By Chandrakant Mishra
In 2018, nearly 6 lakh women died due to breast cancer, which is around 15% of all cancer deaths among women, reports the World Health Organization
In 2018, nearly 6 lakh women died due to breast cancer, which is around 15% of all cancer deaths among women, reports the World Health Organization
By Astha Singh
By Chandrakant Mishra
स्तन कैंसर होने की वजह क्या है यह अभी तक स्पष्ट पता नहीं चल सका है, लेकिन देखने में आया है कि कुछ अनुवांशिक कारण भी होते हैं
स्तन कैंसर होने की वजह क्या है यह अभी तक स्पष्ट पता नहीं चल सका है, लेकिन देखने में आया है कि कुछ अनुवांशिक कारण भी होते हैं
By Anusha Mishra
By डॉ दीपक आचार्य
By Deepak Acharya
Sweet potatoes are considered an extremely rich source of antioxidants and their skins have abundant beta carotene. The rose-coloured skin of sweet potato has cancer-fighting anthocyanins
Sweet potatoes are considered an extremely rich source of antioxidants and their skins have abundant beta carotene. The rose-coloured skin of sweet potato has cancer-fighting anthocyanins
By दरख्शां कदीर सिद्दीकी
By Sanjay Srivastava
By Chandrakant Mishra
ज्यादातर महिलाओं में स्तन कैंसर का पता तब चल पाता है जब वह अंतिम चरण पर होता है। इसका सही समय पर पता चल जाना बहुत जरूरी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भारत में हर साल पांच लाख महिलाएं कैंसर से अकाल मौत का शिकार हो रही हैं
ज्यादातर महिलाओं में स्तन कैंसर का पता तब चल पाता है जब वह अंतिम चरण पर होता है। इसका सही समय पर पता चल जाना बहुत जरूरी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भारत में हर साल पांच लाख महिलाएं कैंसर से अकाल मौत का शिकार हो रही हैं
By गाँव कनेक्शन
स्तन कैंसर के कुछ लक्षणों में स्तन या बगल में गांठ बन जाना, स्तन के निप्पल से खून आना, स्तन की त्वचा पर नारंगी धब्बे पड़ना, स्तन में दर्द होना, गले या बगल में लिम्फ नोड्स के कारण सूजन होना आदि प्रमुख हैं। जागरूकता की कमी और रोग की पहचान में देरी के चलते उपचार में कठिनाई भी आती है।
स्तन कैंसर के कुछ लक्षणों में स्तन या बगल में गांठ बन जाना, स्तन के निप्पल से खून आना, स्तन की त्वचा पर नारंगी धब्बे पड़ना, स्तन में दर्द होना, गले या बगल में लिम्फ नोड्स के कारण सूजन होना आदि प्रमुख हैं। जागरूकता की कमी और रोग की पहचान में देरी के चलते उपचार में कठिनाई भी आती है।