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आजकल युवा उम्र में बालों से जुड़ी समस्याएँ जैसे बाल झड़ना, डैंड्रफ और स्कैल्प में खुजली बहुत तेजी से बढ़ रही हैं। ये समस्याएँ न केवल दिखावट बल्कि आत्मविश्वास पर भी असर डालती हैं। इन दिक्कतों के पीछे कई बाहरी और अंदरूनी कारण होते हैं। इन्हीं कारणों और उनके समाधान को समझने के लिए “गाँव कनेक्शन” ने La Densitae की हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. शशी चौहान से बातचीत की।
आजकल युवा उम्र में बालों से जुड़ी समस्याएँ जैसे बाल झड़ना, डैंड्रफ और स्कैल्प में खुजली बहुत तेजी से बढ़ रही हैं। ये समस्याएँ न केवल दिखावट बल्कि आत्मविश्वास पर भी असर डालती हैं। इन दिक्कतों के पीछे कई बाहरी और अंदरूनी कारण होते हैं। इन्हीं कारणों और उनके समाधान को समझने के लिए “गाँव कनेक्शन” ने La Densitae की हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. शशी चौहान से बातचीत की।
By Gaon Connection
मेहसाणा के लुनासन गाँव में एक किसान ने खेती को जंगल में बदल दिया और जंगल की तरह खेती को। अमोल खडसरे ने पर्माकल्चर मॉडल अपनाते हुए 1000 से अधिक पेड़-पौधों, औषधियों, सब्जियों और जंगली घासों को एक साथ उगाया, बिना केमिकल, बिना तनाव और बिना अत्यधिक पानी के। आज उनका खेत सिर्फ कृषि उत्पादन नहीं, बल्कि एक जीवित इकोसिस्टम है
मेहसाणा के लुनासन गाँव में एक किसान ने खेती को जंगल में बदल दिया और जंगल की तरह खेती को। अमोल खडसरे ने पर्माकल्चर मॉडल अपनाते हुए 1000 से अधिक पेड़-पौधों, औषधियों, सब्जियों और जंगली घासों को एक साथ उगाया, बिना केमिकल, बिना तनाव और बिना अत्यधिक पानी के। आज उनका खेत सिर्फ कृषि उत्पादन नहीं, बल्कि एक जीवित इकोसिस्टम है
By Gaon Connection
भारत में गाय को सदियों से माता का दर्जा दिया गया है और आज भी अगर कोई गायों को अपनाता है, तो गाय बदले में सेहत और रोज़गार दोनों लौटा सकती है। गुजरात के सूरत ज़िले के नवीपार्डी गाँव में नीलेश अहीर और उनका परिवार यह साबित कर रहा है कि पशुपालन भी एक सफल और आधुनिक बिज़नेस मॉडल बन सकता है।
भारत में गाय को सदियों से माता का दर्जा दिया गया है और आज भी अगर कोई गायों को अपनाता है, तो गाय बदले में सेहत और रोज़गार दोनों लौटा सकती है। गुजरात के सूरत ज़िले के नवीपार्डी गाँव में नीलेश अहीर और उनका परिवार यह साबित कर रहा है कि पशुपालन भी एक सफल और आधुनिक बिज़नेस मॉडल बन सकता है।
By Manvendra Singh
ICMR की नई रिपोर्ट चेतावनी देती है कि भारत में लंबे समय तक कीटनाशकों के संपर्क में रहने वाले किसानों में मानसिक बीमारियों का खतरा लगभग तीन गुना बढ़ जाता है। पश्चिम बंगाल में किए गए अध्ययन में याददाश्त कमजोर होने से लेकर डिप्रेशन और मूवमेंट डिसऑर्डर तक गंभीर प्रभाव सामने आए हैं।
ICMR की नई रिपोर्ट चेतावनी देती है कि भारत में लंबे समय तक कीटनाशकों के संपर्क में रहने वाले किसानों में मानसिक बीमारियों का खतरा लगभग तीन गुना बढ़ जाता है। पश्चिम बंगाल में किए गए अध्ययन में याददाश्त कमजोर होने से लेकर डिप्रेशन और मूवमेंट डिसऑर्डर तक गंभीर प्रभाव सामने आए हैं।
By Gaon Connection
PPR या “गोट प्लेग” भेड़-बकरियों में फैलने वाला घातक वायरस है, जो छोटे किसानों के लिए बड़ी चुनौती बन चुका है। भारत सरकार 2030 तक इस बीमारी को खत्म करने के मिशन पर काम कर रही है। टीकाकरण, साफ-सफाई और जागरूकता ही इसका सबसे प्रभावी बचाव है।
PPR या “गोट प्लेग” भेड़-बकरियों में फैलने वाला घातक वायरस है, जो छोटे किसानों के लिए बड़ी चुनौती बन चुका है। भारत सरकार 2030 तक इस बीमारी को खत्म करने के मिशन पर काम कर रही है। टीकाकरण, साफ-सफाई और जागरूकता ही इसका सबसे प्रभावी बचाव है।
By Gaurav Rai
IEEFA की रिपोर्ट बताती है कि भारत में ई-कुकिंग, एलपीजी से 37% और पीएनजी से 14% सस्ती है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह बदलाव भारत के क्लीन एनर्जी ट्रांज़िशन की दिशा में एक निर्णायक कदम साबित हो सकता है।
IEEFA की रिपोर्ट बताती है कि भारत में ई-कुकिंग, एलपीजी से 37% और पीएनजी से 14% सस्ती है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह बदलाव भारत के क्लीन एनर्जी ट्रांज़िशन की दिशा में एक निर्णायक कदम साबित हो सकता है।
By Janaki Lenin
By Deepak Acharya
खाद्य पदार्थों और पैकेज्ड फूड तैयार करने वाली कंपनियां बेहतर सेहत के लिए नित नए दावों के साथ उपभोक्ताओं को अपनी ओर रिझाने का भी खूब प्रयत्न कर रहीं हैं। जिन दावों के साथ उत्पादों को बाजार में बेचा जाता है अक्सर इनमें से कई दावे खोखले साबित होते हैं और ऐसे में उपभोक्ता ठगा हुआ सा महसूस करता है।
खाद्य पदार्थों और पैकेज्ड फूड तैयार करने वाली कंपनियां बेहतर सेहत के लिए नित नए दावों के साथ उपभोक्ताओं को अपनी ओर रिझाने का भी खूब प्रयत्न कर रहीं हैं। जिन दावों के साथ उत्पादों को बाजार में बेचा जाता है अक्सर इनमें से कई दावे खोखले साबित होते हैं और ऐसे में उपभोक्ता ठगा हुआ सा महसूस करता है।
By Rajesh Khandelwal
अगर आप भी राजस्थान के कोटा में रहते हैं या फिर कोटा जा रहे हैं तो स्वाति श्रृंगी की 'मुस्कान की रसोई' ज़रुर जाइएगा,यहाँ सिर्फ पाँच रुपए में घर का खाना मिलता है।
अगर आप भी राजस्थान के कोटा में रहते हैं या फिर कोटा जा रहे हैं तो स्वाति श्रृंगी की 'मुस्कान की रसोई' ज़रुर जाइएगा,यहाँ सिर्फ पाँच रुपए में घर का खाना मिलता है।
By Mohit Asthana
लोगों को हमारा कांसेप्ट अच्छा लगा और वो हमसे जुडने लगे। उन्होंने बताया वैसे तो हम शादी-पार्टी के अलावा होटलों से भी बचा हुआ खाना लेते हैं।
लोगों को हमारा कांसेप्ट अच्छा लगा और वो हमसे जुडने लगे। उन्होंने बताया वैसे तो हम शादी-पार्टी के अलावा होटलों से भी बचा हुआ खाना लेते हैं।