0

इस छोटी सी पहल से कर्नाटक के हावेरी जिले के मजदूरों को अब काम की तलाश में भटकना नहीं पड़ता
इस छोटी सी पहल से कर्नाटक के हावेरी जिले के मजदूरों को अब काम की तलाश में भटकना नहीं पड़ता

By Jyotsna Richhariya

एक ग्रामीण विकास पहल जो कर्नाटक के हावेरी जिले के चार तालुकों में एक 'लेबर बैक' का रखरखाव करती है, जिसने न केवल उस क्षेत्र के किसानों के लिए मजूदरी के मुद्दों को सुलझाया है, बल्कि भूमिहीन मजदूरों को आजीविका भी सुनिश्चित की है, जिन्हें अब आसानी से काम मिल रहा है।

एक ग्रामीण विकास पहल जो कर्नाटक के हावेरी जिले के चार तालुकों में एक 'लेबर बैक' का रखरखाव करती है, जिसने न केवल उस क्षेत्र के किसानों के लिए मजूदरी के मुद्दों को सुलझाया है, बल्कि भूमिहीन मजदूरों को आजीविका भी सुनिश्चित की है, जिन्हें अब आसानी से काम मिल रहा है।

यूपी,एमपी सहित कई राज्यों ने दी श्रम कानूनों में बड़ी ढील, विपक्ष और मजदूर संगठनों ने बताया- 'मजदूर विरोधी'
यूपी,एमपी सहित कई राज्यों ने दी श्रम कानूनों में बड़ी ढील, विपक्ष और मजदूर संगठनों ने बताया- 'मजदूर विरोधी'

By Daya Sagar

कैसी है ग्रामीण भारत में इस भीषण गर्मी में काम कर रहे मजदूरों की ज़िंदगी
कैसी है ग्रामीण भारत में इस भीषण गर्मी में काम कर रहे मजदूरों की ज़िंदगी

By Divendra Singh

शहरों में जब लोग एसी के रिमोट से टेंपरेचर ऊपर-नीचे कर रहे होते हैं, उसी दौरान मजदूर कहीं खेत या किसी घर की दीवारों की ईंट उठाते हुए पसीना बहा रहे होते हैं। बढ़ती गर्मी ने न केवल दिहाड़ी और खेतिहर मजदूरों की सेहत पर असर डाला है, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति को भी प्रभावित किया है।

शहरों में जब लोग एसी के रिमोट से टेंपरेचर ऊपर-नीचे कर रहे होते हैं, उसी दौरान मजदूर कहीं खेत या किसी घर की दीवारों की ईंट उठाते हुए पसीना बहा रहे होते हैं। बढ़ती गर्मी ने न केवल दिहाड़ी और खेतिहर मजदूरों की सेहत पर असर डाला है, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति को भी प्रभावित किया है।

कोरोना प्रभावः 35 लाख मजदूरों को योगी सरकार देगी एक-एक हजार रूपये, 1.65 करोड़ परिवारों को मुफ्त राशन
कोरोना प्रभावः 35 लाख मजदूरों को योगी सरकार देगी एक-एक हजार रूपये, 1.65 करोड़ परिवारों को मुफ्त राशन

By Daya Sagar

मजदूर संगठनों ने कदम का किया स्वागत, लेकिन लाभार्थियों की संख्या पर उठाए सवाल

मजदूर संगठनों ने कदम का किया स्वागत, लेकिन लाभार्थियों की संख्या पर उठाए सवाल

पिछले लॉकडाउन की यादों को जेहन में लिए फिर से घरों की ओर रुख कर रहे प्रवासी मजदूर
पिछले लॉकडाउन की यादों को जेहन में लिए फिर से घरों की ओर रुख कर रहे प्रवासी मजदूर

By Somya Lakhani

कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए एक-एक करके कई राज्य नए प्रतिबंध लगा रहे हैं। साल 2020 में लगे लॉकडाउन की भयावहता प्रवासी मजदूरों के दिमाग में अभी भी है, इसलिए वे फिर से अपने गाँवों की ओर वापस लौटने लगे हैं। सिर पर कर्ज है और घर की जिम्मेदारियां भी निभानी हैं।

कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए एक-एक करके कई राज्य नए प्रतिबंध लगा रहे हैं। साल 2020 में लगे लॉकडाउन की भयावहता प्रवासी मजदूरों के दिमाग में अभी भी है, इसलिए वे फिर से अपने गाँवों की ओर वापस लौटने लगे हैं। सिर पर कर्ज है और घर की जिम्मेदारियां भी निभानी हैं।

नए श्रम कानून से क्या मिल पाएंगे मजदूरों के अधिकार?
नए श्रम कानून से क्या मिल पाएंगे मजदूरों के अधिकार?

By Daya Sagar

ग्राउंड रिपोर्ट: "शरीर के अंग इधर-उधर बिखरे हुए थे, मरने वालों की संख्या कहीं ज्यादा है" हल्दिया रिफाइनरी ब्लास्ट के बचे लोगों ने बताया
ग्राउंड रिपोर्ट: "शरीर के अंग इधर-उधर बिखरे हुए थे, मरने वालों की संख्या कहीं ज्यादा है" हल्दिया रिफाइनरी ब्लास्ट के बचे लोगों ने बताया

By Gurvinder Singh

पश्चिम बंगाल में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की हल्दिया रिफाइनरी में हुए एक भीषण विस्फोट में कम से कम तीन श्रमिकों की मौत हो गई और 44 अन्य घायल हो गए, जिनमें से 16 की हालत गंभीर बताई जा रही है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मरने वालों की संख्या कहीं अधिक होने की आशंका है।

पश्चिम बंगाल में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की हल्दिया रिफाइनरी में हुए एक भीषण विस्फोट में कम से कम तीन श्रमिकों की मौत हो गई और 44 अन्य घायल हो गए, जिनमें से 16 की हालत गंभीर बताई जा रही है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मरने वालों की संख्या कहीं अधिक होने की आशंका है।

गुजरात के गन्ना काटने वाले प्रवासी मजदूर: ये दिन में 12 घंटे काम करते हैं, लेकिन छह महीने के बाद उन्हें भुगतान मिलता है
गुजरात के गन्ना काटने वाले प्रवासी मजदूर: ये दिन में 12 घंटे काम करते हैं, लेकिन छह महीने के बाद उन्हें भुगतान मिलता है

By Nidhi Jamwal

दक्षिण गुजरात में आदिवासी प्रवासी मजदूर गन्ने के खेतों में घंटों मेहनत करते हैं, लेकिन उनके पास न तो ढंग का घर, न शौचालय है और न ही उनके बच्चों के लिए उचित शिक्षा। उनकी मजदूरी उन्हें केवल छह महीने के आखिर में दी जाती है, जो उन्हें सीधे डेढ़ी कर्ज के जाल फंसने को मजबूर करता है, जिसमें 50 प्रतिशत ब्याज चुकाना पड़ता है।

दक्षिण गुजरात में आदिवासी प्रवासी मजदूर गन्ने के खेतों में घंटों मेहनत करते हैं, लेकिन उनके पास न तो ढंग का घर, न शौचालय है और न ही उनके बच्चों के लिए उचित शिक्षा। उनकी मजदूरी उन्हें केवल छह महीने के आखिर में दी जाती है, जो उन्हें सीधे डेढ़ी कर्ज के जाल फंसने को मजबूर करता है, जिसमें 50 प्रतिशत ब्याज चुकाना पड़ता है।

पलायन पार्ट-2 : 1600 रुपये देकर भी नहीं मिली बैठने की जगह, दिल्ली से पटना तक बस में खड़े होकर आया
पलायन पार्ट-2 : 1600 रुपये देकर भी नहीं मिली बैठने की जगह, दिल्ली से पटना तक बस में खड़े होकर आया

By Umesh Kumar Ray

कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के बीच कई राज्यों ने लॉकडाउन लगा दिया है। दिल्ली में भी 19 अप्रैल से 3 मई तक लॉकडाउन घोषित है। इस बीच यहां से अपने घरों को जाने का सिलसिला जारी है। दिल्ली से पटना पहुंचे एस प्रवासी मजदूर समेत कई ने गांव कनेक्शन से साझा की अपनी पीड़ा।

कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के बीच कई राज्यों ने लॉकडाउन लगा दिया है। दिल्ली में भी 19 अप्रैल से 3 मई तक लॉकडाउन घोषित है। इस बीच यहां से अपने घरों को जाने का सिलसिला जारी है। दिल्ली से पटना पहुंचे एस प्रवासी मजदूर समेत कई ने गांव कनेक्शन से साझा की अपनी पीड़ा।

यूपी : मनरेगा में काम पाने के लिए इन नंबरों पर कॉल करें श्रमिक, ग्राम रोजगार सेवकों को भी मिली बड़ी राहत
यूपी : मनरेगा में काम पाने के लिए इन नंबरों पर कॉल करें श्रमिक, ग्राम रोजगार सेवकों को भी मिली बड़ी राहत

By Kushal Mishra

लॉकडाउन में बड़ी संख्या में बाहर से आ रहे प्रवासी मजदूरों को मनरेगा में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी जिलों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिए हैं।

लॉकडाउन में बड़ी संख्या में बाहर से आ रहे प्रवासी मजदूरों को मनरेगा में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी जिलों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिए हैं।

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.