देश में बना विश्व का दूसरा सबसे बड़ा जीन बैंक, 10 लाख जर्मप्लाज्म के संरक्षण की क्षमता
देश में बना विश्व का दूसरा सबसे बड़ा जीन बैंक, 10 लाख जर्मप्लाज्म के संरक्षण की क्षमता

By Divendra Singh

राष्ट्रीय पादप आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो में दुनिया के दूसरे सबसे बड़े जीन बैंक बनाया गया है, जहां पर 4.52 लाख बीजों के जर्मप्लाज्म सुरक्षित रखे गए हैं, यह बैंक पूरी तरह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित है।

राष्ट्रीय पादप आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो में दुनिया के दूसरे सबसे बड़े जीन बैंक बनाया गया है, जहां पर 4.52 लाख बीजों के जर्मप्लाज्म सुरक्षित रखे गए हैं, यह बैंक पूरी तरह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित है।

कर्नाटक की देसी नस्ल की धारवाड़ी भैंस को मिली राष्ट्रीय मान्यता, जानिए क्या हैं इसकी खासियतें
कर्नाटक की देसी नस्ल की धारवाड़ी भैंस को मिली राष्ट्रीय मान्यता, जानिए क्या हैं इसकी खासियतें

By Divendra Singh

देसी नस्ल की भैंस के संरक्षण के लिए उन्हें राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो की तरफ से राष्ट्रीय मान्यता मिलती है, कर्नाटक की धारवाड़ी भैंस को भी शामिल कर लिया गया है।

देसी नस्ल की भैंस के संरक्षण के लिए उन्हें राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो की तरफ से राष्ट्रीय मान्यता मिलती है, कर्नाटक की धारवाड़ी भैंस को भी शामिल कर लिया गया है।

पूर्वोत्तर का खीरा, जिसे वैज्ञानिकों ने बताया विटामिन-ए का भंडार
पूर्वोत्तर का खीरा, जिसे वैज्ञानिकों ने बताया विटामिन-ए का भंडार

By Umashankar Mishra

कृषि वैज्ञानिकों ने अपने एक अध्ययन में पाया है कि देश के अन्य हिस्सों में उगायी जाने वाली खीरे की सफेद गूदे की किस्मों के मुकाबले नारंगी-गूदे वाले खीरे की किस्म में कैरोटीनॉयड मात्रा चार से पांच गुना अधिक होती है।

कृषि वैज्ञानिकों ने अपने एक अध्ययन में पाया है कि देश के अन्य हिस्सों में उगायी जाने वाली खीरे की सफेद गूदे की किस्मों के मुकाबले नारंगी-गूदे वाले खीरे की किस्म में कैरोटीनॉयड मात्रा चार से पांच गुना अधिक होती है।

एनबीएजीआर ने देशी पशुओं की दस नई नस्लों को किया पंजीकृत
एनबीएजीआर ने देशी पशुओं की दस नई नस्लों को किया पंजीकृत

By गाँव कनेक्शन

आईसीएआर-एनबीएजीआर ने देश में देशी पशुधन प्रजातियों की दस नई नस्लों को पंजीकृत किया है। चलिए जानते हैं कौन सी हैं ये किस्में?

आईसीएआर-एनबीएजीआर ने देश में देशी पशुधन प्रजातियों की दस नई नस्लों को पंजीकृत किया है। चलिए जानते हैं कौन सी हैं ये किस्में?

The Kiwi Farmers of Bageshwar, Uttarakhand
The Kiwi Farmers of Bageshwar, Uttarakhand

By Gaon Connection

Farmers from eight villages in the Shama cluster are associated with a growth centre that processes and sells kiwi products. The fruit is locally grown by the hill farmers. In 2021, nearly 20 quintals of kiwi were pulped for juice. The sale of these products has increased the income of farmers.

Farmers from eight villages in the Shama cluster are associated with a growth centre that processes and sells kiwi products. The fruit is locally grown by the hill farmers. In 2021, nearly 20 quintals of kiwi were pulped for juice. The sale of these products has increased the income of farmers.

The Kiwi Farmers of Bageshwar, Uttarakhand
The Kiwi Farmers of Bageshwar, Uttarakhand

By Megha Prakash

Farmers from eight villages in the Shama cluster are associated with a growth centre that processes and sells kiwi products. The fruit is locally grown by the hill farmers. In 2021, nearly 20 quintals of kiwi were pulped for juice. The sale of these products has increased the income of farmers.

Farmers from eight villages in the Shama cluster are associated with a growth centre that processes and sells kiwi products. The fruit is locally grown by the hill farmers. In 2021, nearly 20 quintals of kiwi were pulped for juice. The sale of these products has increased the income of farmers.

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