By Pawan Kumar Mishra
पवन कुमार मिश्र, शाहजहांपुर जिले के कांट ब्लॉक के कंपोजिट विद्यालय, कांट में अध्यापक हैं, टीचर्स डायरी में साल 2019 में अपने स्कूल में हुआ एक किस्सा साझा कर रहे हैं।
पवन कुमार मिश्र, शाहजहांपुर जिले के कांट ब्लॉक के कंपोजिट विद्यालय, कांट में अध्यापक हैं, टीचर्स डायरी में साल 2019 में अपने स्कूल में हुआ एक किस्सा साझा कर रहे हैं।
By Neetu Singh
एक साधारण सी छड़ी में एलईडी लाइट लगाकर प्रयोग किया। इस छड़ी में लगी लाइट किसी रुकावट का आभास कराती है।
एक साधारण सी छड़ी में एलईडी लाइट लगाकर प्रयोग किया। इस छड़ी में लगी लाइट किसी रुकावट का आभास कराती है।
By Sumit Yadav
पिछले 150 वर्षों से, उन्नाव जिले में छह दिन बाद अपना दशहरा उत्सव मनाया जाता है। देर से मनाने के पीछे इसके दो पड़ोसी शहर लखनऊ और कानपुर है, जानिए क्या है देर से दशहरा मनाने की वजह।
पिछले 150 वर्षों से, उन्नाव जिले में छह दिन बाद अपना दशहरा उत्सव मनाया जाता है। देर से मनाने के पीछे इसके दो पड़ोसी शहर लखनऊ और कानपुर है, जानिए क्या है देर से दशहरा मनाने की वजह।
By Basant Kumar
By गाँव कनेक्शन
By Sanjay Srivastava
By शेखर गुप्ता
By Pankaja Srinivasan
यह पुथंडु यानी तमिल नव वर्ष है और हर जगह सफेद नीम के फूलों की भरमार है। दक्षिण भारत के ज्यादातर घरों में इन फूलों को खास पकवानों में शामिल किया जाता है। सिर्फ इसलिए नहीं कि उनका स्वाद अच्छा होता है, बल्कि इसलिए भी कि ये घरों में एक संदेश लेकर आते हैं- जीवन नीम के पेड़ की तरह खूबसूरत है, जिसमें कड़वाहट तो है, लेकिन तन, मन और आत्मा के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। हम यहां आपके साथ नीम के फूल से झटपट बनने वाली रसम की रेसिपी साझा कर रहे हैं।
यह पुथंडु यानी तमिल नव वर्ष है और हर जगह सफेद नीम के फूलों की भरमार है। दक्षिण भारत के ज्यादातर घरों में इन फूलों को खास पकवानों में शामिल किया जाता है। सिर्फ इसलिए नहीं कि उनका स्वाद अच्छा होता है, बल्कि इसलिए भी कि ये घरों में एक संदेश लेकर आते हैं- जीवन नीम के पेड़ की तरह खूबसूरत है, जिसमें कड़वाहट तो है, लेकिन तन, मन और आत्मा के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। हम यहां आपके साथ नीम के फूल से झटपट बनने वाली रसम की रेसिपी साझा कर रहे हैं।
By Shefali Srivastava
By Satish Malviya
मध्य प्रदेश में मंदसौर जिले के दौलतपुर गाँव के एक सरकारी प्राइमरी स्कूल में विमलवाणी दुबे अपने छात्रों को सिखाने और उनका मनोरंजन करने के लिए कठपुतलियों का सहारा लेती हैं। 51 साल की इस टीचर का एक यूट्यूब चैनल भी है।
मध्य प्रदेश में मंदसौर जिले के दौलतपुर गाँव के एक सरकारी प्राइमरी स्कूल में विमलवाणी दुबे अपने छात्रों को सिखाने और उनका मनोरंजन करने के लिए कठपुतलियों का सहारा लेती हैं। 51 साल की इस टीचर का एक यूट्यूब चैनल भी है।