लोक-आस्था की वैश्विक देवी बन गई हैं छठी मइया
लोक-आस्था की वैश्विक देवी बन गई हैं छठी मइया

By Manoj Bhawuk

छठ पूजा की सबसे बड़ी सुंदरता इसकी लोकभाषा और लोक-संगीत में है। छठी मइया को गीतों में संवाद पसंद है, संस्कृत के गूढ़ मंत्रों में नहीं। यही कारण है कि घर से घाट तक की यात्रा गीतों से भरी होती है

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इंटरनेट पर अब अंग्रेजी को टक्कर देने को तैयार हो रही हिंदी
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By Deepak Acharya

परदेस के इस गाँव से एक शख्स कैसे जगा रहा है हिंदी शिक्षा की अलख
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By Sarvesh Tiwari

मॉरीशस के गाँव त्रियोले में रहने वाले चंद्रप्रकाश विनय दसोय आज पूरी दुनिया में फैले भारतीय मूल के लोगों के लिए खास हैं। वजह है उनका हिंदी और अपनी संस्कृति के प्रति प्रेम। शिक्षा विभाग में आला अधिकारी के पद से रिटायर होने के बाद भी उन्होंने हिंदी शिक्षा की अलख जगाने का काम बंद नहीं किया है। बच्चों को जहाँ हिंदी में बात के लिए वे प्रोत्साहित करते हैं, युवाओं को हिंदी नाटकों से जोड़ कर उन्हें विदेशों में मंच साझा करने का मौका भी दे रहे हैं ।

मॉरीशस के गाँव त्रियोले में रहने वाले चंद्रप्रकाश विनय दसोय आज पूरी दुनिया में फैले भारतीय मूल के लोगों के लिए खास हैं। वजह है उनका हिंदी और अपनी संस्कृति के प्रति प्रेम। शिक्षा विभाग में आला अधिकारी के पद से रिटायर होने के बाद भी उन्होंने हिंदी शिक्षा की अलख जगाने का काम बंद नहीं किया है। बच्चों को जहाँ हिंदी में बात के लिए वे प्रोत्साहित करते हैं, युवाओं को हिंदी नाटकों से जोड़ कर उन्हें विदेशों में मंच साझा करने का मौका भी दे रहे हैं ।

टीचर्स डायरी: एक तमिलियन संपादक का प्यार से अपनी हिंदी टीचर को याद करना
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By Pankaja Srinivasan

पचास साल पहले मेरी हिंदी शिक्षिका ने मुझे जो कुछ भी सिखाया था, उसमें से ज्यादातर को तो मैं अपने जीवन के सफर में भूल गई। लेकिन सालों पहले शशि गोयला का बड़े प्यार से यह कहना कि मैं भाषा पर अधिक ध्यान दूं, मुझे आज भी फायदा पहुंचा रहा है।

पचास साल पहले मेरी हिंदी शिक्षिका ने मुझे जो कुछ भी सिखाया था, उसमें से ज्यादातर को तो मैं अपने जीवन के सफर में भूल गई। लेकिन सालों पहले शशि गोयला का बड़े प्यार से यह कहना कि मैं भाषा पर अधिक ध्यान दूं, मुझे आज भी फायदा पहुंचा रहा है।

उर्दू को देवनागरी में लिखकर हिंदी के पास लाएं
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By Dr SB Misra

अब मोबाइल पर करें हिन्दी टाइपिंग
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By Bidyut Majumdar

भाषा और धर्म की विविधता ने भारतीय जनमानस की सोच को विभाजित कर दिया
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By Dr SB Misra

भाषा और धर्म की विविधता भारत की सांस्कृतिक संपदा है, लेकिन यही विविधता कभी-कभी समाज को विभाजित भी करती है। मराठा मानुष की राजनीति से लेकर दक्षिण भारत में हिंदी विरोध तक, और यूरोप तथा कनाडा के भाषाई संघर्षों के संदर्भ में भारत की एकता पर विचार करने की ज़रूरत है। क्या भारत में एक साझा राष्ट्रभाषा संभव है? और क्या भाषाई असहिष्णुता भविष्य में भारत की अखंडता के लिए खतरा बन सकती है?

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हिंदी अंग्रेजी ही नहीं स्पेनिश भी सीखते हैं इस गाँव के बच्चे
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By गाँव कनेक्शन

यूपी के इस गाँव में एक-दो-तीन, वन-टू-थ्री के साथ ही बच्चे अब उनो, दोस, त्रेस, पढ़ते मिल जाएँगे। तभी तो ये गाँव पर्यटकों की पहली पसंद बन रहा है।

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यूपी बोर्ड ने घोषित की 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा की तारीख़, जानिए कब से कब तक होगी परीक्षा
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By गाँव कनेक्शन

हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएँ 22 फरवरी से शुरु हो रहीं हैं; दोनों परीक्षाएँ 9 मार्च तक चलेंगी।

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ग्रामीण शिक्षा: साधन बढ़े, लेकिन गुणवत्ता क्यों नहीं?
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By Dr SB Misra

आज के समय में गाँव-गाँव में प्राइमरी स्कूल खुले हैं और हर पंचायत में एक सीनियर प्राइमरी यानी कक्षा 6, 7, 8 के लिए विद्यालय मौजूद है। पहले की अपेक्षा अच्छे भवन हैं, अधिक संख्या में अध्यापक, कुर्सी, मेज, ब्लैकबोर्ड सब कुछ है। लेकिन फिर भी शिक्षा का स्तर दयनीय है।

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