ये वजह है इस बार बनारसी आम 'लंगड़ा' के महँगा होने और 'लंगड़ा' कहे जाने की
ये वजह है इस बार बनारसी आम 'लंगड़ा' के महँगा होने और 'लंगड़ा' कहे जाने की

By Dewesh Pandey

बनारस का लंगड़ा आम इसबार मंडी में आते ही लंगड़ा रहा है। देश के सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ‘लंगड़ा’ किस्म आम के उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई है। किसानों के मुताबिक, इसका कारण अप्रैल और मई में होने वाली बेमौसम ओलावृष्टि और बारिश है।

बनारस का लंगड़ा आम इसबार मंडी में आते ही लंगड़ा रहा है। देश के सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ‘लंगड़ा’ किस्म आम के उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई है। किसानों के मुताबिक, इसका कारण अप्रैल और मई में होने वाली बेमौसम ओलावृष्टि और बारिश है।

ये वजह है इस बार बनारसी आम 'लंगड़ा' के महँगा होने और 'लंगड़ा' कहे जाने की
ये वजह है इस बार बनारसी आम 'लंगड़ा' के महँगा होने और 'लंगड़ा' कहे जाने की

By Gaon Connection

बनारस का लंगड़ा आम इसबार मंडी में आते ही लंगड़ा रहा है। देश के सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ‘लंगड़ा’ किस्म आम के उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई है। किसानों के मुताबिक, इसका कारण अप्रैल और मई में होने वाली बेमौसम ओलावृष्टि और बारिश है।

बनारस का लंगड़ा आम इसबार मंडी में आते ही लंगड़ा रहा है। देश के सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ‘लंगड़ा’ किस्म आम के उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई है। किसानों के मुताबिक, इसका कारण अप्रैल और मई में होने वाली बेमौसम ओलावृष्टि और बारिश है।

दुबई समेत कई खाड़ी देशों तक जाते हैं सीतापुर के आम
दुबई समेत कई खाड़ी देशों तक जाते हैं सीतापुर के आम

By Kirti Shukla

सीज़न के आख़िरी आम के स्वाद के साथ अपने पसंदीदा फल को करिए विदा
सीज़न के आख़िरी आम के स्वाद के साथ अपने पसंदीदा फल को करिए विदा

By Bidyut Majumdar

इस सीज़न आपने दशहरी, चौसा और सफेदा आम का स्वाद नहीं चखा है तो ये सप्ताह ही आख़िरी मौका है। बारिश शुरू होते ही आम की इन किस्मों ने अपनी विदाई की तैयारी शुरू कर दी है।

इस सीज़न आपने दशहरी, चौसा और सफेदा आम का स्वाद नहीं चखा है तो ये सप्ताह ही आख़िरी मौका है। बारिश शुरू होते ही आम की इन किस्मों ने अपनी विदाई की तैयारी शुरू कर दी है।

पशुओं की वो बीमारियां जिनसे बचाने के लिए प्रधानमंत्री ने शुरु किया पोलियो जैसा अभियान, जानिए क्या है खुरपका-मुंहपका
पशुओं की वो बीमारियां जिनसे बचाने के लिए प्रधानमंत्री ने शुरु किया पोलियो जैसा अभियान, जानिए क्या है खुरपका-मुंहपका

By Diti Bajpai

पशुओं की बीमारियां बचाने के लिए प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री ने पशुओं को खुरपका मुंहपका जैसी बीमारियों से बचाने के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम की शुरुआत की, जानिए क्या है ये बीमारी और क्या होते हैं पशुओं में इसके लक्षण

पशुओं की बीमारियां बचाने के लिए प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री ने पशुओं को खुरपका मुंहपका जैसी बीमारियों से बचाने के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम की शुरुआत की, जानिए क्या है ये बीमारी और क्या होते हैं पशुओं में इसके लक्षण

आम उत्पादक और निर्यातकों के लिए अच्छी खबर, इस साल अमेरिका को आम निर्यात को मिली हरी झंडी
आम उत्पादक और निर्यातकों के लिए अच्छी खबर, इस साल अमेरिका को आम निर्यात को मिली हरी झंडी

By गाँव कनेक्शन

भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण विभाग (DAC&FW) और अमेरिकी कृषि विभाग (USDA) के एमओयू के बाद इस साल आम निर्यात का रास्ता साफ हो गया। कोविड के चलते 2020-2021 में निर्यात पर नहीं हो सका था।

भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण विभाग (DAC&FW) और अमेरिकी कृषि विभाग (USDA) के एमओयू के बाद इस साल आम निर्यात का रास्ता साफ हो गया। कोविड के चलते 2020-2021 में निर्यात पर नहीं हो सका था।

कहीं आप भी तो नहीं कर रहे हैं आम के बगीचे में अधिक मात्रा में पैक्लोब्यूट्राजाल का छिड़काव
कहीं आप भी तो नहीं कर रहे हैं आम के बगीचे में अधिक मात्रा में पैक्लोब्यूट्राजाल का छिड़काव

By गाँव कनेक्शन

उत्तर भारत की सभी महत्वपूर्ण आम की किस्में, जैसे दशहरी, चौसा और लंगड़ा, अनियमित रूप से फलती हैं। एक साल जब फसल भरपूर होती है तो किसान अच्छा पैसा कमाते हैं, लेकिन अगले साल कम फसल के कारण उन्हें नुकसान होता है। इसलिए किसान नियमित रूप से फल पैदा करने के लिए पैक्लोब्यूट्राजाल नामक रसायन का तेजी से उपयोग कर रहे हैं। उचित मात्रा में प्रयोग किसान के लिए हितकर है लेकिन अधिक मात्रा का प्रयोग हानिकारक है।

उत्तर भारत की सभी महत्वपूर्ण आम की किस्में, जैसे दशहरी, चौसा और लंगड़ा, अनियमित रूप से फलती हैं। एक साल जब फसल भरपूर होती है तो किसान अच्छा पैसा कमाते हैं, लेकिन अगले साल कम फसल के कारण उन्हें नुकसान होता है। इसलिए किसान नियमित रूप से फल पैदा करने के लिए पैक्लोब्यूट्राजाल नामक रसायन का तेजी से उपयोग कर रहे हैं। उचित मात्रा में प्रयोग किसान के लिए हितकर है लेकिन अधिक मात्रा का प्रयोग हानिकारक है।

दामाद, बहू, ज़मींदार को आम की शक्ल में परोसता बिहार का एक अनोखा महोत्सव
दामाद, बहू, ज़मींदार को आम की शक्ल में परोसता बिहार का एक अनोखा महोत्सव

By Laraib Fatima Warsi

आम के ऐसे नाम जिन्हें सुनकर आप सोच में पड़ सकते हैं, कि अरे भाई इनका ये नाम क्यों है? लेकिन बिहार के मिथिला आम उत्सव में ऐसी ही कई किस्में देखने को मिलीं। चलिए जानते हैं इन ख़ास आम की किस्मों के बारे में

आम के ऐसे नाम जिन्हें सुनकर आप सोच में पड़ सकते हैं, कि अरे भाई इनका ये नाम क्यों है? लेकिन बिहार के मिथिला आम उत्सव में ऐसी ही कई किस्में देखने को मिलीं। चलिए जानते हैं इन ख़ास आम की किस्मों के बारे में

किसी की आंखें नहीं है, तो कोई चल नहीं सकता...लेकिन उन्होंने हाथ नहीं फैलाए, भीख नहीं मांगी...
किसी की आंखें नहीं है, तो कोई चल नहीं सकता...लेकिन उन्होंने हाथ नहीं फैलाए, भीख नहीं मांगी...

By Neetu Singh

इस समूह में 10-12 लोग हैं.. किसी को दिखाई नहीं पड़ता तो कोई सुन नहीं सकता.. किसी के बचपन से पैर नहीं है, किसी के हाथों ने उसका साथ छोड़ दिया है.. लेकिन जिंदगी से नहीं हारे. दूसरों से भीख नहीं मांगी.. एक साथ मिले और अपना काम शुरु कर दिया.. ये उनकी कहानी है..

इस समूह में 10-12 लोग हैं.. किसी को दिखाई नहीं पड़ता तो कोई सुन नहीं सकता.. किसी के बचपन से पैर नहीं है, किसी के हाथों ने उसका साथ छोड़ दिया है.. लेकिन जिंदगी से नहीं हारे. दूसरों से भीख नहीं मांगी.. एक साथ मिले और अपना काम शुरु कर दिया.. ये उनकी कहानी है..

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.