By Divendra Singh
देश में सीवीड की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार की कई योजनाएँ भी चल रहीं हैं, पिछले कुछ बरसों में देश में सीवीड का उत्पादन भी बढ़ गया है।
देश में सीवीड की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार की कई योजनाएँ भी चल रहीं हैं, पिछले कुछ बरसों में देश में सीवीड का उत्पादन भी बढ़ गया है।
By Gaon Connection
बेमौसम बारिश, फसलों को हुए बड़े नुकसान और खरीफ कीमतों में भारी गिरावट ने किसानों की आय को बुरी तरह झटका दिया है। एलारा सिक्योरिटीज की ताज़ा रिपोर्ट बताती है कि कई राज्यों में आय महामारी के बाद के सबसे निचले स्तर पर पहुँच गई है।
बेमौसम बारिश, फसलों को हुए बड़े नुकसान और खरीफ कीमतों में भारी गिरावट ने किसानों की आय को बुरी तरह झटका दिया है। एलारा सिक्योरिटीज की ताज़ा रिपोर्ट बताती है कि कई राज्यों में आय महामारी के बाद के सबसे निचले स्तर पर पहुँच गई है।
By Divendra Singh
सोयाबीन की फसल में रोग और कीट पहचान अब किसानों के लिए आसान होने वाली है। इंदौर स्थित राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान ने AI-आधारित मोबाइल ऐप विकसित किया है, जो फोटो के जरिए तुरंत समाधान बताएगा।
सोयाबीन की फसल में रोग और कीट पहचान अब किसानों के लिए आसान होने वाली है। इंदौर स्थित राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान ने AI-आधारित मोबाइल ऐप विकसित किया है, जो फोटो के जरिए तुरंत समाधान बताएगा।
By Divendra Singh
भारत में सर्पदंश पहले ही हर साल लाखों लोगों को प्रभावित करता है और अब जलवायु परिवर्तन इस संकट को और बढ़ाने वाला है। नए क्षेत्रों में हॉटस्पॉट उभरेंगे, पुराने खत्म होंगे, और बिग फोर ज़हरीले साँप उन इलाकों तक पहुँचेंगे जहाँ आज लोग उनसे अनजान हैं।
भारत में सर्पदंश पहले ही हर साल लाखों लोगों को प्रभावित करता है और अब जलवायु परिवर्तन इस संकट को और बढ़ाने वाला है। नए क्षेत्रों में हॉटस्पॉट उभरेंगे, पुराने खत्म होंगे, और बिग फोर ज़हरीले साँप उन इलाकों तक पहुँचेंगे जहाँ आज लोग उनसे अनजान हैं।
By Dr SB Misra
गाँव में आज भी चिकित्सा व्यवस्था संतोषजनक नहीं है। 70% आबादी गाँवों में रहती है, लेकिन डॉक्टरों का सिर्फ़ 26% हिस्सा वहां उपलब्ध है। अस्पतालों की कमी, दवाइयों का अभाव, झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला और तेजी से बढ़ती शहरी बीमारियां, ग्रामीण स्वास्थ्य को बड़ी चुनौती के रूप में खड़ी कर रही हैं।
गाँव में आज भी चिकित्सा व्यवस्था संतोषजनक नहीं है। 70% आबादी गाँवों में रहती है, लेकिन डॉक्टरों का सिर्फ़ 26% हिस्सा वहां उपलब्ध है। अस्पतालों की कमी, दवाइयों का अभाव, झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला और तेजी से बढ़ती शहरी बीमारियां, ग्रामीण स्वास्थ्य को बड़ी चुनौती के रूप में खड़ी कर रही हैं।
By Gaon Connection
प्राकृतिक आपदाएँ सिर्फ खेत नहीं उजाड़तीं, बल्कि किसानों की सालभर की मेहनत और उम्मीदें भी बहा ले जाती हैं। संसद में पेश हुए आंकड़ों में बताया गया कि हर साल लाखों किसान तूफ़ान, बाढ़ और बारिश की मार झेल रहे हैं।
प्राकृतिक आपदाएँ सिर्फ खेत नहीं उजाड़तीं, बल्कि किसानों की सालभर की मेहनत और उम्मीदें भी बहा ले जाती हैं। संसद में पेश हुए आंकड़ों में बताया गया कि हर साल लाखों किसान तूफ़ान, बाढ़ और बारिश की मार झेल रहे हैं।
By Gaon Connection
मेहसाणा के लुनासन गाँव में एक किसान ने खेती को जंगल में बदल दिया और जंगल की तरह खेती को। अमोल खडसरे ने पर्माकल्चर मॉडल अपनाते हुए 1000 से अधिक पेड़-पौधों, औषधियों, सब्जियों और जंगली घासों को एक साथ उगाया, बिना केमिकल, बिना तनाव और बिना अत्यधिक पानी के। आज उनका खेत सिर्फ कृषि उत्पादन नहीं, बल्कि एक जीवित इकोसिस्टम है
मेहसाणा के लुनासन गाँव में एक किसान ने खेती को जंगल में बदल दिया और जंगल की तरह खेती को। अमोल खडसरे ने पर्माकल्चर मॉडल अपनाते हुए 1000 से अधिक पेड़-पौधों, औषधियों, सब्जियों और जंगली घासों को एक साथ उगाया, बिना केमिकल, बिना तनाव और बिना अत्यधिक पानी के। आज उनका खेत सिर्फ कृषि उत्पादन नहीं, बल्कि एक जीवित इकोसिस्टम है
By Gaon Connection
भारत में गाय को सदियों से माता का दर्जा दिया गया है और आज भी अगर कोई गायों को अपनाता है, तो गाय बदले में सेहत और रोज़गार दोनों लौटा सकती है। गुजरात के सूरत ज़िले के नवीपार्डी गाँव में नीलेश अहीर और उनका परिवार यह साबित कर रहा है कि पशुपालन भी एक सफल और आधुनिक बिज़नेस मॉडल बन सकता है।
भारत में गाय को सदियों से माता का दर्जा दिया गया है और आज भी अगर कोई गायों को अपनाता है, तो गाय बदले में सेहत और रोज़गार दोनों लौटा सकती है। गुजरात के सूरत ज़िले के नवीपार्डी गाँव में नीलेश अहीर और उनका परिवार यह साबित कर रहा है कि पशुपालन भी एक सफल और आधुनिक बिज़नेस मॉडल बन सकता है।
By Gaon Connection
भारत के गाँवों में जलकुंभी वर्षों से एक ऐसी समस्या रही है जिसने तालाबों, मछलियों, जलजीवों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का दम घोंट दिया है। तालाब जो कभी जीवन का स्रोत थे, आज हरी चादरों के नीचे सिसकते दिखते हैं। पर इसी अंधेरे के बीच एक नई रोशनी उभरी ICRISAT का सौर ऊर्जा से चलने वाला वाटर हाइऐसिंथ हार्वेस्टर। एक ऐसी मशीन जो न केवल जलकुंभी हटाती है, बल्कि उसे ग्रामीण आजीविका, पर्यावरण संरक्षण और महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के अवसर में बदल देती है।
भारत के गाँवों में जलकुंभी वर्षों से एक ऐसी समस्या रही है जिसने तालाबों, मछलियों, जलजीवों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का दम घोंट दिया है। तालाब जो कभी जीवन का स्रोत थे, आज हरी चादरों के नीचे सिसकते दिखते हैं। पर इसी अंधेरे के बीच एक नई रोशनी उभरी ICRISAT का सौर ऊर्जा से चलने वाला वाटर हाइऐसिंथ हार्वेस्टर। एक ऐसी मशीन जो न केवल जलकुंभी हटाती है, बल्कि उसे ग्रामीण आजीविका, पर्यावरण संरक्षण और महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के अवसर में बदल देती है।
By Divendra Singh
बारह जनजातियाँ, चवालीस कलाकार, एक सपना-आदिवासी संगीत को उसके सही सम्मान तक पहुँचाना। ‘रिदम ऑफ़ द अर्थ’ एक आंदोलन है, एक यात्रा है, एक बयान है।
बारह जनजातियाँ, चवालीस कलाकार, एक सपना-आदिवासी संगीत को उसके सही सम्मान तक पहुँचाना। ‘रिदम ऑफ़ द अर्थ’ एक आंदोलन है, एक यात्रा है, एक बयान है।