By Divendra Singh
पशुओं के शरीर में होने वाली खनिज और पोषण तत्वों की पूर्ति के लिए इस चॉकलेट को बनाया गया है। इस चॉकलेट से पशुओं की प्रजनन क्षमता का भी विकास होता है।
पशुओं के शरीर में होने वाली खनिज और पोषण तत्वों की पूर्ति के लिए इस चॉकलेट को बनाया गया है। इस चॉकलेट से पशुओं की प्रजनन क्षमता का भी विकास होता है।
By Divendra Singh
नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर का पशु पोषण विभाग पशुओं के लिए चॉकलेट बना रहा है। विश्वविद्यालय के अनुसार इसके इस्तेमाल से न केवल दूध उत्पादन बढ़ा है, बल्कि पशुओं के प्रजनन और प्रतिरोधक क्षमता में भी सुधार हुआ है।
नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर का पशु पोषण विभाग पशुओं के लिए चॉकलेट बना रहा है। विश्वविद्यालय के अनुसार इसके इस्तेमाल से न केवल दूध उत्पादन बढ़ा है, बल्कि पशुओं के प्रजनन और प्रतिरोधक क्षमता में भी सुधार हुआ है।
By Diti Bajpai
50 हजार से 1 लाख रुपए की ये मशीनें लगाकर हर महीने हजारों रुपए कमा सकते हैं बेरोजगार
50 हजार से 1 लाख रुपए की ये मशीनें लगाकर हर महीने हजारों रुपए कमा सकते हैं बेरोजगार
By Diti Bajpai
पशुओं के लिए संतुलित आहार बहुत जरूरी है क्योंकि संतुलित आहार पशुओं में दूध उत्पादन की क्षमता को तो बढ़ाता ही है साथ ही पशुओं को स्वस्थ भी रखता है।
पशुओं के लिए संतुलित आहार बहुत जरूरी है क्योंकि संतुलित आहार पशुओं में दूध उत्पादन की क्षमता को तो बढ़ाता ही है साथ ही पशुओं को स्वस्थ भी रखता है।
By Dr Savin Bhongra
कई बार पशुओं को अच्छा चारा तो देते हैं, लेकिन संतुलित आहार नहीं देते जोकि पोषक तत्वों के लिए सबसे जरूरी होता है, इसलिए पशुपालकों को सबसे पहले यह जानना चाहिए कि कौन से पोषक तत्व का क्या फायदा है।
कई बार पशुओं को अच्छा चारा तो देते हैं, लेकिन संतुलित आहार नहीं देते जोकि पोषक तत्वों के लिए सबसे जरूरी होता है, इसलिए पशुपालकों को सबसे पहले यह जानना चाहिए कि कौन से पोषक तत्व का क्या फायदा है।
By Divendra Singh
पशुपालक अक्टूबर से नवंबर तक चारा बीट की बुवाई कर सकते हैं, जिससे उन्हें अप्रैल तक पशुओं के लिए हरा चारा मिलता रहेगा।
पशुपालक अक्टूबर से नवंबर तक चारा बीट की बुवाई कर सकते हैं, जिससे उन्हें अप्रैल तक पशुओं के लिए हरा चारा मिलता रहेगा।
By Diti Bajpai
मार्च से लेकर अगस्त तक इस घास को बोया जा सकता है। इस घास को नदी, नालों, तालाबों व गड्ढ़ों के किनारे की नम जमीन और निचली जमीन में जहां पानी भरा रहता है वहां आसानी से उगाया जाता है।
मार्च से लेकर अगस्त तक इस घास को बोया जा सकता है। इस घास को नदी, नालों, तालाबों व गड्ढ़ों के किनारे की नम जमीन और निचली जमीन में जहां पानी भरा रहता है वहां आसानी से उगाया जाता है।
By Diti Bajpai
By Diti Bajpai
दुनिया भर में ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन का करीब एक तिहाई हिस्सा जुगाली करने वाले जानवरों से आता है। नासा ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा भी किया है कि गाय साल भर में केवल डकार के कारण 80 से 120 किलो मिथेन गैस निकालती है, जो कोई एक कार साल भर में इतना ही प्रदूषण उत्सर्जित करती है।
दुनिया भर में ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन का करीब एक तिहाई हिस्सा जुगाली करने वाले जानवरों से आता है। नासा ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा भी किया है कि गाय साल भर में केवल डकार के कारण 80 से 120 किलो मिथेन गैस निकालती है, जो कोई एक कार साल भर में इतना ही प्रदूषण उत्सर्जित करती है।
By Mukti Sadhan Basu
The havoc created by air pollution in Delhi NCR could be turned into an opportunity by creating a National Fodder Bank utilising rice-wheat straw, left for burning, and fortifying the same with nutritious food legume stover
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