By Laraib Fatima Warsi
There couldn’t be a more horrifying travesty for a fruit as appetising as mango to be named after someone’s fart. But that’s not all. At Bihar’s Mithila Mango Festival, the unique varieties of mangoes on display have names that can drive you to your wit’s end! Read on.
There couldn’t be a more horrifying travesty for a fruit as appetising as mango to be named after someone’s fart. But that’s not all. At Bihar’s Mithila Mango Festival, the unique varieties of mangoes on display have names that can drive you to your wit’s end! Read on.
By Laraib Fatima Warsi
आम के ऐसे नाम जिन्हें सुनकर आप सोच में पड़ सकते हैं, कि अरे भाई इनका ये नाम क्यों है? लेकिन बिहार के मिथिला आम उत्सव में ऐसी ही कई किस्में देखने को मिलीं। चलिए जानते हैं इन ख़ास आम की किस्मों के बारे में
आम के ऐसे नाम जिन्हें सुनकर आप सोच में पड़ सकते हैं, कि अरे भाई इनका ये नाम क्यों है? लेकिन बिहार के मिथिला आम उत्सव में ऐसी ही कई किस्में देखने को मिलीं। चलिए जानते हैं इन ख़ास आम की किस्मों के बारे में
By Bidyut Majumdar
इस सीज़न आपने दशहरी, चौसा और सफेदा आम का स्वाद नहीं चखा है तो ये सप्ताह ही आख़िरी मौका है। बारिश शुरू होते ही आम की इन किस्मों ने अपनी विदाई की तैयारी शुरू कर दी है।
इस सीज़न आपने दशहरी, चौसा और सफेदा आम का स्वाद नहीं चखा है तो ये सप्ताह ही आख़िरी मौका है। बारिश शुरू होते ही आम की इन किस्मों ने अपनी विदाई की तैयारी शुरू कर दी है।
By Dr Shailendra Rajan
अभी तक आप आम की दशहरी, चौसा, लंगड़ा, सफेदा जैसी किस्मों के बारे में जानते होंगे, लेकिन आप आम की लाल किस्मों जैसे हुस्नारा, वनराज, सुरखा, पूसा अरुणिमा, पूसा प्रतिभा जैसी किस्मों के बारे में जानते हैं?
अभी तक आप आम की दशहरी, चौसा, लंगड़ा, सफेदा जैसी किस्मों के बारे में जानते होंगे, लेकिन आप आम की लाल किस्मों जैसे हुस्नारा, वनराज, सुरखा, पूसा अरुणिमा, पूसा प्रतिभा जैसी किस्मों के बारे में जानते हैं?
By Gaon Connection
दिल्ली मैंगो फेस्टिवल का हर किसी को इंतज़ार रहता है। आम के इस दरबार में जहाँ किसानों को बाज़ार मिलता है, वहीं पारंपरिक किस्मों की पैदावार से जुड़ीं जानकारी भी मिलती है। इस साल भी इसमें आम से जुड़े तमाम संस्थानों और किसानों ने हिस्सा लिया।
दिल्ली मैंगो फेस्टिवल का हर किसी को इंतज़ार रहता है। आम के इस दरबार में जहाँ किसानों को बाज़ार मिलता है, वहीं पारंपरिक किस्मों की पैदावार से जुड़ीं जानकारी भी मिलती है। इस साल भी इसमें आम से जुड़े तमाम संस्थानों और किसानों ने हिस्सा लिया।
By Dr Shailendra Rajan
दिल्ली मैंगो फेस्टिवल का हर किसी को इंतज़ार रहता है। आम के इस दरबार में जहाँ किसानों को बाज़ार मिलता है, वहीं पारंपरिक किस्मों की पैदावार से जुड़ीं जानकारी भी मिलती है। इस साल भी इसमें आम से जुड़े तमाम संस्थानों और किसानों ने हिस्सा लिया।
दिल्ली मैंगो फेस्टिवल का हर किसी को इंतज़ार रहता है। आम के इस दरबार में जहाँ किसानों को बाज़ार मिलता है, वहीं पारंपरिक किस्मों की पैदावार से जुड़ीं जानकारी भी मिलती है। इस साल भी इसमें आम से जुड़े तमाम संस्थानों और किसानों ने हिस्सा लिया।
By Dr Shailendra Rajan
अच्छी तरह से पका हुआ मल्लिका आम अल्फांसो, दशहरी और चौसा जैसी शीर्ष किस्मों में से किसी को भी मात दे सकता है। लेकिन पेड़ से फल को सही समय पर तोड़ना सबसे महत्वपूर्ण होता है, नहीं तो आम का असली स्वाद नहीं मिल पाता।
अच्छी तरह से पका हुआ मल्लिका आम अल्फांसो, दशहरी और चौसा जैसी शीर्ष किस्मों में से किसी को भी मात दे सकता है। लेकिन पेड़ से फल को सही समय पर तोड़ना सबसे महत्वपूर्ण होता है, नहीं तो आम का असली स्वाद नहीं मिल पाता।
By Dr Shailendra Rajan
इन दोनों किस्मों की सबसे खास बात है, इसे देश के किसी भी राज्य में लगा सकते हैं। चाहे वो उत्तराखंड हो या फिर उड़ीसा का समुद्र तटीय क्षेत्र के बाग। अंबिका किस्म गुजरात, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश सहित कई प्रदेशों में भी फल देती है।
इन दोनों किस्मों की सबसे खास बात है, इसे देश के किसी भी राज्य में लगा सकते हैं। चाहे वो उत्तराखंड हो या फिर उड़ीसा का समुद्र तटीय क्षेत्र के बाग। अंबिका किस्म गुजरात, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश सहित कई प्रदेशों में भी फल देती है।
By Dr Shailendra Rajan
लगातार मौसम में बदलाव से मई और जून के महीने में कई बार बारिश होने लगी है, ज्यादा बारिश से फल तो पकने लगते हैं, लेकिन उनकी गुणवत्ता पर असर पड़ता है।
लगातार मौसम में बदलाव से मई और जून के महीने में कई बार बारिश होने लगी है, ज्यादा बारिश से फल तो पकने लगते हैं, लेकिन उनकी गुणवत्ता पर असर पड़ता है।
By Divendra Singh
राजस्थान के किसान श्रीकिशन सुमन ने आम की सदाबहार किस्म विकसित की है, जिसमें साल के बारह महीने फल लगते रहते हैं।
राजस्थान के किसान श्रीकिशन सुमन ने आम की सदाबहार किस्म विकसित की है, जिसमें साल के बारह महीने फल लगते रहते हैं।