By Diti Bajpai
After World War II, many nations had learned to control the disease, which doesn’t only kill the afflicted animal, but also humans coming in their contact. To avoid infection, the infected animal is shot immediately
After World War II, many nations had learned to control the disease, which doesn’t only kill the afflicted animal, but also humans coming in their contact. To avoid infection, the infected animal is shot immediately
By Divendra Singh
हरियाणा के झज्जर में 2 घोड़ों में हुई इस बीमारी की पुष्टि। पशुपालन विभाग ने जिले के 143 घोड़ों के सैंपल को राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र, हिसार भेजे थे। इसका नहीं कोई इलाज, पशु को मारना आखिरी विकल्प।
हरियाणा के झज्जर में 2 घोड़ों में हुई इस बीमारी की पुष्टि। पशुपालन विभाग ने जिले के 143 घोड़ों के सैंपल को राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र, हिसार भेजे थे। इसका नहीं कोई इलाज, पशु को मारना आखिरी विकल्प।
By Diti Bajpai
By Diti Bajpai
ग्लैंडर्स जीवाणु जनित रोग है। इस बीमारी के बैक्टीरिया सेल में प्रवेश कर जाते हैं। इलाज से भी यह पूरी तरह नहीं मरते हैं। यह बीमारी ज्यादातर घोड़े, गधों और खच्चरों में होती है। इस बीमारी से पीड़ित पशु को मारना ही पड़ता है।
ग्लैंडर्स जीवाणु जनित रोग है। इस बीमारी के बैक्टीरिया सेल में प्रवेश कर जाते हैं। इलाज से भी यह पूरी तरह नहीं मरते हैं। यह बीमारी ज्यादातर घोड़े, गधों और खच्चरों में होती है। इस बीमारी से पीड़ित पशु को मारना ही पड़ता है।