टीचर्स डायरी: "केमिस्ट्री के तत्वों के नाम न भूल जाएं बच्चे, इसलिए कर दिया उनका रासायनिक नामकरण"

शालिनी पाण्डे अपर प्राइमरी स्कुल मझिगवाँ, सीतापुर मे शिक्षिका हैं और बच्चों को पढ़ाने और सीखाने के लिए नई नई तरकीबों का इस्तेमाल करती रहती हैं। टीचर्स डायरी में वो अपना अनुभव साझा कर रही हैं।

Shalini PandeyShalini Pandey   14 April 2023 12:25 PM GMT

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टीचर्स डायरी: केमिस्ट्री के तत्वों के नाम न भूल जाएं बच्चे, इसलिए कर दिया उनका रासायनिक नामकरण

पहले रामपुर जिले के भोलापुर गाँव के उच्च प्राथमिक विद्यालय में नियुक्ति हुई, छह साल तक वहां पर रही, इन छह सालों में बहुत कुछ सीखा और सीखाया, लेकिन जब वहां से ट्रांसफर हुआ तो बच्चों के साथ ही साथी टीचर भी रोने लगे, मैंने उन्हें समझाया कि अगर मैं जा रहीं हूं तो कोई आएगा।

वहां ट्रांसफर के बाद मैं सीतापुर में आ गई, यहां पर बहुत सारी नई चीजें शुरू की। आज हम साइंस क्लास में बच्चों को उनके नाम से नहीं बल्कि केमिस्ट्री के तत्वों के नाम से बुलाते हैं, यही नहीं हमने बच्चों को राज्यों और उनकी राजधानी का नाम याद कराने के लिए उनका नाम राज्यों के नाम पर रख देते हैं। जैसे कि आरती को आंध्र प्रदेश तो राहुल को हिमाचल प्रदेश नाम दे दिया।


मैं शुरू से ही साइंटिस्ट बनना चाहती थी, जब टीचर की नौकरी लगी तो लेकिन अचानक से शिक्षा के क्षेत्र में आना अलग ही अनुभव रहा। शुरू में बच्चों को पढ़ाने में बहुत दिक्कत होती थी, बच्चे खाने के टाइम समय से आ जाते लेकिन पढ़ाई के नाम से भागते रहते थे तब मैंने साइंस और मैथ्स को आसान तरीकों से पढ़ाना शुरू किया।

लेकिन अगर सिर्फ किताबों से पढ़ने की बात करें, तो बच्चों का लम्बे समय तक याद रखना मुश्किल हो सकता है। इसलिए मैंने थीम टीचिंग, पेयर टीचिंग मेथड का इस्तेमाल करना शुरू किया, जिससें बच्चों को चीजे लम्बे समय तक याद रह सके, फिर क्या था बच्चों को पढाने और फार्मुले याद कराने का एक नया तरीका अपनाया जिसमे सबसे खास बात ये थी कि बच्चो के नाम के अनुसार किसी भी फार्मूले को जोड़ देना और उसी प्रकार पूरी क्लास का नाम फार्मूले से होता है।

मैं स्कूल में कई नई चीजें कराती हूं, जैसे कि डॉन्स कॉम्पटीशन, सिलाई-कढ़ाई के साथ ही खेल-कूद भी जिससे बच्चे नई-नई चीजें सीखते रहें। मैं बच्चों को स्कूल मे पढ़ाने के साथ-साथ बच्चों को योग करना भी सिखाती हूं और संस्थानों के साथ जुङ़कर काम करती हूं।

यह स्टोरी गाँव कनेक्शन के इंटर्न अंबिका त्रिपाठी ने लिखी है।

आप भी टीचर हैं और अपना अनुभव शेयर करना चाहते हैं, हमें [email protected] पर भेजिए

साथ ही वीडियो और ऑडियो मैसेज व्हाट्सएप नंबर +919565611118 पर भेज सकते हैं।


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