By Gaon Connection
गाँव कनेक्शन ने अब तक का अपना सबसे मजबूत वित्तीय प्रदर्शन करते हुए लाभकारी कंपनी बनने के साथ ही इस वर्ष ऐतिहासिक ग्रोथ दर्ज की। 31 मार्च, 2025 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में कंपनी को 5.33 करोड़ राजस्व की प्राप्ति हुई, जो पिछले वित्तीय वर्ष से 350% ज्यादा रही। कंपनी ने साबित किया कि उद्देश्य और लाभ दोनों साथ-साथ चल सकते हैं।
गाँव कनेक्शन ने अब तक का अपना सबसे मजबूत वित्तीय प्रदर्शन करते हुए लाभकारी कंपनी बनने के साथ ही इस वर्ष ऐतिहासिक ग्रोथ दर्ज की। 31 मार्च, 2025 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में कंपनी को 5.33 करोड़ राजस्व की प्राप्ति हुई, जो पिछले वित्तीय वर्ष से 350% ज्यादा रही। कंपनी ने साबित किया कि उद्देश्य और लाभ दोनों साथ-साथ चल सकते हैं।
By Ravikant Dwivedi
रविकांत द्विवेदी उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के प्राथमिक विद्यालय भगेसर में शिक्षक हैं, बच्चों को बेहतर ढंग से पढ़ाने के लिए उन्होंने अलग-अलग ग्रुप बना रखे हैं, जिनके नाम महान हस्तियों पर है।
रविकांत द्विवेदी उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के प्राथमिक विद्यालय भगेसर में शिक्षक हैं, बच्चों को बेहतर ढंग से पढ़ाने के लिए उन्होंने अलग-अलग ग्रुप बना रखे हैं, जिनके नाम महान हस्तियों पर है।
By Suresh Panwar
सुरेश पंवार मध्य प्रदेश के सीहोर ज़िले में प्राथमिक शाला में शिक्षक हैं, साल 2013 में नियुक्ति के बाद आज वो तीसरे स्कूल में नियुक्त हैं, इस दौरान उनका कैसा रहा है सफ़र, टीचर्स डायरी में साझा कर रहे हैं।
सुरेश पंवार मध्य प्रदेश के सीहोर ज़िले में प्राथमिक शाला में शिक्षक हैं, साल 2013 में नियुक्ति के बाद आज वो तीसरे स्कूल में नियुक्त हैं, इस दौरान उनका कैसा रहा है सफ़र, टीचर्स डायरी में साझा कर रहे हैं।
By Ramanuj Pathak
डॉ. रामानुज पाठक वर्तमान में मध्यप्रदेश के सतना जिले के उत्कृष्ट विद्यालय व्यंकट क्रमांक एक शिक्षक हैं। टीचर्स डायरी में डॉ. पाठक अपने स्कूल के दिनों का किस्सा साझा कर रहे हैं, जब साल 1990 में कक्षा पांचवीं में थे। वो चबूतरे में लगने वाली स्कूल में पढ़ते थे। उसी साल 1990 में स्कूल के लिए भवन बनाया गया था।
डॉ. रामानुज पाठक वर्तमान में मध्यप्रदेश के सतना जिले के उत्कृष्ट विद्यालय व्यंकट क्रमांक एक शिक्षक हैं। टीचर्स डायरी में डॉ. पाठक अपने स्कूल के दिनों का किस्सा साझा कर रहे हैं, जब साल 1990 में कक्षा पांचवीं में थे। वो चबूतरे में लगने वाली स्कूल में पढ़ते थे। उसी साल 1990 में स्कूल के लिए भवन बनाया गया था।
By Subuhi Mariam
सुबूही मरियम उत्तर प्रदेश रामपुर जिले में मॉडर्न प्राइमरी स्कूल में टीचर हैं, स्कूल में सामान्य बच्चों को संभालने के साथ स्पेशल चाइल्ड का भी ध्यान रखती हैं। अब तो ऐसा हो गया कि उनके स्कूल के बच्चों को इस बात का डर रहता है कि कहीं उनका ट्रांसफर न हो जाए। सुबूही मरियम टीचर्स डायरी में किस्सा साझा कर रहीं हैं।
सुबूही मरियम उत्तर प्रदेश रामपुर जिले में मॉडर्न प्राइमरी स्कूल में टीचर हैं, स्कूल में सामान्य बच्चों को संभालने के साथ स्पेशल चाइल्ड का भी ध्यान रखती हैं। अब तो ऐसा हो गया कि उनके स्कूल के बच्चों को इस बात का डर रहता है कि कहीं उनका ट्रांसफर न हो जाए। सुबूही मरियम टीचर्स डायरी में किस्सा साझा कर रहीं हैं।
By Sanjeev Sharma
संजीव शर्मा, उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में अतरौली ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय राजमार्गपुर के अध्यापक हैं। साथ ही दूसरे राज्यों के शिक्षकों को प्रशिक्षित भी करते हैं। आज टीचर्स डायरी में जानते हैं उनके अनुभव।
संजीव शर्मा, उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में अतरौली ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय राजमार्गपुर के अध्यापक हैं। साथ ही दूसरे राज्यों के शिक्षकों को प्रशिक्षित भी करते हैं। आज टीचर्स डायरी में जानते हैं उनके अनुभव।
By Dayawati
दयावती उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के प्राथमिक विद्यालय शेखपुरवा में शिक्षिका हैं, टीचर्स डायरी में वो अपना अनुभव साझा कर रही हैं।
दयावती उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के प्राथमिक विद्यालय शेखपुरवा में शिक्षिका हैं, टीचर्स डायरी में वो अपना अनुभव साझा कर रही हैं।
By Gopal Kaushal
गोपाल कौशल मध्य प्रदेश के प्राथमिक विद्यालय नयापुरा माकनी में शिक्षक हैं, पिछले 26 साल से स्कूल में वो बच्चों को नए तरीके से पढ़ाते हैं।
गोपाल कौशल मध्य प्रदेश के प्राथमिक विद्यालय नयापुरा माकनी में शिक्षक हैं, पिछले 26 साल से स्कूल में वो बच्चों को नए तरीके से पढ़ाते हैं।
By Saroj Pant
सरोज पंत उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में उच्च प्राथमिक कन्या विद्यालय, चिनहट में प्रधानाध्यिका हैं, अकेले होने के कारण उनकी ज़िम्मेदारियाँ बढ़ गईं हैं । टीचर्स डायरी में वो बता रहीं हैं कि किस तरह से वो घर और स्कूल को संभालती हैं।
सरोज पंत उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में उच्च प्राथमिक कन्या विद्यालय, चिनहट में प्रधानाध्यिका हैं, अकेले होने के कारण उनकी ज़िम्मेदारियाँ बढ़ गईं हैं । टीचर्स डायरी में वो बता रहीं हैं कि किस तरह से वो घर और स्कूल को संभालती हैं।
By Vaibhav Chaudhary
वैभव चौधरी उत्तर प्रदेश के बिजनौर में प्राथमिक विद्यालय कासमपुर वीरू खालसा में शिक्षक हैं, टीचर्स डायरी में वो बता रहे हैं, पिछले कुछ साल में कैसे उनके स्कूल में बदलाव आया।
वैभव चौधरी उत्तर प्रदेश के बिजनौर में प्राथमिक विद्यालय कासमपुर वीरू खालसा में शिक्षक हैं, टीचर्स डायरी में वो बता रहे हैं, पिछले कुछ साल में कैसे उनके स्कूल में बदलाव आया।