कानपुर में बड़ी नहर बनी नाला, सफाई के नाम पर केवल खानापूर्ति
कानपुर में बड़ी नहर बनी नाला, सफाई के नाम पर केवल खानापूर्ति

By Rajeev Shukla

44 साल बाद पूरी होगी पूर्वांचल के लाखों किसानों की आस, यूपी सरकार ने कहा- साल 2022 के शुरू में पूरी होगी सरयू नहर परियोजना
44 साल बाद पूरी होगी पूर्वांचल के लाखों किसानों की आस, यूपी सरकार ने कहा- साल 2022 के शुरू में पूरी होगी सरयू नहर परियोजना

By गाँव कनेक्शन

सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना सिंचाई विभाग के साथ-साथ भारत सरकार की महत्वाकांक्षी नदी घाटी जोड़ो परियोजना से भी जुड़ती है। इसके जरिए घाघरा, सरयू, राप्ती, बाण गंगा और रोहिन नदी को भी जोड़ना है। इससे इन जिलों में हर साल आने वाली बाढ़ की समस्या भी काफी हद कम हो जाएगी

सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना सिंचाई विभाग के साथ-साथ भारत सरकार की महत्वाकांक्षी नदी घाटी जोड़ो परियोजना से भी जुड़ती है। इसके जरिए घाघरा, सरयू, राप्ती, बाण गंगा और रोहिन नदी को भी जोड़ना है। इससे इन जिलों में हर साल आने वाली बाढ़ की समस्या भी काफी हद कम हो जाएगी

झारखंड: टूटी नहर में पिछले कई वर्षों से नहीं आ रहा पानी, हज़ारों किसान कैसे करें खेती?
झारखंड: टूटी नहर में पिछले कई वर्षों से नहीं आ रहा पानी, हज़ारों किसान कैसे करें खेती?

By Gaon Connection

150 किलोमीटर लंबी कांची नदी नहर परियोजना जो झारखंड के तीन जिलों में 50,000 से अधिक किसानों के लिए सिंचाई का ज़रिया थी, लेकिन आज ये नहर जगह-जगह से टूट गई है। स्थिति ये है कि अब या तो साल में एक बार मानसून में एक फसल ले पाते हैं या फिर काम की तलाश में पलायन कर रहे हैं। किसानों के अनुसार अगर ऐसे ही चलता रहा तो बहुत से किसान खेती करना छोड़ देंगे।

150 किलोमीटर लंबी कांची नदी नहर परियोजना जो झारखंड के तीन जिलों में 50,000 से अधिक किसानों के लिए सिंचाई का ज़रिया थी, लेकिन आज ये नहर जगह-जगह से टूट गई है। स्थिति ये है कि अब या तो साल में एक बार मानसून में एक फसल ले पाते हैं या फिर काम की तलाश में पलायन कर रहे हैं। किसानों के अनुसार अगर ऐसे ही चलता रहा तो बहुत से किसान खेती करना छोड़ देंगे।

झारखंड: टूटी नहर में पिछले कई वर्षों से नहीं आ रहा पानी, हज़ारों किसान कैसे करें खेती?
झारखंड: टूटी नहर में पिछले कई वर्षों से नहीं आ रहा पानी, हज़ारों किसान कैसे करें खेती?

By Manoj Choudhary

150 किलोमीटर लंबी कांची नदी नहर परियोजना जो झारखंड के तीन जिलों में 50,000 से अधिक किसानों के लिए सिंचाई का ज़रिया थी, लेकिन आज ये नहर जगह-जगह से टूट गई है। स्थिति ये है कि अब या तो साल में एक बार मानसून में एक फसल ले पाते हैं या फिर काम की तलाश में पलायन कर रहे हैं। किसानों के अनुसार अगर ऐसे ही चलता रहा तो बहुत से किसान खेती करना छोड़ देंगे।

150 किलोमीटर लंबी कांची नदी नहर परियोजना जो झारखंड के तीन जिलों में 50,000 से अधिक किसानों के लिए सिंचाई का ज़रिया थी, लेकिन आज ये नहर जगह-जगह से टूट गई है। स्थिति ये है कि अब या तो साल में एक बार मानसून में एक फसल ले पाते हैं या फिर काम की तलाश में पलायन कर रहे हैं। किसानों के अनुसार अगर ऐसे ही चलता रहा तो बहुत से किसान खेती करना छोड़ देंगे।

गांव कनेक्शन की खबर का असर: मिर्जापुर के किसानों को बाणसागर बांध नहर से मिलने लगा सिंचाई का पानी
गांव कनेक्शन की खबर का असर: मिर्जापुर के किसानों को बाणसागर बांध नहर से मिलने लगा सिंचाई का पानी

By गाँव कनेक्शन

दशकों के इंतजार के बाद, उत्तर प्रदेश में मिर्जापुर के मड़िहान ब्लॉक में किसानों को अपनी फसलों की सिंचाई के लिए पानी मिलने लगा है, क्योंकि बाणसागर नहर का मेजा-जरगो खंड, चालू हो गया है। गांव कनेक्शन ने हाल ही में इन किसानों की परेशानी को प्रकाशित किया था।

दशकों के इंतजार के बाद, उत्तर प्रदेश में मिर्जापुर के मड़िहान ब्लॉक में किसानों को अपनी फसलों की सिंचाई के लिए पानी मिलने लगा है, क्योंकि बाणसागर नहर का मेजा-जरगो खंड, चालू हो गया है। गांव कनेक्शन ने हाल ही में इन किसानों की परेशानी को प्रकाशित किया था।

यूपी के चंदौली में सैकड़ों बीघे गेहूं के खेतों में भरा नहर का पानी, मुश्किल में किसान
यूपी के चंदौली में सैकड़ों बीघे गेहूं के खेतों में भरा नहर का पानी, मुश्किल में किसान

By Gaon Connection

चंदौली जिले में 300 बीघा से अधिक कटाई के लिए तैयार गेहूं की फसल में पानी भर गया है, क्योंकि वरिला-माइनर नहर ओवरफ्लो हो गई है। किसानों की शिकायत है कि दशकों से नहर पर कोई रखरखाव का काम नहीं किया गया है, जो जगह-जगह दरारों और भारी गाद के कारण उनके खेत पानी में डूब गए हैं।

चंदौली जिले में 300 बीघा से अधिक कटाई के लिए तैयार गेहूं की फसल में पानी भर गया है, क्योंकि वरिला-माइनर नहर ओवरफ्लो हो गई है। किसानों की शिकायत है कि दशकों से नहर पर कोई रखरखाव का काम नहीं किया गया है, जो जगह-जगह दरारों और भारी गाद के कारण उनके खेत पानी में डूब गए हैं।

यूपी के चंदौली में सैकड़ों बीघे गेहूं के खेतों में भरा नहर का पानी, मुश्किल में किसान
यूपी के चंदौली में सैकड़ों बीघे गेहूं के खेतों में भरा नहर का पानी, मुश्किल में किसान

By Pavan Kumar Maurya

चंदौली जिले में 300 बीघा से अधिक कटाई के लिए तैयार गेहूं की फसल में पानी भर गया है, क्योंकि वरिला-माइनर नहर ओवरफ्लो हो गई है। किसानों की शिकायत है कि दशकों से नहर पर कोई रखरखाव का काम नहीं किया गया है, जो जगह-जगह दरारों और भारी गाद के कारण उनके खेत पानी में डूब गए हैं।

चंदौली जिले में 300 बीघा से अधिक कटाई के लिए तैयार गेहूं की फसल में पानी भर गया है, क्योंकि वरिला-माइनर नहर ओवरफ्लो हो गई है। किसानों की शिकायत है कि दशकों से नहर पर कोई रखरखाव का काम नहीं किया गया है, जो जगह-जगह दरारों और भारी गाद के कारण उनके खेत पानी में डूब गए हैं।

सीतापुर में हुआ हादसा, नहर में गिरी जीप, देखें फोटो
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By गाँव कनेक्शन

चार दशक बाद पूरी हुई सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना
चार दशक बाद पूरी हुई सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना

By गाँव कनेक्शन

पहली पंचवर्षीय योजना में बनी पंप कैनाल सरकारी उदासीनता का शिकार, मऊ और बलिया के हजारों किसान परेशान
पहली पंचवर्षीय योजना में बनी पंप कैनाल सरकारी उदासीनता का शिकार, मऊ और बलिया के हजारों किसान परेशान

By Tejaswita Upadhyay

उत्तर प्रदेश के मऊ और बलिया जिले के बीच साल 1952 में 60 किलोमीटर लंबी पक्की कैनाल (छोटी नहर) बनी थी, मोटर के पंप से इस नहर में सरयू नदी से पानी डाला जाता था, हजारों किसानों को फायदा मिलता था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में कैनाल की स्थिति दयनीय हो गई है। दीवारें टूट रही हैं, समय पर पानी नहीं आ रहा है। क्षेत्र के किसान परेशान हैं।

उत्तर प्रदेश के मऊ और बलिया जिले के बीच साल 1952 में 60 किलोमीटर लंबी पक्की कैनाल (छोटी नहर) बनी थी, मोटर के पंप से इस नहर में सरयू नदी से पानी डाला जाता था, हजारों किसानों को फायदा मिलता था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में कैनाल की स्थिति दयनीय हो गई है। दीवारें टूट रही हैं, समय पर पानी नहीं आ रहा है। क्षेत्र के किसान परेशान हैं।

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