छत वाले पंखे की कीमत में झांसी की छात्रा ने बना दिया AC , कीमत सुन रह जाएंगे हैरान

Basant Kumar | May 21, 2017, 01:14 IST
उत्तर प्रदेश
स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। सीलिंग फैन यानी छत वाले पंखे से कम कीमत में एक एसी बन सकता है, और आपको इस तपती गर्मी में ठंडा-ठंडा कूल-कूल का अहसास भी करवा सकता है। यकीन मानिए ये एकदम सच है। जुगाड़ के देश कहे जाने वाले भारत में झांसी की छात्रा ने ये अनोखा काम कर दिखाया है।

'देसी एसी' बनाकर सबको अचंभित करने वाली झांसी की रहने वाली कल्याणी श्रीवास्तव (16 वर्षीय) जल्द ही जापान अपना आइडिया शेयर करने जाएंगी। कल्याणी को लखनऊ में उपमुख्यमंत्री दिनेश सिंह ने सम्मानित किया।

झांसी के लोकमान्य तिलक इंटर कॉलेज से 12 वीं की परीक्षा देने के बाद परिणाम का इंतजार करने वाली कल्याणी ने 1,800 रुपए का सस्ता 'देसी एसी' बनाकर लोगों को चौका दिया था। कल्याणी ने यह कारनामा 11वीं में थी तभी देसी एसी का निर्माण किया था।

झांसी के लोकमान्य तिलक इंटर कॉलेज से 12 वीं की परीक्षा देने के बाद परिणाम का इंतजार करने वाली कल्याणी ने 1,800 रुपए का सस्ता 'देसी एसी' बनाकर लोगों को चौका दिया था। कल्याणी ने यह कारनामा 11वीं में थी तभी देसी एसी का निर्माण किया था।
ये भी पढ़ें- बदलते गाँव: सुराही से फ्रिज तक, पंखा झलने से एसी तक

कल्याणी की एसी को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली में आयोजित (आईआईटी-डी) राष्ट्रीय स्तर के मॉडल प्रतियोगिता के लिए द्वारा चुना गया था। जल्द ही कल्याणी जापान जाकर 'देसी एसी' बनाने का आइडिया वहां के वैज्ञानिकों के साथ शेयर करेंगी। आईआईटी-डी से पत्र आने के बाद कल्याणी जापान जाएँगी।

ये है दुनिया की पहली "सोलर चलित छिड़काव मशीन"

कैसे बनाई देसी एसी

कल्याणी बताती हैं, ''आसपास देखती थी कि गरीब लोग पैसे नहीं होने के कारण गर्मी के दिनों में परेशान रहते थे। इन्हीं लोगों को देखकर हमने देसी एसी बनाने के बारे में सोचा। अभी तक तो मेरे इस प्रयोग का लाभ किसी को नहीं मिल रहा लेकिन कोशिश है कि जल्द ही इसका लाभ गरीब लोगों को मिले। ''

ये भी पढ़ें- देश के लिए वरदान हैं देसी नस्ल की गायें

कल्याणी बताती हैं ''देसी एसी में थकोर्माल से बने आइस बॉक्स में 12 बोल्ट के डीसी पंखे से हवा छोड़ी जाती है। एल्बो से ठंडी हवा का प्रवाह होता है। देसी एसी को एक घंटा चलाने पर तापमान में चार-पांच डिग्री की कमी आ जाती है। इस एसी का निर्माण इस तरह से किया गया है कि इससे प्रदुषण कम होगा।''

बनना चाहती हैं सिंगर

भले ही कल्याणी को विज्ञान के देश-विदेश में सम्मानित किया जा रहा हो लेकिन उनका मन गाने में लगता है। कल्याणी कहती हैं, ''मुझे म्यूजिक का शौक बचपन से रहा है और मैं गायिका बनना चाहती हूँ। मैंने 12 वीं की परीक्षा दे दी है परिणाम आने के बाद नम्बर के हिसाब से किसी यूनिवर्सिटी में बीए में एडमिशन लुंगी।''

ये भी पढ़ें- ये है धान साफ करने का देसी तरीका... देखिए वीडियो

बेटी पर गर्व

कल्याणी के देसी एसी बनाने में उनके परिवार ने बहुत सहयोग किया। कल्याणी के पिता दिनेश श्रीवास्तव और माँ दिव्या श्रीवास्तव शिक्षक हैं। दिव्या श्रीवास्तव गाँव कनेक्शन से बातचीत करते हुए कहती हैं कि इतनी कम उम्र में बेटी नाम रौशन कर रही है तो ख़ुशी तो होती है। कल्याणी अपनी ज़िन्दगी में जो करना चाहती है वो कर सकती है हम इनपर कुछ और करने का दबाव नहीं डालने वाले है। अपनी ज़िंदगी अपने मन से जी सकती है।

पार्किसन बीमारी से पीड़ित अपनी दादी के लिए कानपुर के पार्थ ने बनाई अनोखी छड़ी खबर यहां पढ़िए- दादी की दशा देख 9वीं के बच्चे ने बना डाली पार्किंसन बीमारी में मददगार लेजर छड़ी

Tags:
  • उत्तर प्रदेश
  • झांसी
  • जापान
  • देसी फ्रिज
  • कल्याणी श्रीवास्तव

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.