला लाल जंग रोग पत्तियों, तनों और फलों पर लाल-नारंगी फुंसियों के रूप में दिखाई देता है, जो प्रभावित क्षेत्रों में आम के उत्पादन को गंभीर रूप से प्रभावित करता है।
आम में लगने वाला लाल जंग रोग पत्तियों, तनों और फलों पर लाल-नारंगी फुंसियों के रूप में दिखाई देता है, जो प्रभावित क्षेत्रों में आम के उत्पादन को गंभीर रूप से प्रभावित करता है।
By Sweta Akundi
Aragonda village in Thavanampalle Mandal of Andhra Pradesh is famous for its mango varieties – Banganapalle, Neelam, Imampasand, Totapuri, Kalapadi. But a couple of decades ago, its farmers were known to grow paddy followed by sugarcane. What brought about this change?
Aragonda village in Thavanampalle Mandal of Andhra Pradesh is famous for its mango varieties – Banganapalle, Neelam, Imampasand, Totapuri, Kalapadi. But a couple of decades ago, its farmers were known to grow paddy followed by sugarcane. What brought about this change?
By Dr Shailendra Rajan
अभी तक आप आम की दशहरी, चौसा, लंगड़ा, सफेदा जैसी किस्मों के बारे में जानते होंगे, लेकिन आप आम की लाल किस्मों जैसे हुस्नारा, वनराज, सुरखा, पूसा अरुणिमा, पूसा प्रतिभा जैसी किस्मों के बारे में जानते हैं?
अभी तक आप आम की दशहरी, चौसा, लंगड़ा, सफेदा जैसी किस्मों के बारे में जानते होंगे, लेकिन आप आम की लाल किस्मों जैसे हुस्नारा, वनराज, सुरखा, पूसा अरुणिमा, पूसा प्रतिभा जैसी किस्मों के बारे में जानते हैं?
By गाँव कनेक्शन
भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण विभाग (DAC&FW) और अमेरिकी कृषि विभाग (USDA) के एमओयू के बाद इस साल आम निर्यात का रास्ता साफ हो गया। कोविड के चलते 2020-2021 में निर्यात पर नहीं हो सका था।
भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण विभाग (DAC&FW) और अमेरिकी कृषि विभाग (USDA) के एमओयू के बाद इस साल आम निर्यात का रास्ता साफ हो गया। कोविड के चलते 2020-2021 में निर्यात पर नहीं हो सका था।