By Gaon Connection
2024-25 के तृतीय अग्रिम अनुमान के अनुसार भारत के बागवानी क्षेत्र में ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई है। सरकार का दावा है कि किसानों की मेहनत, वैज्ञानिक अनुसंधान और आधुनिक तकनीकों ने कृषि को वैश्विक नेतृत्व की दिशा में आगे बढ़ाया है।
2024-25 के तृतीय अग्रिम अनुमान के अनुसार भारत के बागवानी क्षेत्र में ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई है। सरकार का दावा है कि किसानों की मेहनत, वैज्ञानिक अनुसंधान और आधुनिक तकनीकों ने कृषि को वैश्विक नेतृत्व की दिशा में आगे बढ़ाया है।
By Arvind Shukla
तरबूज की फसल कम समय में होती है। लागत ज्यादा लगती है तो मुनाफा भी होता है। लेकिन इसमें कीट और रोग बहुत लगते हैं। ऐसे में जरूरी है किसान सही समय पर फसल बचाव के तरीके जरूर अपनाएं। आज की खबर में किसानों को कृषि वैज्ञानिक और एक्सपर्ट फसल बचाव की सलाह दे रहे हैं।
तरबूज की फसल कम समय में होती है। लागत ज्यादा लगती है तो मुनाफा भी होता है। लेकिन इसमें कीट और रोग बहुत लगते हैं। ऐसे में जरूरी है किसान सही समय पर फसल बचाव के तरीके जरूर अपनाएं। आज की खबर में किसानों को कृषि वैज्ञानिक और एक्सपर्ट फसल बचाव की सलाह दे रहे हैं।
By Divendra Singh
By Virendra Singh
By Ajay Mishra
By Himadri Das
परंपरागत रूप से पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा जिले के छोटे और सीमांत किसान सालों से धान की खेती करते आ रहे थे जिसमें उन्हें काफी कम रिटर्न मिलता है। लेकिन पिछले दो वर्षों में तरबूज की खेती की शुरुआत और किसान उत्पादक कंपनी की स्थापना ने उनकी किस्मत बदल दी।
परंपरागत रूप से पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा जिले के छोटे और सीमांत किसान सालों से धान की खेती करते आ रहे थे जिसमें उन्हें काफी कम रिटर्न मिलता है। लेकिन पिछले दो वर्षों में तरबूज की खेती की शुरुआत और किसान उत्पादक कंपनी की स्थापना ने उनकी किस्मत बदल दी।
By Virendra Singh
By Rahul Jha
सहरसा के नवहट्टा में कैदली पंचायत के रामपुर छतवन में तरबूज की खूब खेती होती है। यहाँ बाहरी राज्यों से किसान आते हैं और खेती करके लाखों रुपये कमाते हैं। जबकि इन जमीनों के मालिक बाहरी राज्यों में पैसा कमाने जाते हैं।
सहरसा के नवहट्टा में कैदली पंचायत के रामपुर छतवन में तरबूज की खूब खेती होती है। यहाँ बाहरी राज्यों से किसान आते हैं और खेती करके लाखों रुपये कमाते हैं। जबकि इन जमीनों के मालिक बाहरी राज्यों में पैसा कमाने जाते हैं।
By Virendra Singh
By Arvind Shukla
शहरों में सब्जियों और फलों के दाम आसमान छू रहे हैं लेकिन किसानों के खेत में उनका रेट माटी मोल है। तरोई, लौकी, खीरा, तरबूज, आम, पोल्ट्री के किसान परेशान हैं। ये लगातार दूसरा साल है जब सब्जियां और फल की कमाई और मांग वाले सीजन में देश लॉकडाउन का सामना कर रहा है।
शहरों में सब्जियों और फलों के दाम आसमान छू रहे हैं लेकिन किसानों के खेत में उनका रेट माटी मोल है। तरोई, लौकी, खीरा, तरबूज, आम, पोल्ट्री के किसान परेशान हैं। ये लगातार दूसरा साल है जब सब्जियां और फल की कमाई और मांग वाले सीजन में देश लॉकडाउन का सामना कर रहा है।