अगर आप अश्वपालक हैं तो आपको इन बीमारियों की जानकारी होनी चाहिए
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By Diti Bajpai

देश से खत्म हुई घोड़ों में होने वाली इन्फ्लुएंजा बीमारी
देश से खत्म हुई घोड़ों में होने वाली इन्फ्लुएंजा बीमारी

By Diti Bajpai

देश में पहली बार भ्रूण स्थानांतरण तकनीक से हुआ मारवाड़ी घाेड़ी 'राज-प्रथमा' का जन्म, इस तकनीक से बढ़ सकती है अब घोड़ों की सँख्या
देश में पहली बार भ्रूण स्थानांतरण तकनीक से हुआ मारवाड़ी घाेड़ी 'राज-प्रथमा' का जन्म, इस तकनीक से बढ़ सकती है अब घोड़ों की सँख्या

By Divendra Singh

देश में घोड़ों की संख्या में कमी एक बड़ी समस्या है, वैज्ञानिक इस समस्या से निपटने के लिए नए-नए प्रयोग कर रहे हैं। मारवाड़ी नस्ल की घोड़ी में पहलीभ्रूण स्थानांतरण तकनीक से राज प्रथमा का जन्म हुआ है।

देश में घोड़ों की संख्या में कमी एक बड़ी समस्या है, वैज्ञानिक इस समस्या से निपटने के लिए नए-नए प्रयोग कर रहे हैं। मारवाड़ी नस्ल की घोड़ी में पहलीभ्रूण स्थानांतरण तकनीक से राज प्रथमा का जन्म हुआ है।

मथुरा में घोड़ों, खच्चरों को 'ग्लैण्डर्स' बीमारी, पांच पशुओं को मारा गया
मथुरा में घोड़ों, खच्चरों को 'ग्लैण्डर्स' बीमारी, पांच पशुओं को मारा गया

By Diti Bajpai

ईंट-भट्ठे पर काम करने वाले लोगों को मुफ्त में मास्क बांट रहीं हैं समूह की महिलाएं
ईंट-भट्ठे पर काम करने वाले लोगों को मुफ्त में मास्क बांट रहीं हैं समूह की महिलाएं

By गाँव कनेक्शन

कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए ब्रुक इंडिया ने दस राज्यों में समूह से जुड़ी महिलाओं को वीडियो कॉल की मदद से मास्क बनाने का प्रशिक्षण दिया। अब ये महिलाएं ईंट-भट्ठे पर काम करने वाले लोगों के साथ ही दूसरे लोगों को मुफ्त में मास्क बांट रहीं हैं।

कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए ब्रुक इंडिया ने दस राज्यों में समूह से जुड़ी महिलाओं को वीडियो कॉल की मदद से मास्क बनाने का प्रशिक्षण दिया। अब ये महिलाएं ईंट-भट्ठे पर काम करने वाले लोगों के साथ ही दूसरे लोगों को मुफ्त में मास्क बांट रहीं हैं।

फिर मंडराया घोड़ों पर लाइलाज बीमारी ग्लैंडर्स का खतरा, जानवरों से इंसानों में भी हो सकता है संक्रमण
फिर मंडराया घोड़ों पर लाइलाज बीमारी ग्लैंडर्स का खतरा, जानवरों से इंसानों में भी हो सकता है संक्रमण

By Divendra Singh

हरियाणा के झज्जर में 2 घोड़ों में हुई इस बीमारी की पुष्टि। पशुपालन विभाग ने जिले के 143 घोड़ों के सैंपल को राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र, हिसार भेजे थे। इसका नहीं कोई इलाज, पशु को मारना आखिरी विकल्प।

हरियाणा के झज्जर में 2 घोड़ों में हुई इस बीमारी की पुष्टि। पशुपालन विभाग ने जिले के 143 घोड़ों के सैंपल को राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र, हिसार भेजे थे। इसका नहीं कोई इलाज, पशु को मारना आखिरी विकल्प।

बागपत में भी फैली ग्लैंडर्स बीमारी, अब तक नौ घोड़ों को सुलाया गया मौत की नींद
बागपत में भी फैली ग्लैंडर्स बीमारी, अब तक नौ घोड़ों को सुलाया गया मौत की नींद

By Diti Bajpai

ग्लैंडर्स जीवाणु जनित रोग है। इस बीमारी के बैक्टीरिया सेल में प्रवेश कर जाते हैं। इलाज से भी यह पूरी तरह नहीं मरते हैं। यह बीमारी ज्यादातर घोड़े, गधों और खच्चरों में होती है। इस बीमारी से पीड़ित पशु को मारना ही पड़ता है।

ग्लैंडर्स जीवाणु जनित रोग है। इस बीमारी के बैक्टीरिया सेल में प्रवेश कर जाते हैं। इलाज से भी यह पूरी तरह नहीं मरते हैं। यह बीमारी ज्यादातर घोड़े, गधों और खच्चरों में होती है। इस बीमारी से पीड़ित पशु को मारना ही पड़ता है।

भारत में सात साल में कम हुए 6 लाख घोड़े, गधे और खच्चर
भारत में सात साल में कम हुए 6 लाख घोड़े, गधे और खच्चर

By Diti Bajpai

Used as a weapon during World War I, this disease is still claiming the lives of horse and donkeys
Used as a weapon during World War I, this disease is still claiming the lives of horse and donkeys

By Diti Bajpai

After World War II, many nations had learned to control the disease, which doesn’t only kill the afflicted animal, but also humans coming in their contact. To avoid infection, the infected animal is shot immediately

After World War II, many nations had learned to control the disease, which doesn’t only kill the afflicted animal, but also humans coming in their contact. To avoid infection, the infected animal is shot immediately

इस तकनीक की मदद से देश में बढ़ सकती है घोड़े और टट्टुओं की संख्या
इस तकनीक की मदद से देश में बढ़ सकती है घोड़े और टट्टुओं की संख्या

By गाँव कनेक्शन

लेह-लद्दाख में पाए जाने जांस्कारी नस्ल की टट्टुओं की संख्या तेजी से घट रही है; ऐसे में वैज्ञानिकों के प्रयोग से बढ़िया नस्ल के घोड़े और टट्टू पैदा किए जा सकते हैं।

लेह-लद्दाख में पाए जाने जांस्कारी नस्ल की टट्टुओं की संख्या तेजी से घट रही है; ऐसे में वैज्ञानिकों के प्रयोग से बढ़िया नस्ल के घोड़े और टट्टू पैदा किए जा सकते हैं।

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