By Gaon Connection
भारत में डेयरी किसानों के लिए सबसे बड़ी चुनौती - मास्टाइटिस यानी थनैला रोग पर अब एक नई वैज्ञानिक रोशनी पड़ी है। हिसार स्थित आईसीएआर-सीआईआरबी के वैज्ञानिकों ने मुर्राह भैंसों के दूध पर किए गए जीनोमिक अध्ययन में पाया कि Acinetobacter johnsonii नामक बैक्टीरिया इस रोग से गहराई से जुड़ा हुआ है। यह खोज न केवल संक्रमण के सही कारणों को समझने में मदद करेगी, बल्कि भविष्य में एंटीबायोटिक-फ्री डेयरी उत्पादन की दिशा में भी एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।
भारत में डेयरी किसानों के लिए सबसे बड़ी चुनौती - मास्टाइटिस यानी थनैला रोग पर अब एक नई वैज्ञानिक रोशनी पड़ी है। हिसार स्थित आईसीएआर-सीआईआरबी के वैज्ञानिकों ने मुर्राह भैंसों के दूध पर किए गए जीनोमिक अध्ययन में पाया कि Acinetobacter johnsonii नामक बैक्टीरिया इस रोग से गहराई से जुड़ा हुआ है। यह खोज न केवल संक्रमण के सही कारणों को समझने में मदद करेगी, बल्कि भविष्य में एंटीबायोटिक-फ्री डेयरी उत्पादन की दिशा में भी एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।
By Divendra Singh
मध्य प्रदेश में भैंस पालन को बढ़ावा देने के लिए नई योजना शुरू की जा रही है, जिसमें लघु सीमांत किसानों को मुर्रा भैंस खरीदने के लिए 50% सब्सिडी दी जाएगी। साथ ही किसानों को छह महीने का दाना-चारा भी मिलेगा, ताकि उसे किसी तरह की समस्या न हो।
मध्य प्रदेश में भैंस पालन को बढ़ावा देने के लिए नई योजना शुरू की जा रही है, जिसमें लघु सीमांत किसानों को मुर्रा भैंस खरीदने के लिए 50% सब्सिडी दी जाएगी। साथ ही किसानों को छह महीने का दाना-चारा भी मिलेगा, ताकि उसे किसी तरह की समस्या न हो।
By गाँव कनेक्शन
देश में भैंस की कई नस्ल हैं, हर एक की अपनी खूबियां हैं, कोई नस्ल किसी राज्य विशेष के लिए सही है तो कई नस्लें कई राज्यों में अच्छा दूध उत्पादन कर रही हैं।
देश में भैंस की कई नस्ल हैं, हर एक की अपनी खूबियां हैं, कोई नस्ल किसी राज्य विशेष के लिए सही है तो कई नस्लें कई राज्यों में अच्छा दूध उत्पादन कर रही हैं।
By Gaon Connection
भारत का दूध उत्पादन 2024 में 239.30 मिलियन टन पहुंचा, जिसमें गाय का योगदान 53.12% और भैंस का 43.62% है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश शीर्ष उत्पादक राज्य हैं। जानिए राज्यवार दूध उत्पादन के आंकड़े, डेयरी सेक्टर के तथ्य और भविष्य की संभावनाएं।
भारत का दूध उत्पादन 2024 में 239.30 मिलियन टन पहुंचा, जिसमें गाय का योगदान 53.12% और भैंस का 43.62% है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश शीर्ष उत्पादक राज्य हैं। जानिए राज्यवार दूध उत्पादन के आंकड़े, डेयरी सेक्टर के तथ्य और भविष्य की संभावनाएं।
By गाँव कनेक्शन
गुजरात के कच्छ क्षेत्र में पायी जाने वाली बन्नी भैंस को कुंडी नाम से भी जाना जाता है। यह नस्ल ज्यादा गर्मी और सर्दी बर्दाश्त कर लेती है।
गुजरात के कच्छ क्षेत्र में पायी जाने वाली बन्नी भैंस को कुंडी नाम से भी जाना जाता है। यह नस्ल ज्यादा गर्मी और सर्दी बर्दाश्त कर लेती है।
By Divendra Singh
देसी नस्ल की भैंस के संरक्षण के लिए उन्हें राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो की तरफ से राष्ट्रीय मान्यता मिलती है, कर्नाटक की धारवाड़ी भैंस को भी शामिल कर लिया गया है।
देसी नस्ल की भैंस के संरक्षण के लिए उन्हें राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो की तरफ से राष्ट्रीय मान्यता मिलती है, कर्नाटक की धारवाड़ी भैंस को भी शामिल कर लिया गया है।
By Diti Bajpai
By गाँव कनेक्शन
भारत और दूसरे एशियाई देशों के कृषि व डेयरी कारोबार से जुड़े लाखों किसान भैंस और अन्य मवेशियों पर आश्रित हैं। बढ़ती आबादी के साथ भोजन की मांग भी निरंतर बढ़ रही है। ऐसे में, यह महत्वपूर्ण है कि भैंसों और अन्य पालतू पशुओं के प्रबंधन के लिए स्वस्थ तरीके खोजे जाएं।
भारत और दूसरे एशियाई देशों के कृषि व डेयरी कारोबार से जुड़े लाखों किसान भैंस और अन्य मवेशियों पर आश्रित हैं। बढ़ती आबादी के साथ भोजन की मांग भी निरंतर बढ़ रही है। ऐसे में, यह महत्वपूर्ण है कि भैंसों और अन्य पालतू पशुओं के प्रबंधन के लिए स्वस्थ तरीके खोजे जाएं।
By Diti Bajpai
By Dr. Satyendra Pal Singh
वर्तमान में भदावरी नस्ल की भैंस अपने पंरपरागत क्षेत्रों में भी कम ही दिखाई देती है। कहना गलत नहीं होगा यदि यही हाल रहा तो यह नस्ल कुछ ही वर्षों में अपने पैतृक क्षेत्र से ही विलुप्त न हो जाये।
वर्तमान में भदावरी नस्ल की भैंस अपने पंरपरागत क्षेत्रों में भी कम ही दिखाई देती है। कहना गलत नहीं होगा यदि यही हाल रहा तो यह नस्ल कुछ ही वर्षों में अपने पैतृक क्षेत्र से ही विलुप्त न हो जाये।