By Gaon Connection
मेहसाणा के लुनासन गाँव में एक किसान ने खेती को जंगल में बदल दिया और जंगल की तरह खेती को। अमोल खडसरे ने पर्माकल्चर मॉडल अपनाते हुए 1000 से अधिक पेड़-पौधों, औषधियों, सब्जियों और जंगली घासों को एक साथ उगाया, बिना केमिकल, बिना तनाव और बिना अत्यधिक पानी के। आज उनका खेत सिर्फ कृषि उत्पादन नहीं, बल्कि एक जीवित इकोसिस्टम है
मेहसाणा के लुनासन गाँव में एक किसान ने खेती को जंगल में बदल दिया और जंगल की तरह खेती को। अमोल खडसरे ने पर्माकल्चर मॉडल अपनाते हुए 1000 से अधिक पेड़-पौधों, औषधियों, सब्जियों और जंगली घासों को एक साथ उगाया, बिना केमिकल, बिना तनाव और बिना अत्यधिक पानी के। आज उनका खेत सिर्फ कृषि उत्पादन नहीं, बल्कि एक जीवित इकोसिस्टम है
By Deepak Acharya
वैसे अफ्रीका और एशियाई देशों में पाए जाने वाले इस पेड़ के तमाम अंगों जैसे फल्लियाँ, फूल, जड़ें और छाल आदि बतौर व्यंजन इस्तेमाल में लायी जाती है, लेकिन सहजन का बेजा उपयोग औषधि की तरह कई देशों में किया जाता है। इसके सभी अंग पोषक तत्त्वों से भरपूर होते हैं और इसी वजह से अनेक रोगोपचार में इनका जिक्र आता है।
वैसे अफ्रीका और एशियाई देशों में पाए जाने वाले इस पेड़ के तमाम अंगों जैसे फल्लियाँ, फूल, जड़ें और छाल आदि बतौर व्यंजन इस्तेमाल में लायी जाती है, लेकिन सहजन का बेजा उपयोग औषधि की तरह कई देशों में किया जाता है। इसके सभी अंग पोषक तत्त्वों से भरपूर होते हैं और इसी वजह से अनेक रोगोपचार में इनका जिक्र आता है।
By डॉ दीपक आचार्य
By Dr SK Singh
एक समय था जब सहजन और करी पत्ता का महत्व सिर्फ दक्षिण भारत के लोगों को मालूम था, लेकिन आज उत्तर भारत में भी शायद ही कोई घर होगा, जिसे इनके बारे में न पता हो।
एक समय था जब सहजन और करी पत्ता का महत्व सिर्फ दक्षिण भारत के लोगों को मालूम था, लेकिन आज उत्तर भारत में भी शायद ही कोई घर होगा, जिसे इनके बारे में न पता हो।
By Neetu Singh
By Kirti Shukla
By गाँव कनेक्शन
By Virendra Singh
By डॉ दीपक आचार्य
By डॉ दीपक आचार्य