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आजकल युवा उम्र में बालों से जुड़ी समस्याएँ जैसे बाल झड़ना, डैंड्रफ और स्कैल्प में खुजली बहुत तेजी से बढ़ रही हैं। ये समस्याएँ न केवल दिखावट बल्कि आत्मविश्वास पर भी असर डालती हैं। इन दिक्कतों के पीछे कई बाहरी और अंदरूनी कारण होते हैं। इन्हीं कारणों और उनके समाधान को समझने के लिए “गाँव कनेक्शन” ने La Densitae की हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. शशी चौहान से बातचीत की।
आजकल युवा उम्र में बालों से जुड़ी समस्याएँ जैसे बाल झड़ना, डैंड्रफ और स्कैल्प में खुजली बहुत तेजी से बढ़ रही हैं। ये समस्याएँ न केवल दिखावट बल्कि आत्मविश्वास पर भी असर डालती हैं। इन दिक्कतों के पीछे कई बाहरी और अंदरूनी कारण होते हैं। इन्हीं कारणों और उनके समाधान को समझने के लिए “गाँव कनेक्शन” ने La Densitae की हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. शशी चौहान से बातचीत की।
By Dr SB Misra
गाँव में आज भी चिकित्सा व्यवस्था संतोषजनक नहीं है। 70% आबादी गाँवों में रहती है, लेकिन डॉक्टरों का सिर्फ़ 26% हिस्सा वहां उपलब्ध है। अस्पतालों की कमी, दवाइयों का अभाव, झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला और तेजी से बढ़ती शहरी बीमारियां, ग्रामीण स्वास्थ्य को बड़ी चुनौती के रूप में खड़ी कर रही हैं।
गाँव में आज भी चिकित्सा व्यवस्था संतोषजनक नहीं है। 70% आबादी गाँवों में रहती है, लेकिन डॉक्टरों का सिर्फ़ 26% हिस्सा वहां उपलब्ध है। अस्पतालों की कमी, दवाइयों का अभाव, झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला और तेजी से बढ़ती शहरी बीमारियां, ग्रामीण स्वास्थ्य को बड़ी चुनौती के रूप में खड़ी कर रही हैं।
By Divendra Singh
By Arvind Singh Parmar
यहां के पाँच सौ किसान पान की खेती करते हैं, इन परिवारों के करीब तीन हजार लोगों की रोजी रोटी पान की खेती से चलती है। लॉकडाउन के दौरान पान की खेती करने वाले किसानों का नुकसान किसी की नजर में नहीं आया।
यहां के पाँच सौ किसान पान की खेती करते हैं, इन परिवारों के करीब तीन हजार लोगों की रोजी रोटी पान की खेती से चलती है। लॉकडाउन के दौरान पान की खेती करने वाले किसानों का नुकसान किसी की नजर में नहीं आया।
By Kirti Shukla
पान की खेती के साथ मिर्च की खेती : युवा किसान राम गोपाल शर्मा अब न केवल पान की खेती भी करने लगे हैं, बल्कि पान की खेती से अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं।
पान की खेती के साथ मिर्च की खेती : युवा किसान राम गोपाल शर्मा अब न केवल पान की खेती भी करने लगे हैं, बल्कि पान की खेती से अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं।
By Virendra Singh
By Daya Sagar
मगध के पान किसानों पर मौसम की चौतरफा मार पड़ी है। जहां जनवरी-फरवरी की भीषण शीतलहरी में पान की पत्तियां मुरझा गई, वहीं मई-जून की गर्म हवाओं और लू के थपेड़ों ने पान की पत्तियों को झुलसा कर रख दिया। इसके बाद सितंबर-अक्टूबर में हुई बेतहाशा बारिश से पौधों को गलकी रोग हो गया, जिससे पान किसानों का लाखों का नुकसान हुआ।
मगध के पान किसानों पर मौसम की चौतरफा मार पड़ी है। जहां जनवरी-फरवरी की भीषण शीतलहरी में पान की पत्तियां मुरझा गई, वहीं मई-जून की गर्म हवाओं और लू के थपेड़ों ने पान की पत्तियों को झुलसा कर रख दिया। इसके बाद सितंबर-अक्टूबर में हुई बेतहाशा बारिश से पौधों को गलकी रोग हो गया, जिससे पान किसानों का लाखों का नुकसान हुआ।
By Gaon Connection
पूरी दुनिया में अपने स्वाद के लिए मशहूर बनारसी पान खुद उसके ही किसानों को बेस्वाद लगने लगा है। जीआई टैग मिलने के बाद भी पान किसान इसकी ख़ेती से क्यों कर रहे हैं तौबा, इसी की पड़ताल है गाँव कनेक्शन की ये रिपोर्ट।
पूरी दुनिया में अपने स्वाद के लिए मशहूर बनारसी पान खुद उसके ही किसानों को बेस्वाद लगने लगा है। जीआई टैग मिलने के बाद भी पान किसान इसकी ख़ेती से क्यों कर रहे हैं तौबा, इसी की पड़ताल है गाँव कनेक्शन की ये रिपोर्ट।
By Dewesh Pandey
पूरी दुनिया में अपने स्वाद के लिए मशहूर बनारसी पान खुद उसके ही किसानों को बेस्वाद लगने लगा है। जीआई टैग मिलने के बाद भी पान किसान इसकी ख़ेती से क्यों कर रहे हैं तौबा, इसी की पड़ताल है गाँव कनेक्शन की ये रिपोर्ट।
पूरी दुनिया में अपने स्वाद के लिए मशहूर बनारसी पान खुद उसके ही किसानों को बेस्वाद लगने लगा है। जीआई टैग मिलने के बाद भी पान किसान इसकी ख़ेती से क्यों कर रहे हैं तौबा, इसी की पड़ताल है गाँव कनेक्शन की ये रिपोर्ट।
By Gaon Connection
सुगंधित पान के पत्तों के लिए मशहूर बिहार का मुंगेर जिला इसकी खेती को बचाए रखने के लिए संघर्ष कर रहा है। बढ़ती गर्मी, सूखे जैसे हालात और अनियमित मौसम पान की खेती को कम कर रहे हैं। किसानों को डर है कि जल्द ही मुंगेर के प्रसिद्ध पान के पत्ते नजर आना बंद हो जाएंगे।
सुगंधित पान के पत्तों के लिए मशहूर बिहार का मुंगेर जिला इसकी खेती को बचाए रखने के लिए संघर्ष कर रहा है। बढ़ती गर्मी, सूखे जैसे हालात और अनियमित मौसम पान की खेती को कम कर रहे हैं। किसानों को डर है कि जल्द ही मुंगेर के प्रसिद्ध पान के पत्ते नजर आना बंद हो जाएंगे।