By Gaon Connection
गाँव कनेक्शन ने अब तक का अपना सबसे मजबूत वित्तीय प्रदर्शन करते हुए लाभकारी कंपनी बनने के साथ ही इस वर्ष ऐतिहासिक ग्रोथ दर्ज की। 31 मार्च, 2025 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में कंपनी को 5.33 करोड़ राजस्व की प्राप्ति हुई, जो पिछले वित्तीय वर्ष से 350% ज्यादा रही। कंपनी ने साबित किया कि उद्देश्य और लाभ दोनों साथ-साथ चल सकते हैं।
गाँव कनेक्शन ने अब तक का अपना सबसे मजबूत वित्तीय प्रदर्शन करते हुए लाभकारी कंपनी बनने के साथ ही इस वर्ष ऐतिहासिक ग्रोथ दर्ज की। 31 मार्च, 2025 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में कंपनी को 5.33 करोड़ राजस्व की प्राप्ति हुई, जो पिछले वित्तीय वर्ष से 350% ज्यादा रही। कंपनी ने साबित किया कि उद्देश्य और लाभ दोनों साथ-साथ चल सकते हैं।
By Nidhi Jamwal
Teachers in rural India fight battles every day and win invisible wars, but no one applauds them. Teacher Connection is Gaon Connection’s effort to celebrate teachers. So far, we have published 372 text stories and 81 video stories of educators. And will continue to document many more.
Teachers in rural India fight battles every day and win invisible wars, but no one applauds them. Teacher Connection is Gaon Connection’s effort to celebrate teachers. So far, we have published 372 text stories and 81 video stories of educators. And will continue to document many more.
By गाँव कनेक्शन
Teacher Connection is an initiative of Gaon Connection to celebrate teachers every day by documenting their stories, their achievements and challenges, through audio, video and text formats. The monthly e-magazine, Teacher Connection, is part of the long-term campaign, and is dedicated to teachers and educators.
Teacher Connection is an initiative of Gaon Connection to celebrate teachers every day by documenting their stories, their achievements and challenges, through audio, video and text formats. The monthly e-magazine, Teacher Connection, is part of the long-term campaign, and is dedicated to teachers and educators.
By Pratyaksh Srivastava
गोरखपुर के एक सरकारी स्कूल में शिक्षिका ने बच्चों को पढ़ाने के लिए बेहद ख़ास दिन चुना है, शनिवार के दिन चलने वाली इस क्लास में बच्चे बिना किसी झिझक के सवाल पूछते हैं।
गोरखपुर के एक सरकारी स्कूल में शिक्षिका ने बच्चों को पढ़ाने के लिए बेहद ख़ास दिन चुना है, शनिवार के दिन चलने वाली इस क्लास में बच्चे बिना किसी झिझक के सवाल पूछते हैं।
By Pratyaksh Srivastava
गोरखपुर के एक ग्रामीण स्कूल में एक शिक्षक अपने छात्रों की कम्युनिकेशन स्किल बढ़ाने के लिए उन्हें ग्रैफिटी यानी दीवारों पर चित्र बनाकर पढ़ाना पसंद करते हैं। उनके मुताबिक, पेंटिंग बच्चों की जिज्ञासा को बढ़ाती है और आपसी बातचीत को प्रोत्साहित करती है। इससे उनमें एक आत्मविश्वास पैदा होता है।
गोरखपुर के एक ग्रामीण स्कूल में एक शिक्षक अपने छात्रों की कम्युनिकेशन स्किल बढ़ाने के लिए उन्हें ग्रैफिटी यानी दीवारों पर चित्र बनाकर पढ़ाना पसंद करते हैं। उनके मुताबिक, पेंटिंग बच्चों की जिज्ञासा को बढ़ाती है और आपसी बातचीत को प्रोत्साहित करती है। इससे उनमें एक आत्मविश्वास पैदा होता है।
By Pratyaksh Srivastava
जागृति मिश्रा उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के एक प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका हैं। वह पहली बार स्कूल आने वाले बच्चों को पढ़ाती हैं। बच्चे अपनी कक्षा में सहज हो और खुश रहें, इसके लिए वह सभी को एक साथ बैठने और खुलकर बातचीत करने में मदद करती हैं।
जागृति मिश्रा उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के एक प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका हैं। वह पहली बार स्कूल आने वाले बच्चों को पढ़ाती हैं। बच्चे अपनी कक्षा में सहज हो और खुश रहें, इसके लिए वह सभी को एक साथ बैठने और खुलकर बातचीत करने में मदद करती हैं।
By Pratyaksh Srivastava
गोरखपुर के बगहीभारी गाँव की प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका निधि सिंह अपने स्कूल के बच्चों की पसंदीदा टीचर बन गईं हैं, क्योंकि बच्चों के अच्छे प्रदर्शन पर उन्हें एक स्माइली बैज देती हैं। यही नहीं बच्चों और उनके अभिभावकों को समझाने के लिए वो भोजपुरी में भी बोलती हैं।
गोरखपुर के बगहीभारी गाँव की प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका निधि सिंह अपने स्कूल के बच्चों की पसंदीदा टीचर बन गईं हैं, क्योंकि बच्चों के अच्छे प्रदर्शन पर उन्हें एक स्माइली बैज देती हैं। यही नहीं बच्चों और उनके अभिभावकों को समझाने के लिए वो भोजपुरी में भी बोलती हैं।
By Pratyaksh Srivastava
संसाधनों की कमी नए विचारों को जन्म देने से रोक नहीं सकती है। ये साबित किया है उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के एक गाँव के प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका रोशन जहाँ ने। वे न सिर्फ सफलतापूर्वक एक बहु-ग्रेड, बहु-स्तरीय कक्षा का प्रबंधन करती हैं, अपने सभी 55 छात्रों को व्यस्त भी रखती हैं।
संसाधनों की कमी नए विचारों को जन्म देने से रोक नहीं सकती है। ये साबित किया है उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के एक गाँव के प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका रोशन जहाँ ने। वे न सिर्फ सफलतापूर्वक एक बहु-ग्रेड, बहु-स्तरीय कक्षा का प्रबंधन करती हैं, अपने सभी 55 छात्रों को व्यस्त भी रखती हैं।
By Ashutosh Awasthi
Teacher Connection में मिलिए डॉ आशुतोष अवस्थी से जोकि भारतीय ग्रामीण विद्यालय कुनौरा, लखनऊ में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। इन्होंने एक नई पहल शुरू की है, ये इन्होंने अपने स्कूल के बच्चों के लिए स्कॉलरशिप की शुरुआत की है, जिससे बच्चों की आगे की पढ़ाई में कोई बाधा न आए।
Teacher Connection में मिलिए डॉ आशुतोष अवस्थी से जोकि भारतीय ग्रामीण विद्यालय कुनौरा, लखनऊ में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। इन्होंने एक नई पहल शुरू की है, ये इन्होंने अपने स्कूल के बच्चों के लिए स्कॉलरशिप की शुरुआत की है, जिससे बच्चों की आगे की पढ़ाई में कोई बाधा न आए।
By Lalita Singh
As part of the recently launched ‘Teacher Connection’ which is Gaon Connection’s long term project, we invite teachers to share their fond memories and unforgettable experiences. Here’s the memory of Lalita Singh, a teacher who witnessed her student’s giant leap from crying at the gate out of fear for school to being the brightest child in her class.
As part of the recently launched ‘Teacher Connection’ which is Gaon Connection’s long term project, we invite teachers to share their fond memories and unforgettable experiences. Here’s the memory of Lalita Singh, a teacher who witnessed her student’s giant leap from crying at the gate out of fear for school to being the brightest child in her class.