By गाँव कनेक्शन
By Ashwani Nigam
By Diti Bajpai
By Diti Bajpai
By गाँव कनेक्शन
By Dr. Satyendra Pal Singh
पुराने समय से ही भारत में पाले जाने वाले पशुओं पर नजर डाली जाये तो यह लगता है कि यहां गाय, भैंस, भेड़, बकरी, मिथुन, याक, घोड़ा, ऊंट आदि की नस्लों को एक क्षेत्र विशेष की जलवायु के अनुकूल ही प्रमुखता दी जाती थी।
पुराने समय से ही भारत में पाले जाने वाले पशुओं पर नजर डाली जाये तो यह लगता है कि यहां गाय, भैंस, भेड़, बकरी, मिथुन, याक, घोड़ा, ऊंट आदि की नस्लों को एक क्षेत्र विशेष की जलवायु के अनुकूल ही प्रमुखता दी जाती थी।
By Diti Bajpai
By गाँव कनेक्शन
प्रदेश में मौसम के हिसाब से किसान बेहतर उत्पादन के लिए अगले सप्ताह कृषि प्रबन्धन के लिए ये उपाय अपना सकते हैं
प्रदेश में मौसम के हिसाब से किसान बेहतर उत्पादन के लिए अगले सप्ताह कृषि प्रबन्धन के लिए ये उपाय अपना सकते हैं
By Dr. Satyendra Pal Singh
आजादी के इतने वर्षों के बाद श्वेत क्रांति के जोरदार आगाज के बाद भी हमारी भारतीय गाय के एक ब्यांत का औसत दुग्ध उत्पादन पाकिस्तान जैसे देश के मुकाबले आधा है। आंकड़ों के अनुसार भारत में गाय का एक ब्यांत का औसत दुग्ध उत्पादन 1100 लीटर, पाकिस्तान का 2200 लीटर, यूएसए का 9000 लीटर और इजराइल का 11000 लीटर तक है। भारतीय श्वेत क्रांति की यह एक ऐसी सच्चाई है, जिसे नकारा नहीं जा सकता है।
आजादी के इतने वर्षों के बाद श्वेत क्रांति के जोरदार आगाज के बाद भी हमारी भारतीय गाय के एक ब्यांत का औसत दुग्ध उत्पादन पाकिस्तान जैसे देश के मुकाबले आधा है। आंकड़ों के अनुसार भारत में गाय का एक ब्यांत का औसत दुग्ध उत्पादन 1100 लीटर, पाकिस्तान का 2200 लीटर, यूएसए का 9000 लीटर और इजराइल का 11000 लीटर तक है। भारतीय श्वेत क्रांति की यह एक ऐसी सच्चाई है, जिसे नकारा नहीं जा सकता है।