सिकुड़ते चरागाह पर्यावरण और ग्राम्य अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर खतरा
सिकुड़ते चरागाह पर्यावरण और ग्राम्य अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर खतरा

By गाँव कनेक्शन

चिकित्सालय बना चरागाह
चिकित्सालय बना चरागाह

By गाँव कनेक्शन

मधुमक्खी पालन शुरू करना चाहते हैं तो ये जानकारी आपके पास जरूर होनी चाहिए
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By Mithilesh Dhar

चक गंजरिया के पशुओं को नहीं मिल रहा भर पेट चारा
चक गंजरिया के पशुओं को नहीं मिल रहा भर पेट चारा

By दिति बाजपेई

भूखी-प्यासी छुट्टा गाएं वोट चबाएंगी, तुम देखते रहियो
भूखी-प्यासी छुट्टा गाएं वोट चबाएंगी, तुम देखते रहियो

By Dr SB Misra

देश में गोशालाओं की भारी कमी है और उनके प्रबंधन में निर्बाध भ्रष्टाचार हैं, पशु चिकित्सा भगवान भरोसे तो गाय का जयकारा बोलने से क्या होगा।

देश में गोशालाओं की भारी कमी है और उनके प्रबंधन में निर्बाध भ्रष्टाचार हैं, पशु चिकित्सा भगवान भरोसे तो गाय का जयकारा बोलने से क्या होगा।

किसान क्या खिलाए इतनी गायों को, पूछिए गोरक्षकों से
किसान क्या खिलाए इतनी गायों को, पूछिए गोरक्षकों से

By डॉ. शिव बालक मिश्र

खेती और चरागाह की जमीन को नुकसान पहुंचाए बिना संचालित हो रहीं हरित ऊर्जा की सौर परियोजनाएं
खेती और चरागाह की जमीन को नुकसान पहुंचाए बिना संचालित हो रहीं हरित ऊर्जा की सौर परियोजनाएं

By Ravleen Kaur

सौर ऊर्जा परियोजनाओं के खिलाफ बढ़ते विरोध के समाधान के रूप में कृषि-फोटोवोल्टिक परियोजनाओं की पेशकश की जा रही है, जिसके लिए जमीन के एक बड़े हिस्से की जरूरत होती है और अक्सर स्थानीय समुदायों के साथ इसको लेकर संघर्ष होता है। ये परियोजनाएं पारंपरिक आजीविका, जैसे चराई और बिजली उत्पादन एक साथ ला सकती है।

सौर ऊर्जा परियोजनाओं के खिलाफ बढ़ते विरोध के समाधान के रूप में कृषि-फोटोवोल्टिक परियोजनाओं की पेशकश की जा रही है, जिसके लिए जमीन के एक बड़े हिस्से की जरूरत होती है और अक्सर स्थानीय समुदायों के साथ इसको लेकर संघर्ष होता है। ये परियोजनाएं पारंपरिक आजीविका, जैसे चराई और बिजली उत्पादन एक साथ ला सकती है।

संगनारा के जंगलों को पवनचक्की परियोजना से बचाने के लिए कच्छ के ग्रामीणों का प्रदर्शन
संगनारा के जंगलों को पवनचक्की परियोजना से बचाने के लिए कच्छ के ग्रामीणों का प्रदर्शन

By Shivani Gupta

ग्रामीणों की शिकायत है कि गुजरात के कच्छ जिले में एक उष्णकटिबंधीय कांटेदार वन (ट्रॉपिकल थार्न फॉरेस्ट) के सैकड़ों पेड़ों को काटकर पवन चक्कियों के निर्माण की योजना बनायी जा रही है। पिछले दो महीनों से पवन ऊर्जा परियोजना के लिए उपकरणों के प्रवेश पर रोक को लेकर ग्रामीण सचेत हो गए हैं। 6 अगस्त को उन्होंने अपने जंगलों को बचाने के लिए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।

ग्रामीणों की शिकायत है कि गुजरात के कच्छ जिले में एक उष्णकटिबंधीय कांटेदार वन (ट्रॉपिकल थार्न फॉरेस्ट) के सैकड़ों पेड़ों को काटकर पवन चक्कियों के निर्माण की योजना बनायी जा रही है। पिछले दो महीनों से पवन ऊर्जा परियोजना के लिए उपकरणों के प्रवेश पर रोक को लेकर ग्रामीण सचेत हो गए हैं। 6 अगस्त को उन्होंने अपने जंगलों को बचाने के लिए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।

ब्रायलर मेमना पालन से किसान कर सकते हैं अधिक कमाई
ब्रायलर मेमना पालन से किसान कर सकते हैं अधिक कमाई

By Diti Bajpai

गर्मी-सूखा-कीट सब पर भारी: जानिए कौन सी हैं जलवायु-प्रतिरोधी चारा किस्में
गर्मी-सूखा-कीट सब पर भारी: जानिए कौन सी हैं जलवायु-प्रतिरोधी चारा किस्में

By Gaon Connection

भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान, (IGFRI) ने किसानों और पशुपालकों के लिए ऐसी चारा किस्में विकसित की हैं, जो अत्यधिक गर्मी, सूखा और कीटों जैसी जलवायु चुनौतियों को भी झेल सकती हैं। ये किस्में अलग-अलग राज्यों और मौसमों के लिए उपयुक्त हैं और टिकाऊ पशुपालन की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही हैं

भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान, (IGFRI) ने किसानों और पशुपालकों के लिए ऐसी चारा किस्में विकसित की हैं, जो अत्यधिक गर्मी, सूखा और कीटों जैसी जलवायु चुनौतियों को भी झेल सकती हैं। ये किस्में अलग-अलग राज्यों और मौसमों के लिए उपयुक्त हैं और टिकाऊ पशुपालन की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही हैं

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