By Gaon Connection
भारत ने पहली बार हिम तेंदुओं की देशव्यापी वैज्ञानिक गणना पूरी की है, जिसमें कुल 718 तेंदुओं के होने की पुष्टि हुई। यह सर्वे हिमालयी इकोसिस्टम की सुरक्षा और इस दुर्लभ प्रजाति के संरक्षण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
भारत ने पहली बार हिम तेंदुओं की देशव्यापी वैज्ञानिक गणना पूरी की है, जिसमें कुल 718 तेंदुओं के होने की पुष्टि हुई। यह सर्वे हिमालयी इकोसिस्टम की सुरक्षा और इस दुर्लभ प्रजाति के संरक्षण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
By Kushal Mishra
By Divendra Singh
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर, चंबा, मंडी, कुल्लू और कांगड़ा जिलों में भी केसर की खेती की शुरूआत की गई है। यहां की जलवायु केसर की खेती के लिए अनुकूल है।
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर, चंबा, मंडी, कुल्लू और कांगड़ा जिलों में भी केसर की खेती की शुरूआत की गई है। यहां की जलवायु केसर की खेती के लिए अनुकूल है।
By Arvind Shukla
सेब की कम कीमतों से परेशान हिमाचल प्रदेश के सेब बागानों ने विरोध तेज कर दिया है। किसान प्रदेश में सेब के कारोबार में शामिल कंपनियों पर लगाम लगाने और हिमाचल में कश्मीर की तर्ज पर एमआईएस योजना के तहत सेब के रेट घोषित करने की मांग कर रहे हैं।
सेब की कम कीमतों से परेशान हिमाचल प्रदेश के सेब बागानों ने विरोध तेज कर दिया है। किसान प्रदेश में सेब के कारोबार में शामिल कंपनियों पर लगाम लगाने और हिमाचल में कश्मीर की तर्ज पर एमआईएस योजना के तहत सेब के रेट घोषित करने की मांग कर रहे हैं।
By Divendra Singh
औषधीय गुणों से भरपूर लाल चावल किस्म की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है। लाल चावल की बाजार में अधिक मांग होने से इसकी बढ़िया कीमत भी मिल जाती है।
औषधीय गुणों से भरपूर लाल चावल किस्म की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है। लाल चावल की बाजार में अधिक मांग होने से इसकी बढ़िया कीमत भी मिल जाती है।
By Arvind Shukla
सालभर के इंतजार के बाद हिमाचल में सेब किसानों के पास ये पैसा आने का समय हैं। लेकिन वो परेशान हैं क्योंकि उन्हें मार्केट में अच्छा भाव नहीं मिल रहा है। किसानों के मुताबिक अदानी की कंपनी ने पिछले साल की अपेक्षा सेब के रेट 16 रुपए किलो कम दिया है, जिसके बाद मार्केट में भी गिरावट आई है।
सालभर के इंतजार के बाद हिमाचल में सेब किसानों के पास ये पैसा आने का समय हैं। लेकिन वो परेशान हैं क्योंकि उन्हें मार्केट में अच्छा भाव नहीं मिल रहा है। किसानों के मुताबिक अदानी की कंपनी ने पिछले साल की अपेक्षा सेब के रेट 16 रुपए किलो कम दिया है, जिसके बाद मार्केट में भी गिरावट आई है।
By गाँव कनेक्शन
By गाँव कनेक्शन
By Ashwani Nigam
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