By गाँव कनेक्शन
By गाँव कनेक्शन
By Mithilesh Dhar
By दिति बाजपेई
By Dr SB Misra
देश में गोशालाओं की भारी कमी है और उनके प्रबंधन में निर्बाध भ्रष्टाचार हैं, पशु चिकित्सा भगवान भरोसे तो गाय का जयकारा बोलने से क्या होगा।
देश में गोशालाओं की भारी कमी है और उनके प्रबंधन में निर्बाध भ्रष्टाचार हैं, पशु चिकित्सा भगवान भरोसे तो गाय का जयकारा बोलने से क्या होगा।
By डॉ. शिव बालक मिश्र
By Ravleen Kaur
सौर ऊर्जा परियोजनाओं के खिलाफ बढ़ते विरोध के समाधान के रूप में कृषि-फोटोवोल्टिक परियोजनाओं की पेशकश की जा रही है, जिसके लिए जमीन के एक बड़े हिस्से की जरूरत होती है और अक्सर स्थानीय समुदायों के साथ इसको लेकर संघर्ष होता है। ये परियोजनाएं पारंपरिक आजीविका, जैसे चराई और बिजली उत्पादन एक साथ ला सकती है।
सौर ऊर्जा परियोजनाओं के खिलाफ बढ़ते विरोध के समाधान के रूप में कृषि-फोटोवोल्टिक परियोजनाओं की पेशकश की जा रही है, जिसके लिए जमीन के एक बड़े हिस्से की जरूरत होती है और अक्सर स्थानीय समुदायों के साथ इसको लेकर संघर्ष होता है। ये परियोजनाएं पारंपरिक आजीविका, जैसे चराई और बिजली उत्पादन एक साथ ला सकती है।
By Shivani Gupta
ग्रामीणों की शिकायत है कि गुजरात के कच्छ जिले में एक उष्णकटिबंधीय कांटेदार वन (ट्रॉपिकल थार्न फॉरेस्ट) के सैकड़ों पेड़ों को काटकर पवन चक्कियों के निर्माण की योजना बनायी जा रही है। पिछले दो महीनों से पवन ऊर्जा परियोजना के लिए उपकरणों के प्रवेश पर रोक को लेकर ग्रामीण सचेत हो गए हैं। 6 अगस्त को उन्होंने अपने जंगलों को बचाने के लिए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
ग्रामीणों की शिकायत है कि गुजरात के कच्छ जिले में एक उष्णकटिबंधीय कांटेदार वन (ट्रॉपिकल थार्न फॉरेस्ट) के सैकड़ों पेड़ों को काटकर पवन चक्कियों के निर्माण की योजना बनायी जा रही है। पिछले दो महीनों से पवन ऊर्जा परियोजना के लिए उपकरणों के प्रवेश पर रोक को लेकर ग्रामीण सचेत हो गए हैं। 6 अगस्त को उन्होंने अपने जंगलों को बचाने के लिए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
By Diti Bajpai
By Gaon Connection
भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान, (IGFRI) ने किसानों और पशुपालकों के लिए ऐसी चारा किस्में विकसित की हैं, जो अत्यधिक गर्मी, सूखा और कीटों जैसी जलवायु चुनौतियों को भी झेल सकती हैं। ये किस्में अलग-अलग राज्यों और मौसमों के लिए उपयुक्त हैं और टिकाऊ पशुपालन की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही हैं
भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान, (IGFRI) ने किसानों और पशुपालकों के लिए ऐसी चारा किस्में विकसित की हैं, जो अत्यधिक गर्मी, सूखा और कीटों जैसी जलवायु चुनौतियों को भी झेल सकती हैं। ये किस्में अलग-अलग राज्यों और मौसमों के लिए उपयुक्त हैं और टिकाऊ पशुपालन की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही हैं