By गाँव कनेक्शन
गधे के गुण सुधार के लिए वर्ष 1990 में विदेशी गधे पोइतु का फ्रांस से निर्यात किया गया था और 2010 में पोइतु गधे से एआई का मानकीकरण कर लिया गया।
गधे के गुण सुधार के लिए वर्ष 1990 में विदेशी गधे पोइतु का फ्रांस से निर्यात किया गया था और 2010 में पोइतु गधे से एआई का मानकीकरण कर लिया गया।
By Diti Bajpai
By दिति बाजपेई
By Divendra Singh
गधी का दूध डेढ़ हजार रुपए से लेकर तीन हजार रुपए में बिकता है, स्वास्थ्य और सौंदर्य प्रसाधन के क्षेत्र में गधी के दूध का अपना अलग ही महत्व है। लेकिन भारत में गधों की संख्या लगातार घटती ही जा रही है।
गधी का दूध डेढ़ हजार रुपए से लेकर तीन हजार रुपए में बिकता है, स्वास्थ्य और सौंदर्य प्रसाधन के क्षेत्र में गधी के दूध का अपना अलग ही महत्व है। लेकिन भारत में गधों की संख्या लगातार घटती ही जा रही है।
By Divendra Singh
हरियाणा के झज्जर में 2 घोड़ों में हुई इस बीमारी की पुष्टि। पशुपालन विभाग ने जिले के 143 घोड़ों के सैंपल को राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र, हिसार भेजे थे। इसका नहीं कोई इलाज, पशु को मारना आखिरी विकल्प।
हरियाणा के झज्जर में 2 घोड़ों में हुई इस बीमारी की पुष्टि। पशुपालन विभाग ने जिले के 143 घोड़ों के सैंपल को राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र, हिसार भेजे थे। इसका नहीं कोई इलाज, पशु को मारना आखिरी विकल्प।
By Sanjay Srivastava
By Diti Bajpai
By Divendra Singh
क्लियोपेट्रा नाम की महारानी अपनी सुंदरता को बनाए रखने के लिए गधी के दूध से नहाती थी, 2000 से अधिक वर्षों के बाद गधी का दूध न सिर्फ फैशन उत्पाद के रूप में बल्कि सुपर फूड के रूप में भी वापस आ गया है।
क्लियोपेट्रा नाम की महारानी अपनी सुंदरता को बनाए रखने के लिए गधी के दूध से नहाती थी, 2000 से अधिक वर्षों के बाद गधी का दूध न सिर्फ फैशन उत्पाद के रूप में बल्कि सुपर फूड के रूप में भी वापस आ गया है।
By Diti Bajpai
By गाँव कनेक्शन