By Mithilesh Dhar
देश में इस बात की चर्चा है कि क्या कर्ज़ामाफ़ी ही वी ब्रह्मास्त्र है जिससे कृषि संकट खत्म हो जाएगा
देश में इस बात की चर्चा है कि क्या कर्ज़ामाफ़ी ही वी ब्रह्मास्त्र है जिससे कृषि संकट खत्म हो जाएगा
By Sachin Tulsa tripathi
After torrential rains last year ruined any prospect of profits for the musk melon cultivators in Satna, Madhya Pradesh, and sunk them in debt, the farmers have doubled the acreage of cultivation hoping their gamble will pay off this year.
After torrential rains last year ruined any prospect of profits for the musk melon cultivators in Satna, Madhya Pradesh, and sunk them in debt, the farmers have doubled the acreage of cultivation hoping their gamble will pay off this year.
By Arvind Shukla
मध्य प्रदेश में 65 साल के बुजुर्ग किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उनके ऊपर दो बैंक और 2 सोसाइटी का पौने 9 लाख रुपए का कर्ज़ था। मध्य प्रदेश में साल 2019 की अपेक्षा 2020 में किसान आत्महत्या के मामलों में 65 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
मध्य प्रदेश में 65 साल के बुजुर्ग किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उनके ऊपर दो बैंक और 2 सोसाइटी का पौने 9 लाख रुपए का कर्ज़ था। मध्य प्रदेश में साल 2019 की अपेक्षा 2020 में किसान आत्महत्या के मामलों में 65 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
By Mithilesh Dhar
By Arvind Singh Parmar
Farmer committed suicide: Ratan Singh Rajput, 60, was under a debt of Rs 11 lakh and there was pressure to pay up. He had lost his urad crop owing to heavy rain. Unable to take so much stress, he ended his life
Farmer committed suicide: Ratan Singh Rajput, 60, was under a debt of Rs 11 lakh and there was pressure to pay up. He had lost his urad crop owing to heavy rain. Unable to take so much stress, he ended his life
By Anil Tiwari
मध्य प्रदेश के विंध्य क्षेत्र में कई आदिवासी भूमिहीन किसानों के पास एक जबानी (मौखिक) करार है, जिसे तिहैया के रूप में जाना जाता है। ‘तिहैया’ किसानों को फसल का कुछ हिस्सा उन जमींदारों को देने के लिए बाध्य करता है, जो उन्हें जमीन पट्टे पर देते हैं। इसके तहत किसानों द्वारा उगाई जाने वाली उपज का दो-तिहाई हिस्सा जमीदारों को देना पड़ता है। तिहैया किसान अक्सर कर्ज के जाल में फंसे रहते हैं।
मध्य प्रदेश के विंध्य क्षेत्र में कई आदिवासी भूमिहीन किसानों के पास एक जबानी (मौखिक) करार है, जिसे तिहैया के रूप में जाना जाता है। ‘तिहैया’ किसानों को फसल का कुछ हिस्सा उन जमींदारों को देने के लिए बाध्य करता है, जो उन्हें जमीन पट्टे पर देते हैं। इसके तहत किसानों द्वारा उगाई जाने वाली उपज का दो-तिहाई हिस्सा जमीदारों को देना पड़ता है। तिहैया किसान अक्सर कर्ज के जाल में फंसे रहते हैं।
By गाँव कनेक्शन
By डॉ. शिव बालक मिश्र
By Khadim Abbas Rizvi
By Arvind Shukla
राजस्थान में 31 मई से आखिरकार किसानों के बीच कर्जमाफी प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। लेकिन कर्ज़माफी में शामिल नियम और शर्तों को लेकर किसान नाखुश हैं।
राजस्थान में 31 मई से आखिरकार किसानों के बीच कर्जमाफी प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। लेकिन कर्ज़माफी में शामिल नियम और शर्तों को लेकर किसान नाखुश हैं।