विश्व हाथी दिवस: हाथियों को बचाएंगे या फिर कोयले से मुनाफा कमाएंगे?
विश्व हाथी दिवस: हाथियों को बचाएंगे या फिर कोयले से मुनाफा कमाएंगे?

By Praphull Thakur

हाथियों के संरक्षण के लिए 12 अगस्त को दुनिया भर में विश्व हाथी दिवस मनाया जाता है। देश के कुछ राज्य जहां के एक बड़े क्षेत्र में हाथियों का कुनबा रहता है, उसमें से एक छत्तीसगढ़ भी है। जहां पर छत्तीसगढ़ सरकार एक ओर हाथियों के लिए हाथी अभयारण्य बनाना चाह रही है। वहीं दूसरी ओर कोयला खदानों का आवंटन भी कर रही है। जीव विशेषज्ञों के मुताबिक, हाथी अभयारण्य चाहे जितने बड़े क्षेत्र में बना दिया जाए, अगर उसके आसपास खदानें रहेंगी तो हाथी अभयारण्य का कोई औचित्य नहीं होगा।

हाथियों के संरक्षण के लिए 12 अगस्त को दुनिया भर में विश्व हाथी दिवस मनाया जाता है। देश के कुछ राज्य जहां के एक बड़े क्षेत्र में हाथियों का कुनबा रहता है, उसमें से एक छत्तीसगढ़ भी है। जहां पर छत्तीसगढ़ सरकार एक ओर हाथियों के लिए हाथी अभयारण्य बनाना चाह रही है। वहीं दूसरी ओर कोयला खदानों का आवंटन भी कर रही है। जीव विशेषज्ञों के मुताबिक, हाथी अभयारण्य चाहे जितने बड़े क्षेत्र में बना दिया जाए, अगर उसके आसपास खदानें रहेंगी तो हाथी अभयारण्य का कोई औचित्य नहीं होगा।

जिस रामबहादुर ने बाघों की संख्या बढ़ाने में मदद की, उसी हाथी राम बहादुर ने अपने महावत को कैसे मार डाला?
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By Arun Singh

जानवर कब क्या कर बैठें, यहां तक कि जिन्होंने उनकी दशकों तक देखभाल की हो वो भी उनका व्यवहार पूरी तरह से नहीं समझ सकते हैं। हाल ही में मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में एक हाथी ने अपने ट्रेनर को ही मार डाला, जिससे वन अभ्यारण्य में महावतों और रेंजरों के बीच सदमे की लहर दौड़ गई।

जानवर कब क्या कर बैठें, यहां तक कि जिन्होंने उनकी दशकों तक देखभाल की हो वो भी उनका व्यवहार पूरी तरह से नहीं समझ सकते हैं। हाल ही में मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में एक हाथी ने अपने ट्रेनर को ही मार डाला, जिससे वन अभ्यारण्य में महावतों और रेंजरों के बीच सदमे की लहर दौड़ गई।

मथुरा में बना देश का पहला हाथी अस्पताल, जानिए यहां क्या है खास
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By Diti Bajpai

ग्रामीणों और हाथियों के झुंड के बीच बीच-बचाव के प्रयास में फॉरेस्ट गार्ड को अपनी जान गंवानी पड़ी
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By Manoj Choudhary

2019-20 और 2021-22 के बीच, देश में हाथियों के हमले से कम से कम 1,578 लोग मारे गए हैं। इस सूची में ओडिशा सबसे ऊपर है, इसके बाद झारखंड, पश्चिम बंगाल और असम का नंबर आता है। 23 जुलाई को झारखंड के खूंटी में गुस्साए हाथी पर पथराव कर रहे ग्रामीणों को बचाने के प्रयास में 32 साल के फॉरेस्ट गार्ड की मौत हो गई थी।

2019-20 और 2021-22 के बीच, देश में हाथियों के हमले से कम से कम 1,578 लोग मारे गए हैं। इस सूची में ओडिशा सबसे ऊपर है, इसके बाद झारखंड, पश्चिम बंगाल और असम का नंबर आता है। 23 जुलाई को झारखंड के खूंटी में गुस्साए हाथी पर पथराव कर रहे ग्रामीणों को बचाने के प्रयास में 32 साल के फॉरेस्ट गार्ड की मौत हो गई थी।

दुर्गा: मरने के कगार पर थी, अब दुधवा की सबसे दुलारी और शरारती हाथी है
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By Daya Sagar

ये कहानी हाथी के छोटे बच्चे की है। जो मधुमक्खियों के हमले में मरणासन्न हो गई थी, वन विभाग और दुधवा के कर्मचारियों ने बचाया और फिर वह सबकी दुलारी बन गई। देखिए वीडियो

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इंसान और हाथियों के संघर्ष को रोकने के लिए छत्तीसगढ़ वन विभाग जंगली हाथियों को खिलाएगा धान
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By Praphull Thakur

छत्तीसगढ़ के हाथी अब धान खाएंगे और उन्हें धान खिलाने का बीड़ा उठाया है राज्य सरकार के वन विभाग ने। हाथी-मानव द्वंद रोकने के लिए वन विभाग गांवों के बाहर हाथियों के खाने के लिए धान रखेगा। इसके लिए वन विभाग बड़ी मात्रा में खाद्य विभाग से धान की खरीदी कर रहा है। वन विभाग का मानना है कि हाथी धान खाकर संतुष्ट हो जाएंगे और वे मानव आबादी की ओर रुख नहीं करेंगे। लेकिन वन्य जीव विशेषज्ञ सरकार के इस फैसले के पक्ष में नहीं हैं।

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जंगली जानवरों को खाना खिलाना, यह दोस्ती है या उनसे दुश्मनी निभाना
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By Janaki Lenin

हाथियों-जनजातियों के बीच का रिश्ता और उनसे जुड़ी कई अनोखी कहानियाँ
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By Pankaja Srinivasan

ऑस्कर विनर डाक्यूमेंट्री 'द एलीफेंट व्हिस्परर्स’को जहाँ फिल्माया गया था, वहाँ से करीब 200 किलोमीटर दूर, टॉप स्लिप, कोयम्बटूर के एक शिविर में महावत, कावड़ी और कुमकी हाथियों से जुड़ी ढ़ेरों कहानियाँ मौजूद हैं। एशिया के सबसे पुराने हाथी शिविर वाले राज्य का ये हिस्सा हरे-भरे सौंदर्य के बीच बसा हाथियों का एक देश है।

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छत्तीसगढ़ में बढ़ते खनन के चलते मध्य प्रदेश की तरफ रुख कर रहे हाथियों के झुंड
छत्तीसगढ़ में बढ़ते खनन के चलते मध्य प्रदेश की तरफ रुख कर रहे हाथियों के झुंड

By Anil Tiwari

पर्यावरणविदों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में तेजी से बढ़ रही खनन गतिविधियों के कारण हाथियों के प्राकृतिक आवास खत्म होते जा रहे हैं। इन जंगली हाथियों ने वहां से पलायन कर अब मध्य प्रदेश के जंगलों में स्थित गांवों की और रुख किया है। जिस वजह से इंसान और हाथी के बीच संघर्ष की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।

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वन्यजीव विशेषज्ञ ने बताया कैसे हाथियों के रास्तों में अतिक्रमण के कारण बढ़ रहा है मानव-हाथी संघर्ष
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By गाँव कनेक्शन

हाथियों द्वारा जंगलों में प्रवास के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले रास्तों पर अतिक्रमण नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन खनन, नहरों, रेलवे लाइनों जैसी गतिविधियां अक्सर इन रास्तों पर रुकावट बनती हैं, जिसके कारण हाथियों और मानव आबादी के बीच झड़पों की घटनाएं बढ़ जाती हैं।

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